उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं पंजाब आदि राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में कोशिश की जा रही है कि उस आंदोलन को फिर से शुरू किया जाए क्योंकि वो आन्दोलन कोरोना संक्रमण के दौरान बंद करा दिया गया था.
विवादित शायर मुनव्वर राना ने कहा है कि सीएए एवं एनआरसी का कानून वापस किया जाना चाहिए. किसानों के लिए उन्होंने कहा कि "जब वो लोग दरिया पार कर चुके हैं तो डटे रहें. जब तक कानून निरस्त नहीं हो जाता तब तक वापस ना जायें."
उधर, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गत दिनों कहा कि सीएए और एनआरसी लागू किया गया तो उत्तर प्रदेश में शाहीन बाग़ बना देंगे. ओवैसी ने कहा, "अगर वह एनपीआर, एनआरसी कानून बनाएंगे, तो हम सड़कों पर उतरेंगे और एक और शाहीन बाग सामने आएगा. मैं पीएम मोदी और बीजेपी से कृषि कानूनों की तरह सीएए को भी रद्द करने की अपील करता हूं."
अब चुनावी मौसम में इन लोगों को सीएए और एनआरसी की याद आई है. इन लोगों को लग रहा है कि इनका आन्दोलन कोरोना के कारण बीच में ही खत्म हो गया था.
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