छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में तैनात सीआरपीएफ की 50वीं बटालियन के एक जवान द्वारा एके-47 से की गई फायरिंग में 4 जवानों की मौत हो गई, जबकि 3 घायल हैं। इनमें दो जवानों की हालत गंभीर बताईजा रही है। सीआरपीएफ ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
जिले के कोंटा विकासखंड के ग्राम लिंगनपल्ली स्थित 217 बटालियन शिविर की है। 50वीं बटालियन के हवलदार रितेश रंजन ने सोमवार तड़के 3:25 बजे अचानक अपने साथियों पर गोलियां बरसाने लगा। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि उसने गोलीबारी क्यों की। इस अप्रत्याशित और दुर्भाग्यपूर्ण हमले में हवलदार धनजी, राजीव मंडल, राजमणि कुमार यादव और धर्मेंद्र कुमार की मौत हो गई, जबकि धनंजय कुमार सिंह, धर्मात्मा कुमार और मलय महाराणा घायल हो गए। घायलों को तत्काल भद्राचलम के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें दो जवानों की हालत गंभीर है और उन्हें हेलीकॉप्टर से रायपुर रेफर किया जा रहा है। आरोपी जवान को हिरासत में ले लिया गया है। घटना की सूचना मिलते ही सीआरपीएफ के आईजी और सीओ शिविर पहुंच गए।
बता दें कि जिस शिविर में यह घटना हुई, वहां सीआरपीएफ 85वीं बटालियन के जवानों का भी शिविर है। अचानक गोली चलने से शिविर में अफरा-तफरी मच गई। जवान दौड़ कर घटनास्थल पर पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। बताया जाता है कि इस अप्रत्याशित हमले में दो जवानों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घायल पांच जवानों में से दो ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। मारे गए 4 जवानों में से तीन बिहार के थे, जबकि एक पश्चिम बंगाल का है।
सीआरपीएफ ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। इसमें घटना के कारणों का पता लगाने के साथ उपचारात्मक उपाय सुझाने के निर्देश भी दिए गए हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी जवान भावनात्मक तनाव से गुजर रहा था। वह कई दिनों से परेशान था। इसी क्रम में उसका मानसिक संतुलन बिगड़ा और उसने गुस्से में आकर अपने सहयोगियों पर गोलियां चला दीं। एक दिन पहले भी साथी जवानों के साथ उसका विवाद हुआ था।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 4 जवानों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मामले में पुलिस अधिकारियों को सभी जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
टिप्पणियाँ