ओडिशा के कालाहांडी जिले के महालिंग सनशाइन पब्लिक स्कूल की शिक्षिका 27 वर्षीया ममिता मेहेर की हत्या की आंच नवीन पटनायक सरकार तक पहुंच गई है। इस हत्याकांड को लेकर पूरे राज्य में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस मामले में मुख्य आरोपी इस स्कूल का मालिक गोबिंद साहू है, जिसे राज्य में सत्तारूढ़ बीजद सरकार में गृह मंत्री कैप्टन दिव्यशंकर मिश्र का करीबी माना जाता है। मिश्र का स्कूल काफी आना-जाना था। इस हत्याकांड में उनका नाम आने के बाद हंगामा मचा हुआ है। यहां तक कि ट्विटर पर भी कई दिनों तक यह मामला ट्रेंड करता रहा। भाजपा सहित तमाम राजनीतिक और सामाजिक संगठन दिव्यशंकर मिश्रा का इस्तीफा मांग रहे हैं ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके। राजनीतिक दलों का आरोप है कि पुलिस-प्रशासन मामला दबाने के प्रयास में है।
ममिता सनशाइन पब्लिक स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाती थीं, वह बालिका छात्रावास की वार्डन भी थीं। 8 अक्तूबर को ममिता अचानक लापता हो गईं। उनके परिजनों का आरोप है कि गोबिंद साहू ने काम के सिलसिले में उन्हें स्कूल बुलाया था। उसने ममिता को चंदोतारा नामक जगह आने को कहा था। वहां से वह ममिता को अपनी कार में ले गया। इसके बाद से वे लापता हैं। उनका मोबाइल भी बंद था। 9 अक्तूबर को उनके परिजनों ने कालाहांडी जिले के केगां थाने में, जहां सनशाइन स्कूल है, प्राथमिकी दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन इलाके में गोबिंद साहू का दबदबा होने के कारण पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। परिजनों ने 13 अक्तूबर को बलांगीर के सिंधेकला थाने में मामला दर्ज कराया। ममिता का घर इसी थाना क्षेत्र में आता है। उसी दिन कालाहांडी पुलिस ने गोबिंद को हिरासत में ले लिया और 14 अक्तूबर को बलांगीर पुलिस को सौंप दिया। लेकिन बलांगीर पुलिस ने आरोपी को सिंधेकला थाने में रखने के बजाए टिटिलागड पुलिस बैरक में रखा, जहां से वह 17 अक्तूबर को फरार हो गया। दो दिन बाद उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस का कहना है कि उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
इसी बीच, 19 अक्तूबर को पुलिस ने एक निर्माणाधीन स्टेडियम से सड़ी-गली अवस्था में ममिता का शव बरामद किया, जिसे पहचानना मुश्किल था। निर्माणाधीन मिनी स्टेडियम सनशाइन स्कूल का ही है। पुलिस को घटनास्थल से कुछ गहने और अन्य सामान मिला, जिसे परिजनों ने ममिता का बताया है। पुलिस ने इसे जांच के लिए डीएनए नमूना प्रयोगशाला में भेजा है ताकि ममिता की पहचान की जा सके। परिवार का आरोप है कि गोबिंद साहू स्कूल की महिला कर्मचारियों का यौन शोषण करता है और उन्हें शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करता है। परिवार का दावा है कि हाल ही में ममिता ने गोबिंद को चेताया था कि वह अपनी हरकतों से बाज आ जाए, वरना वह उसका कच्चा चिट्ठा सबके सामने खोल देगी। मीडिया खबरों के मुताबिक, स्कूल में यौन व्यापार चल रहा था और ममिता के हाथ इस बाबत पुख्ता सबूत लग गए थे। वह इसका पदार्फाश करने ही वाली थी कि उसकी हत्या कर दी गई। आरोप है कि गोबिंद ने कार में ही ममिता की हत्या की और उसकी लाश को निर्माणाधीन स्टेडियम में पहले से तैयार गड्ढे में जलाकर मिट्टी से ढक दिया।
उधर, ममिता की एक सहकर्मी की उनके भाई से बातचीत का एक आॅडियो सामने आया है। इसमें सहकर्मी ममिता के भाई बंटी को स्कूल की महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न में गोबिंद की संलिप्तता के बारे में बता रही है। उसने यह भी कहा है कि ममिता के गायब होने से एक दिन पहले गोबिंद ने एक आधिकारिक बैठक के बहाने उसे बुलाया था। बंटी का आरोप है कि गोबिंद स्कूल में यौन व्यापार चला रहा था, जिसका उसकी बहन विरोध कर रही थी और उसने उसे बेनकाब करने की धमकी दी थी। इस मामले में पुलिस ने गोबिंद के एक सहयोगी राधे को भी गिरफ्तार किया है। लेकिन जिस सुनियोजित तरीके से ममिता की हत्या कर शव को ठिकाने लगाने का प्रयास किया गया, उससे आशंका जताई जा रही है कि इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं।
