जम्मू-कश्मीर में अक्टूबर महीने में सबसे ज्यादा आतंकी वारदात हुई हैं। इस दौरान आतंकी संगठनों ने आम नागरिकों और सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर कई हमले किए। हालांकि सुरक्षाबलों ने कई आतंकी साजिशों को नाकाम करते हुए 19 आतंकियों को मार गिराया। आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर महीने में आतंकियों ने 5 गैर कश्मीरी मजदूरों समेत 13 नागरिकों की नृशंस हत्या की थी। इसका जवाब देते हुए सुरक्षाबलों ने 14 मुठभेड़ में 19 आतंकियों को मार गिराया।हालांकि आतंकी हमलों और क्रॉस फायरिंग में 12 सुरक्षाकर्मी भी बलिदान हुए हैं।
गौरतलब है कि इस साल फरवरी में पाकिस्तान द्वारा सीजफायर समझौते के पालन के साथ ही घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई। लेकिन दूसरी तरफ आतंकी संगठनों ने घाटी के हालात को खराब करने के लिए पूरी कोशिश की और कई हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। आतंकियों ने बाहरी मजदूरों समेत घाटी के हिन्दू और सिखों को निशाना बनाकर उनकी हत्या की। जिसके बाद डर कर श्रमिकों ने पलायन भी किया। हालांकि आतंकी हमलों के जवाब में सुरक्षा बलों ने कड़ी कार्रवाई की है।
राज्य के हालात को लेकर जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह कहते हैं कि पिछले कुछ हफ्तों में जो स्थिति बनी थी, उसमें अब परिवर्तन आ रहा है। राज्य के लोग शांति और विकास की ओर बढ़ना चाहते हैं और वे हिंसा के खिलाफ हैं। कुछ हिंसक घटनाएं हुईं। अब स्थिति बेहतर है।
बता दें कि इन मुठभेड़ों के अलावा जम्मू—कश्मीर प्रशासन ने आतंकियों की कमर तोड़ने के लिए इनसे जुड़े लोगों के खिलाफ सख्ती बरती है। आतंकियों के समर्थकों और ओवरग्राउंड आतंकी वर्कर्स पर कार्रवाई करते हुए ऐसे लोगों को नौकरियों से हटा गया है, जो सरकारी नौकरी करते हुए आतंकी संगठनों की मदद कर रहे थे।
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