अपनी स्वादिष्ट मिठाइयों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध ‘बीकानेरवाला’ समूह ने कोरोना काल में ऐतिहासिक कारोबार किया। मार्च, 2020 में लॉकडाउन लगने के कुछ ही दिन बाद सरकार ने खान-पान से जुड़े कारखानों को काम करने की छूट दे दी थी। इस समूह ने इसका लाभ उठाया। समूह के संस्थापक लाला केदारनाथ अग्रवाल ‘काकाजी’ ने बताया, ‘‘बाजार बंद रहने के कारण विश्वभर में फैलीं हमारी सारी दुकानें बंद थीं। लोग भी घरों से निकल नहीं पा रहे थे। ऐसे में समूह ने लोगों की जरूरत को देखते हुए यह निर्णय लिया कि सरकार से अनुमति लेकर अधिक से अधिक नमकीन और बिस्कुट तैयार किए जाएं।
अनुमति मिलते ही दिल्ली के लारेंस रोड, ग्रेटर नोएडा और हरियाणा के राई स्थित ब्रांचों में काम शुरू कर दिया गया। इससे पहले समूह ने अपने सभी कारीगरों और अन्य मजदूरों के स्वास्थ्य की देखभाल की। इस कारण कोई कारीगर बाहर नहीं गया और पूरी क्षमता के साथ काम चालू हो गया। इसका परिणाम यह हुआ कि समूह ने सामान्य दिनों की अपेक्षा कोरोना काल में अच्छा कारोबार किया। इससे समूह की सेहत अच्छी रही, साथ ही कर्मचारी भी बेरोजगार नहीं हुए।’’ उन दिनों की चुनौतियों के संबंध में काकाजी कहते हैं, ‘‘लोगों को यह भरोसा दिलाना बहुत मुश्किल था कि बाजार में निर्मित चीज भी अच्छी होती है, क्योंकि लोग बाहर की चीज खाने से परहेज करने लगे थे। लेकिन समूह ने अपने खुदरा दुकानदारों के जरिए लोगों का भरोसा जीता और विपरीत स्थिति में भी अच्छा काम किया। पूरे देश में अपने उत्पादों को पहुंचाया।’’
इस समय ‘बीकानेरवाला’ समूह का सालाना कारोबार 2,000 करोड़ रु. से अधिक है। लाला केदारनाथ बीकानेर (राजस्थान) के रहने वाले हैं। वे कभी दिल्ली में घूम-घूमकर मिठाई बेचा करते थे। इनके पिताजी भी यही काम किया करते थे। बाद में इन्होंने दिल्ली में मिठाई की एक दुकान खोली और आज इनकी भारत और विदेश में 120 दुकानें हैं।
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