गिरफ्तारी के बाद एक-एक कर गोबिंद की करतूतें सामने आ रही हैं। धोखा देकर लोगों की जमीन हड़पने से लेकर पूर्व में ट्रैक्टर से कुचलकर एक लड़की की हत्या करने का पुराना मामला भी सामने आया है। आलम यह है कि पहले जो लोग दिव्यशंकर के कारण गोबिंद के खिलाफ बोलने से कतराते थे, अब वे खुल कर उसके बारे में बोलने लगे हैं। इस पूरे प्रकरण में मंत्री कैप्टन दिव्यशंकर मिश्र का नाम भी आ रहा है। वे उसी जूनागढ़ के विधायक हैं, जहां महालिंग सनशाइन स्कूल है। वे अपने अन्य सहयोगी मंत्रियों के साथ स्कूल के विभिन्न कार्यक्रमों में आते रहते थे और मंत्रियों से स्कूल के बारे में अच्छा-अच्छा बोलने को कहते थे। अब इसका भी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
ममिता के परिवार का आरोप है कि दिव्यशंकर मिश्र यौन संबंध बनाने के लिए स्कूल में आते थे। स्कूल के प्लस-3 छात्रावास में एक गुप्त कमरे को लेकर भी चर्चा जोरों पर है। बताया जा रहा है कि इस गुप्त कमरे में एसी समेत होटल जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसी 20 नंबर कमरे में स्कूल की महिला कर्मचारियों का यौन शोषण किया जाता था। हालांकि पुलिस ने अभी तक इस बाबत कोई जांच शुरू नहीं की है। इस कारण भी पुलिस की जांच संदेह के घेरे में है। स्थानीय नेताओं का कहना है कि दिव्यशंकर मिश्र अक्सर स्कूल में आते थे और रात में ठहरते भी थे। कालाहांडी जिला परिषद की अध्यक्ष नमितारानी साहू ने मीडिया से कहा कि राज्य सरकार के कई मंत्री इस स्कूल में आते थे। दिव्यशंकर मिश्र तो हर सप्ताह इस स्कूल का दौरा करते थे। इस क्षेत्र में तीन और भी कॉलेज हैं, लेकिन वे हर बार एक ही संस्थान का दौरा क्यों करते थे? वे इस स्कूल को सरकारी सहायता भी दे रहे थे।
ओडिशा के गृह मंत्री कैप्टन दिव्यशंकर मिश्र (बाएं) और गोबिंद साहू
वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय महापात्र का दावा है कि मिश्र ने गोबिंद व ममिता के बीच विवाद सुलझाने का प्रयास किया था। इसके लिए दोनों मंत्री के रायपुर स्थित घर भी गए थे। लेकिन बात नहीं बनी। महापात्र ने इस मामले में कॉल रिकॉर्ड की जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मंत्री दिव्यशंकर मिश्र, गोबिंद साहू और ममिता की फोन कॉल रिकॉर्ड की जांच करने पर काफी कुछ साफ हो जाएगा। हालांकि पुलिस ने दिव्यशंकर की कुछ कॉल रिकॉर्ड की जांच कर इसकी सील बंद रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज दी है। लेकिन कुछ अधिकारी रिपोर्ट को दबा कर बैठे हैं। मुख्यमंत्री स्वयं रिकॉर्ड मंगा कर मामले में कार्रवाई करें। साथ ही, उन्होंने आशंका जताई कि इस मामले में राज्य सरकार के कई मंत्री व सरकारी अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं। पुलिस जान-बूझकर गोबिंद साहू को बचाने के लिए मामले को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।
भाजपा ने कहा है कि इस मामले में गोबिंद के संरक्षक कैप्टन दिव्यशंकर मिश्रा के गृह मंत्री पद पर रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक उन्हें बर्खास्त करें तथा मामले की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दें, नहीं तो भाजपा प्रदेश भर में आंदोलन जारी रखेगी। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग तथा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी इस मामले में रिपोर्ट तलब की है।
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