उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के मूल निवासी रुचिर सिंघल एस्सार आयल एंड गैस कंपनी में क्वालिटी कंट्रोल के पद पर सिंगापुर में नौकरी कर रहे थे। कोविड से पहले उनका मुम्बई वापस आना हुआ जहां से उन्हें किसी अन्य देश मे भेजे जाने का आदेश मिला। इसी दौरान महामारी की वजह से उन पर माता-पिता की देखभाल की जिम्मेदारी भी आ गई। रुचिर को नौकरी छोड़नी पड़ी।
रुचिर हल्द्वानी लौटे और माता-पिता की सेवा के साथ-साथ घर के पास ही उन्नत नस्ल की गायें खरीद डेयरी खोल ली। डेयरी में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर दूध उत्पादन शुरू किया।
गुणवत्ता के खरे मापदंड तय कर उन्होंने अपने मिल्क प्रोडक्ट्स का नाम रखा ‘जननी’ जो धीरे-धीरे लोकप्रिय होने लगा। हल्द्वानी में घर-घर गाय के शुद्ध दूध की आपूर्ति कर उन्होंने अपना नेटवर्क बना लिया। आज गुणवत्ता की वजह से डेयरी के दूध की बहुत मांग है। रुचिर ने अपने अनुभव का उपयोग डेयरी उत्पाद के कार्य को विस्तार देने में किया।
रुचिर बताते है कि जब हल्द्वानी लौटे तो भविष्य को लेकर चिंतित थे। पिता ने दूध डेयरी खोलने को कहा। उनके दादा जी भी यही काम करते थे। पिता जी की सलाह उन्हें भा गई और डेरी पर रिसर्च वर्क करके उन्होंने ये काम शुरू कर दिया। बाद में उनकी पत्नी नम्रता सिंघल ने नोएडा में सेक्टर 116 में ‘जननी’ मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट्स के नाम से ही डेयरी खोली।
रुचिर ने बताया कि हमने पहला संकल्प यही लिया कि सिर्फ गाय ही पालेंगे, क्योंकि गाय के दूध और उसके उत्पादों की मांग बहुत है। दूसरा इसी बहाने हमारे परिवार को गौसेवा करने का अवसर मिलेगा। धीरे-धीरे हम अपने यहां गायों की संख्या भी बढ़ा रहे हैं ताकि आगे चल कर गाय के दूध के साथ मक्खन, देसी घी भी लोगो को सप्लाई कर सकें।
नम्रता कहती हैं कि हमारी किस्मत में गौसेवा लिखी थी, डेरी ही लिखी थी और हम सिंगापुर से मुंबई और वहां से हल्द्वानी और अब नोएडा आ गए है। गाय के दूध के कारोबार में हम माता-पिता की सेवा के बहाने जुट गए, यह सब ठाकुर जी (भगवान कृष्ण) की माया है, उनकी रची लीला है, उन्हीं की कृपा है।
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