देहरादून और दिल्ली के बीच इकोनॉमिक कॉरिडोर एक्सप्रेस-वे से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हरे पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। उच्चतम न्यायालय ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का 6 अक्टूबर का आदेश रद्द कर दिया। कोर्ट ने यह मामला फिर से एनजीटी के पास भेज दिया है।
कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर 26 नवंबर तक के लिए रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को नए सिरे से वैधता तय करने के भी निर्देश दिए हैं। इस एक्सप्रेस सड़क के लिए करीब 11 हजार पेड़ काटे जाने हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने 6 अक्टूबर, 2021 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से पारित किए गए आदेश के खिलाफ 'सिटिजन्स फॉर दून' की ओर से दायर अपील पर ये आदेश दिया है। एनजीटी ने इस मामले में अपना दखल देने से मना कर दिया था।
केंद्र सरकार ने कोर्ट में यह दी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट में इस सड़क प्रोजेक्ट के समर्थन में केंद्र सरकार ने कहा है कि इस परियोजना से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय साढ़े छह घंटे से कम होकर महज ढाई घंटे ही रह जाएगा। सरकार की ओर से यह भी बताया गया है कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिहाज से 12 किलोमीटर एलिवेटेड सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि इस परियोजना को जनहित में नहीं रोका जाना चाहिए, इसके लिए राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण ने सभी सरकारी एजेंसियों से जरूरी मंजूरी ले ली है। वेणुगोपाल ने कहा कि हाथी गलियारे या किसी अन्य जंगली जानवरों के रास्ते को बाधित किए बिना यह सड़क वाहनों की सुगम यात्रा की अनुमति देगी। कोर्ट ने एनजीटी को कहा है कि वो पर्यावरण और वन्य जीवों की सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करते हुए इस सड़क पर निगरानी रखने का काम करे।
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