गुजरात के अमदाबाद में मंगलवार से धार्मिक स्थानों और सार्वजनिक मार्ग पर अंडे और नॉनवेज बेचने पर पाबंदी लगा दी गई है। अमदाबाद नगर निगम के फैसले के तहत अब मंदिर, स्कूल, कॉलेज, कम्युनिटी हॉल के आसपास मांसाहार की दुकानें नहीं लगेंगी। इससे पहले भावनगर, राजकोट और वडोदरा में भी मुख्य मार्गों पर मांसाहारी पदार्थ बेचने पर पाबंदी लगाई जा चुकी है।
वडोदरा और राजकोट में तो बेचने के वालों के साथ मांसाहारी भोजन खाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अमदाबाद नगर निगम ने कहा है कि सड़क के किनारे से दुकानों को हटाया जाएगा, लेकिन किसी भी दुकानदार पर जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
अमदाबाद नगर निगम की नगर विकास समिति के अध्यक्ष देवांग दानी के अनुसार, धार्मिक स्थलों, स्कूलों एवं कॉलेजों के 100 मीटर के दायरे में और सार्वजनिक सड़कों पर मांसाहारी पदार्थ बेचने की अनुमति नहीं होगी।
निगम अब सड़क के किनारे से ऐसी दुकानों को हटाएगा। गुजरात की संस्कृति और रानी कर्णावती के शहर की पहचान का उल्लेख करते हुए निगम की राजस्व समिति के अध्यक्ष जैनिक वकील ने 13 नवंबर को निगम आयुक्त और स्थायी समिति को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने सड़क के किनारे मांसाहारी भोजन बेचने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
उनका कहना था कि सार्वजनिक स्थलों पर मांस, मटन और मछली की बिक्री होती है, जिसके कारण वहां गंदगी होती है। साथ ही, इससे लोगों की धार्मिक-पांथिक भावनाएं भी आहत होती हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल स्पष्ट कर चुके हैं कि लोग जो चाहें खाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन सड़क के किनारे दुकानों पर बिकने वाला भोजन हानिकारक नहीं होना चाहिए और सड़क पर यातायात बाधित होना चाहिए।
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