जिंदगी की जंग लड़ रही तेजाब पीड़िता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। 12 दिन के संघर्ष के बाद वह हार गई और सोमवार दोपहर को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उसने अंतिम सांस ली। मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। महिला की मौत के बाद से पति और उसके तीन मासूम बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। उसका कहना है कि आरोपित ने उसके बच्चों को बेसहारा कर दिया। उसे जल्द से जल्द फांसी की सजा होनी चाहिए।
तीन नवंबर को मोंटू नाम के आरोपित ने महिला का हाथ बांधकर उसके शरीर पर तेजाब डाल दिया था। उसके बाद से महिला का राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज चल रहा था। महिला की शादी वर्ष 2019 में हुई थी। वह अपने पति और तीन बच्चों के साथ पूंठखुर्द में रहती थी। उसकी नौ साल की बेटी है, जबकि सात और पांच साल के दो बेटे हैं। मोंटू महिला का लगातार पीछा करता था और उस पर शादी करने का दवाब बना रहा था। पहले तो महिला ने उसकी बातों को अनसुना किया लेकिन उसने बाद में अपने पति को सारी बात बता दी। उसके बाद से आरोपित लगातार उसके बच्चों की हत्या करने की धमकी देने लगा। 3 नवंबर को मोंटू ने शादीशुदा महिला पर तेजाब डालकर उसे जला दिया। घटना के बाद आरोपित बिहार के बक्सर भाग गया। मोंटू ने महिला के पति की हत्या करने के लिए एक पिस्टल भी खरीद ली थी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए आरोपित को बिहार से गिरफ्तार कर लिया है। 8 नवंबर को पुलिस आरोपित को लेकर हथियार बरामद करने शाहबाद डेयरी इलाके में पहुंची। जहां आरोपित ने पुलिस टीम पर गोली चला दी। जवाबी गोली बारी में आरोपित के पैर में गोली लगी। पुलिस ने आरोपित के निशानदेही पर तेजाब मुहैया करवाने वाले राम सेवक को यूपी के शाहजहांपुर से गिरफ्तार किया है। फिलहाल आरोपित जेल में है।
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