आलोक गोस्वामी
भारत की तरक्की के दुनिया कोई देश सबसे ज्यादा चिढ़ रहा है तो वह है विस्तारवादी चीन। इस क्षेत्र में वह अपने अतिरिक्त किसी और अर्थव्यवस्था को बढ़ते नहीं देख सकता है। इसी लिए दुनिया भर में भारत की बढ़ती साख से परेशान चीन भारत को आहत करने के लिए नए—नए पैंतरे तलाश रहा है। लद्दाख सीमा पर ड्रैगन के भारत के साथ तनाव बढ़ाने की हरकतों को इसी संदर्भ में देखा जा सकता है। अमेरिकी रक्षा अधिष्ठान पेंटागन की ताजा रिपोर्ट भी संकेत कर रही है कि भारत के साथ अपने क्षेत्रीय दावों को और पुरजोर तरीके से रखने के लिए चीन भारत को सामरिक हरकतों में उलझाने की योजनाएं गढ़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि पेंटागन की यह रिपोर्ट ताइवान को लेकर अमेरिका तथा चीन के बीच लगातार बढ़ती तनातनी के बीच सामने आई है। खास बात यह भी है कि इसे अमेरिका के सबसे वरिष्ठ जनरल ने तैयार किया है। अमेरिका के ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ अध्यक्ष मार्क मिली की तैयार की यह रिपोर्ट चीन की सैन्य गतिविधियों को लेकर सख्त चेतावनी जारी करने के बाद प्रकाशित हुई है।
चीन के सैन्य आधुनिकीकरण पर पेंटागन की इस बड़ी रिपोर्ट से साफ है कि चीन भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपने फर्जी दावों को और पुरजोर तरीके से रखने के लिए विस्तारवादी सामरिक हरकतों में लगा हुआ है। यानी वह अपनी सेना पीएलए के जरिए भारत विरोधी कार्रवाइयों का खाका रच रहा है। साथ ही, पेंटागन की रिपोर्ट यह भी बताती है कि चीन इन सब हरकतों के बाद भी भारत और अमेरिका के सतत गहराते संबंधों में अड़चन डालने की अपनी कोशिशों में नाकाम भी रहा है।
दिलचस्प बात है कि पेंटागन ने चीन को अमेरिका के लिए चुनौतियों खड़ी करते रहने वाले देश के तौर पर दिखाया है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने पिछले दिनो ही अमेरिकी कांग्रेस के सामने साफ कहा है कि चीन की तरफ से अमेरिका को भारत के साथ उसके सीमा विवाद में दखल न देने कोशिशें की गई हैं।
पेंटागन पूर्वी लद्दाख में भारत-चीनी सैन्य तनाव को लेकर कांग्रेस को बराबर रिपोर्ट कर रहा है। अमेरिकी रक्षा विभाग का साफ मानना है कि चीन अपने पड़ोसियों, खासकर भारत के साथ उग्र तथा मुश्किलें खड़ी करने वाले व्यवहार को अपनाए हुए है। पेंटागन का यह भी कहना है कि चीन के अधिकारियों ने अपने बयानों और सरकारी मीडिया के जरिए भारत के साथ सीमा पर तनाव के बीच भारत-अमेरिका संबंधों को मधुर होने के रास्ते में अड़चने डालने की बहुत कोशिश की है। चीन तो भारत पर इस क्षेत्र में अमेरिकी नीति का इकलौता हस्तक होने तक का आरोप लगा चुका है।
मई 2020 के आरंभ में, चीनी सेना ने लद्दाख में सीमा से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की शुरुआत की थी। उसने एलएसी के साथ ही कई तनाव वाली जगहों पर अपने सैनिक जमाए थे।
पेंटागन की रिपोर्ट से साफ है कि मई 2020 के आरंभ में, चीनी सेना ने लद्दाख में सीमा से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की शुरुआत की थी। उसने एलएसी के साथ ही कई तनाव वाली जगहों पर अपने सैनिक जमाए थे। पेंटागन का कहना है कि भारत के साथ सटी सीमा पर तनाव कम करने के तमाम राजनयिक और सैन्य बातचीत के बाद भी चीन ने एलएसी पर अपने दावों को ध्यान में रखते हुए सामरिक गतिविधियां जारी रखी हैं।
पेंटागन ने कहा कि मई 2020 की शुरुआत में, चीनी सेना ने सीमा पार से भारतीय नियंत्रित क्षेत्र में घुसपैठ शुरू की और एलएसी के साथ कई गतिरोध वाले स्थानों पर सैनिकों को केंद्रित किया। पेंटागन ने कहा कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रहे राजनयिक और सैन्य संवादों के बावजूद, चीन ने एलएसी पर अपने दावों पर जोर डालने के लिए 'बढ़ती और सामरिक कार्रवाई करना' जारी रखा है।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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