उत्तराखंड में टाइगर रिजर्व में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था, यह बात सरकार के सम्मुख नैनीताल हाई कोर्ट और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने उठाई थी। सरकार ने इन मामलों में सख्त कदम उठाते हए उत्तराखंड के फॉरेस्ट चीफ राजीव भरतरी और वाइल्ड लाइफ चीफ जे एस सुहाग को उनके पदों से हटा दिया है। उत्तराखंड बनने के बाद वन विभाग में अब तक की सबसे बड़ी कारवाई में तीस से ज्यादा आईएफएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने स्पष्ट किया है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और राजा जी टाइगर रिजर्व में कुछ मामले सामने आने पर ये तबादले किये गये हैं।
जानकारी के मुताबिक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अतिक्रमण और अपने चहेतों को रास्ता देने के मामलों को लेकर सरकार की काफी किरकिरी हुई। एनटीसीए ने जांच में इन आरोपों को सही पाया और इस पर एक जनहित याचिका भी नैनीताल हाई कोर्ट में सुनी गई। सरकार को इस मामले में हाई कोर्ट ने फटकार लगाई थी। ऐसा ही मामला राजा जी टाइगर रिजर्व में भी सामने आया। दोनों जंगलों में तैनात आईएफएस अधिकारियों की लिप्तता को देखते हुए अन्य आईएफएस अधिकारी इस मामले की जांच तक करने को तैयार नहीं हुए। घपलों में सीधे-सीधे फॉरेस्ट चीफ राजीव भरतरी और वाइल्ड लाइफ के चीफ वॉर्डन जे एस सुहाग पर आंच आ रही थी। दोनों संवैधानिक संस्थानों को जवाब देना मुश्किल हो गया था। ऐसे में मुख्यमंत्री ने तत्काल फैसला लेते हुए शीर्ष वनाधिकारियों को ही बदल दिया। नए फॉरेस्ट चीफ के रूप में विनोद कुमार सिंघल और वाइल्ड लाइफ चीफ के रूप में डॉ पराग मधुकर धकाते की नियुक्ति हुई है। इसके साथ-साथ 30 अन्य आईएफएस भी बदले गए हैं।
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