प्रो. पटेल ने एशिया-प्रशांत समूह के अन्य देशों चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के उम्मीदवारों को मात किया है। पांच वर्ष के लिए तय हुआ उनका कार्यकाल 1 जनवरी, 2023 से आरम्भ होगा
भारत के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति तथा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य प्रो. बिमल पटेल अब को संयुक्त राष्ट्र में कड़े मुकाबले में पांच साल के कार्यकाल के लिए अंतरराष्ट्रीय विधि आयोग में निर्वाचित घोषित किए जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र की इस संस्था की सदस्यता के लिए कड़ी टक्कर में उन्होंने एशिया-प्रशांत समूह के अन्य देशों चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के उम्मीदवारों को मात किया है। पांच वर्ष के लिए तय हुआ उनका कार्यकाल 1 जनवरी, 2023 से आरम्भ होगा।
प्रो. पटेल को संयुक्त राष्ट्र महासभा के वर्तमान 192 सदस्यों में से 163 वोट पाकर एशिया-प्रशांत समूह में सबसे आगे रहे। इस समूह से चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के उम्मीदवार भी मैदान में थे। चीन के उम्मीदवार को सिर्फ 142 वोट ही मिले। बता दें कि हिंद-प्रशांत समूह में आठ सीटों के लिए 11 बहुत ही दमदार उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर थी। लेकिन इस जबरदस्त मुकाबले में आखिरकार प्रो. पटेल की जीत हुई।
प्रो. बिमल पटेल 163 वोट पाकर शीर्ष पर रहे, जबकि चीन के उम्मीदवार को सिर्फ 142 वोट ही मिल पाए। चीन की ऐसी किरकिरी हुई कि थाईलैंड 162, जापान 154 तथा विएतनाम 145 वोट पाकर उससे कहीं आगे रहे। चीन से कम वोट मिले दक्षिण कोरिया को, उसे सिर्फ 140 वोटों पर संतोष करना पड़ा। मुकाबले में साइप्रस को 139 और मंगोलिया को 123 वोट प्राप्त हुए।
प्रो. पटेल को बधाई देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने ट्वीट में लिख, ''रक्षा विवि के प्रोफेसर बिमल पटेल को समूह में शीर्ष स्थान पर आकर अंतरराष्ट्रीय विधि आयोग के सदस्य के रूप में चुने जाने के लिए हार्दिक बधाई''। तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र के उन सभी सदस्य देशों का आभार भी जताया जिन्होंने भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था। चुनाव के नतीजों की घोषणा होने के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की ओर से कहा गया कि 'आईएलसी में हमारा योगदान नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था की प्रतिबद्धता को दर्शाता है'।
भारत के लिए गर्व की बात है कि प्रो. बिमल पटेल 163 वोट पाकर शीर्ष पर रहे, जबकि चीन के उम्मीदवार को सिर्फ 142 वोट ही मिल पाए। चीन की ऐसी किरकिरी हुई कि थाईलैंड 162, जापान 154 तथा विएतनाम 145 वोट पाकर उससे कहीं आगे रहे। चीन से कम वोट मिले दक्षिण कोरिया को, उसे सिर्फ 140 वोटों पर संतोष करना पड़ा। मुकाबले में साइप्रस को 139 और मंगोलिया को 123 वोट प्राप्त हुए। माना जा रहा है कि चीन को दक्षिण तथा पूर्वी सागर में क्षेत्रीय विवादों में उसकी भूमिका की वजह से उतने वोट नहीं मिल पाए।
उल्लेखनीय है कि प्रो. बिमल पटेल जाने—माने शिक्षाविद्, न्यायविद् तथा प्रशासक हैं। गत तीन दशकों से ज्यादा समय के अपने पेशेवराना कैरियर के दौरान पटेल ने गुजरात नेशनल विधि विश्वविद्यालय में निदेशक तथा भारत के 21वें विधि आयोग के सदस्य जैसी प्रतिष्ठित जिम्मेदारियां संभाली हैं। वे हेग, नीदरलैंड में संयुक्त राष्ट्र युवा तथा रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) जैसे विश्व स्तर के संगठनों में 15 वर्ष तक काम कर चुके हैं।
टिप्पणियाँ