मणिपुर के उखरुल जिले में एक गांव है चादोंग। यहां के निवासी असांग कसार ने कोरोना काल में एक कंपनी ‘इंडी हिल्स प्राइवेट लिमिटेड’ बनाकर एक अनूठा कार्य शुरू किया। यह कार्य था सुदूर पहाड़ी क्षेÞत्रों से सब्जी, फल आदि खरीदकर बाजार तक पहुंचाना। बता दें मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में खेती बहुत ही कम होती है और जो उपज होती है, उसे कोई भी किसान खुद बाजार तक नहीं पहुंचा सकता। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण न तो सड़क है और न ही आवागमन का कोई साधन। दूसरी ओर कोरोना के कारण भारत के शेष भागों से कोई वस्तु मणिपुर नहीं जा पा रही थी।
इस कारण मणिपुर के बाजारों में अन्न, सब्जी और अन्य वस्तुओं की भारी कमी हो रही थी। दरअसल, मणिपुर के लोग जो भी वस्तु दैनिक जीवन में उपयोग में लाते हैं, उनमें से 90 प्रतिशत वस्तुएं भारत के दूसरे राज्यों से जाती हैं। कोरोना काल में यह संभव नहीं हो पा रहा था। इस समस्या को देखते हुए असांग कसार ने अपने कुछ मित्रों के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई। उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों से सब्जी लेकर उस विभिन्न बाजारों में पहुंचाने का काम शुरू किया। इससे किसानों को तो अपनी फसल का उचित मूल्य मिला ही, बाजार में लोगों को सब्जी भी मिलने लगी। कंपनी ‘न लाभ, न नुकसान’ की नीति पर काम करती है।
असांग कसार ही कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। उन्होंने बताया, ‘‘कंपनी किसानों से उनकी उपज लेने के साथ ही उन्हें मकई और जैविक कचरे से बनी खाद भी उपलब्ध कराती है, ताकि वे रासायनिक खाद और कीटनाशक पर पैसा खर्च न करें। इससे राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ लोगों को गुणवत्तापूर्ण सब्जी और अनाज मिल रहा है। कंपनी कई जगह मछली पालन भी कर रही है। इससे कुछ स्थानीय युवाओं की रोजी-रोटी चल रही है।’’ कसांग यह भी कहते हैं कि कोरोना के इस काल में हर व्यक्ति को अपने समाज की मदद के लिए कुछ न कुछ करना चाहिए।
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