विज्ञापन के आड़ में उद्योग जगत लगातार हिंदू की धार्मिक आस्था और भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा है। इस बार फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने मंगलसूत्र के विज्ञापन में अश्लीलता परोस कर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाया। हिंदुओं के जबरदस्त विरोध और मध्यप्रदेश सरकार की चेतावनी के बाद सब्यसाची को इस विज्ञापन को हटाना पड़ा है। इससे पहले, सीएट टायर, फैब इंडिया, डाबर, मान्यवर, तनिष्क और सर्फ एक्सेल भी विज्ञापन के बहाने हिंदू त्योहारों और हिंदू मान्यताओं पर हमले कर चुका है।
यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोगों ने इसका जबरदस्त विरोध किया। हिंदूवादी संगठन भी इसके खिलाफ खड़े हैं। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सब्यसाची को चेतावनी दी थी कि 24 घंटे के भीतर विज्ञापन नहीं हटा तो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। साथ ही, उन्होंने सब्यसाची को चुनौती दी थी कि अगर हिम्मत है, तो किसी दूसरे मजहब या पंथ पर इस तरह का विज्ञापन बनाकर दिखाए। मंत्री की चेतावनी और हिंदुओं के विरोध के बाद सब्यसाची ने विज्ञापन वापस ले लिया है।
ऐसा है विज्ञापन
फैशन ब्रांड सब्यसाची ने बीते सप्ताह ‘द रॉयल बंगाल टाइगर 1.2’ नाम से एक आभूषण बाजार में उतारा था। इसके प्रचार के लिए एक विज्ञापन में एक महिला और पुरुष को अर्धनग्न अवस्था में दिखाया गया है। महिला ने मंगलसूत्र पहना हुआ है। हालांकि विज्ञापन की एक पूरी श्रृंखला है, जिसमें कुछ मॉडल साडि़यों में भी हैं। लेकिन विरोध केवल अंत:व्स्त्रों वाले विज्ञापन से है। लोगों की आपत्ति केवल इसी को लेकर है। आक्रोशित हिंदुओं का कहना है कि यह किस दृष्टि से मंगलसूत्र का विज्ञापन दिखता है? हालांकि सोशल मीडिया पर जबरदस्त विरोध के बाद भी सब्यसाची ने विज्ञापन नहीं हटाया। हिंदू संगठनों का कहना है कि यह विज्ञापन हिंदू रीति-रिवाज पर हमला है। यह विवाह जैसे पावन रिश्ते को धूमिल करने का प्रयास है। हिंदुओं का त्योहार आते ही ‘क्रिएटिविटी’ के नाम पर इस तरह के कुत्सित प्रयास शुरू हो जाते हैं।
क्या कहा मंत्री ने?
नरोत्तम मिश्रा ने कहा, मैंने डिजाइनर मुखर्जी का मंगलसूत्र का विज्ञापन देखा। यह बेहद आपत्तिजनक है। मन भी आहत हुआ है। आभूषणों में सर्वाधिक महत्व धार्मिक दृष्टि से मंगलसूत्र का होता है। हम मानते हैं कि मंगलसूत्र का पीला हिस्सा मां पार्वती हैं और काले हिस्से में भगवान शिव। शिवजी की कृपा से महिला और उसके पति की रक्षा होती है। मां पार्वती की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है। आप में हिम्मत है, तो किसी दूसरे मत-महजब पर ऐसे विज्ञापन बनाकर दिखाएं। मुझे इस बात को लेकर बेहद आपत्ति है कि तमाम चेतावनी के बाद भी हिंदू धर्म और उसके प्रतीकों के साथ छेड़छाड़ जारी है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं पहले भी चेतावनी दे चुका हूं। अगर सब्यसाची मुखर्जीने 24 घंटे में यह विज्ञापन नहीं हटाया तो मुकदमा दर्ज होगा, वैधानिक कार्रवाई होगी औऱ अलग से फोर्स भेजी जाएगी।‘
क्या कहा सब्यसाची ने?
विरोध और चेतावनी के बाद सब्यसाची ने विज्ञापन वापस ले लिया है। साथ ही, इंस्टाग्राम पर एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है, ‘हम इस बात से दुखी हैं कि समाज के एक वर्ग को इससे (विज्ञापन से) ठेस पहुंची है। इसलिए हम इस विज्ञापन को वापस ले रहे हैं।‘ बता दें कि भाजपा महाराष्ट्र के कानूनी सलाहकार अधिवक्ता आशुतोष दुबे ने फैशन डिजाइनर को कानूनी नोटिस भी भेजा है। इसमें कहा गया है कि इस विज्ञापन से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। वे 15 दिन के अंदर इस विज्ञापन को वापस लें।
हिंदू आस्था पर लगातार हमले
विज्ञापन के बहाने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। पहले कंपनी जगत हिंदुओं की आस्था पर चोट करता है, फिर विरोध के बाद उस विज्ञापन को हटा देता है और सफाई पेश करता है। बीते माह फैब इंडिया ने दीपावली का नाम बदलकर जश्न-ए-रिवाज कर दिया था। डाबर ने भी करवाचौथ दिन एक विज्ञापन जारी किया था। इसमें दो समलैंगिक महिलाओं को करवाचौथ मनाते हुए दिखाया गया था। इसी तरह, सीएट टायर के एक विज्ञापन में अभिनेता आमिर खान लोगों से सड़कों पर पटाखे नहीं फोड़ने की सलाह दे रहे थे, जबकि पिछले साल इसी त्योहारी माह में तनिष्क ने एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें हिंदुओं की संस्कृति को मुस्लिम रिवाजों से जोड़कर दिखाया गया था। ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा देने वाले इस विज्ञापन का भी बहुत विरोध हुआ था। इसके अलावा, सर्फ एक्सेल भी होली और नवरात्रि पर विवादित विज्ञापन पेश कर चुका है।
टिप्पणियाँ