चीनी कंपनी के हाइड्रो प्रोजेक्ट का विरोध, लंबे समय से नेपाल में मौजूदगी पर उठ रहे सवाल
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

चीनी कंपनी के हाइड्रो प्रोजेक्ट का विरोध, लंबे समय से नेपाल में मौजूदगी पर उठ रहे सवाल

by दिनेश मानसेरा
Nov 14, 2021, 10:22 am IST
in भारत, उत्तराखंड
चित्र- नक्शा

चित्र- नक्शा

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत के सीमांत धारचूला क्षेत्र में झूला पुल पार कर नेपाल का दार्चुला क्षेत्र है, जहां चीन की कंपनी चमेलिया हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर पिछले 11 सालों से काम कर रही है, जबकि ये प्रोजेक्ट 2014 में पूरा हो जाना चाहिए था। काम की सुस्त रफ्तार और बढ़ती लागत की वजह से नेपाल में चीनी कम्पनी का विरोध हो रहा है।

 

भारत के नेपाल मामलों के विशेषज्ञ इस परियोजना को चीन के जासूसी केंद्र के रूप में देखते रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के चीनी कंपनी के अधिकारी आवागमन के लिये भारतीय सीमा क्षेत्र का उपयोग भी करते रहे हैं। नेपाल से मिली जानकारी के अनुसार दार्चुला जनपद में रन ऑफ द रिवर परियोजना के तहत चीन की कंपनी चाइना गेझोआ ग्रुप को चमेलिया जल विद्युत परियोजना पर काम करने का ठेका 2007 में मिला था और इसका पहला चरण 2010 में पूरा होना था। 30 मेघावाट की इस योजना पर काम शुरू होते ही भारत ने इस पर नेपाल को आगाह किया था। प्रोजेक्ट 2014  में पूरा होना था और इस पर 6 मिलियन नेपाली रुपए लागत आनी थी। किंतु ये परियोजना 2021 तक भी पूरी नही हुई और इस पर 16 मिलियन नेपाली रुपए लगने के बाद भी काम 2017 से अधूरा पड़ा है।

जहां काम करती है वहां की सरकार को फंसा देती है यह कंपनी
जानकारी के अनुसार चाइना गेझोआ ग्रुप ने यहां एक सुरंग बनाये जाने के बदले 500 मिलियन नेपाली रुपए की मांग की है। साथ ही जब परियोजना शुरू हुई थी और अब पूरा होने की स्थिति में डॉलर और नेपाली रुपए में 1.9 बिलियन नेपाली रुपए का फर्क आने की भरपाई का पैसा दिए जाने पर ही काम खत्म करने की बात कही जा रही है। जो नेपाल शासन को स्वीकार नही है। विरोध की वजह ये भी है कि लागत बढ़ने से इससे पैदा होने वाली बिजली इतनी महंगी हो जाएगी कि प्रोजेक्ट की लागत सरकार को निकालनी मुश्किल हो जाएगी। सिंगापुर पोस्ट में छपे एक लेख के मुताबिक चीन की इस कंपनी का पूर्व इतिहास यही रहा है कि वो जहां काम करती है वहां सरकार को फंसा देती है। अब यह कंपनी सुरंग बनाने के नाम पर नेपाल सरकार को तंग कर रही है।

यहां से भारत की गतिविधियों पर नजर रखना चाहता है चीन 
जानकारी के मुताबिक चाइना गेझोआ ग्रुप ने नेपाल सरकार से परियोजना स्थल तक सड़कें भारत के लिए इस प्रोजेक्ट पर चीनी कंपनी का काम करना हमेशा से ही सिरदर्द बन रहा है। दार्चुला से नेपाल के मैदानी क्षेत्रों तक आने जाने के लिए रास्ता सुगम नहीं होने की वज़ह से इस प्रोजेक्ट के चीनी अधिकारियों ने कई बार भारत के रास्तों का उपयोग किया। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक भारत इन्हें आने जाने से तब तक नहीं रोक सकता जब तक इनके पास कोई दस्तावेज कम न हो। धारचूला भारत का वो संवेदनशील कस्बा है जो कि सीमांत इलाके में है। यहीं से नेपाल और चीन सीमाओं के लिए भारत की सेना की रसद जाता है। कुछ साल पहले तक धारचूला, सुरक्षा की दृष्टि से इनरलाइन में था यहां भारत के नागरिकों को भी जाने से पहले अस्थायी परमिट लेना होता था। चीन की भारत तक पहुंच हिमालय की वजह से आसान नही है, लेकिन वो नेपाल के रास्ते भारत तक आने के कोई रास्ते नहीं छोड़ता है। नेपाल में ओली सरकार के दौरान भारतीय सीमा पर नेपाल की आड़ में चीन की गतिविधियां किसी से छिपी नही रही। नेपाल मामलो में भारतीय विशेषज्ञ कृष्णा गर्बियाल कहते हैं कि चमेलिया हाइड्रो प्रोजेक्ट यदि भारत कर रहा होता तो कब का काम पूरा हो गया होता। दरअसल चीन यहां रुक कर सिविल कंपनी के जरिये भारत की गतिविधियों पर नजर रखना चाहता है। नेपाल भी इस कंपनी की लागत बढ़ाये जाने के खेल में फंस चुका है। चीन इस प्रोजेक्ट में अपनी आर्थिक मदद के शर्तो पर लंबे समय के लिए यहां टिके रहना चाहेगा।

पंचेश्वर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर भी है चीन की नजर 
जानकारी के मुताबिक चीन की नजर भारत और नेपाल के बीच बन रहे एशिया के सबसे बड़े पंचेश्वर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर भी है। भारत और नेपाल के चीन समर्थक वामपंथी दल इस परियोजना का विरोध करते हैं, उन्हें फंडिंग कौन करता है? इस पर दोनों देशों के खुफिया अधिकारियों को जानकारियां मिलने लगी हैं। नेपाल में ओली सरकार के जाने के बाद देउपा सरकार ने आते ही भारत-नेपाल सीमा पर चल रही चीन की कंपनियों की गतिविधियों की समीक्षा की है। समाचार पत्रिका आउटलेट के अनुसार देउपा सरकार ने चमेलिया जल विद्युत परियोजना की समीक्षा कर इसको बनाने वाली चाइना गेझौआ कंपनी के अधिकारियों को काम समेटने को कह दिया है। जानकारी के अनुसार नेपाल सरकार और कंपनी के बीच तनातनी का दौर चल रहा है। जिसे सुलझाने के लिए चीन दूतावास के अधिकारियों को भी मशक्कत करनी पड़ रही है। बहरहाल इस प्रोजेक्ट को लेकर नेपाल शासन से खासा विरोध चाइना गेझोआ ग्रुप को झेलना पड़ रहा है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

“पहाड़ों में पलायन नहीं, अब संभावना है” : रिवर्स पलायन से उत्तराखंड की मिलेगी नई उड़ान, सीएम धामी ने किए बड़े ऐलान

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ : बलरामपुर, श्रावस्ती, महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी में अवैध मदरसों पर हुई कार्रवाई

पाकिस्तान अब अपने वजूद के लिए संघर्ष करता दिखाई देगा : योगी आदित्यनाथ

चंडीगढ़ को दहलाने की साजिश नाकाम : टाइम बम और RDX के साथ दो गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies