अभिव्यक्ति के 'संस्थागत' हत्यारों का चारागाह बनता छत्तीसगढ़
Friday, May 20, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत

अभिव्यक्ति के ‘संस्थागत’ हत्यारों का चारागाह बनता छत्तीसगढ़

पंकज झा by पंकज झा
Oct 30, 2021, 12:03 pm IST
in भारत, छत्तीसगढ़
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail
 छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने अधिकृत रूप से अपने जिलाध्यक्षों द्वारा पत्रकारों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करने का राजनीतिक अभियान चलाया है। 

 
छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी निजाम के सत्ता में आने के बाद से लगातार लोकतंत्र के सभी स्तंभों पर शामत सी आई हुई है। चौथा स्तम्भ कहे जाने वाला प्रेस/मीडिया/नया मीडिया भी इस प्रकोप से अछूता नहीं रहा है। शुरुआत तो तभी हो गयी थी, जब सत्ता संभालने के बाद बघेल सरकार ने बाकायदा पुलिस अधिकारी की अगुआई में एक कमेटी बनायी थी, जिसे शासन को सिफारिश करनी थी कि किस खबर पर किस संस्थान पर मुकदमा किया जा सकता है। फिर सोशल मीडिया तक पर लिखे बिजली कटौती जैसे विषय तक पर राजद्रोह जैसे गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किये जाने लगे। बदला भंजाने के लिए एससी-एसटी एक्ट तक के मामले दायर किये जाना तो यहां मानो प्रक्रिया का हिस्सा जैसा हो गया। भाजपा प्रवक्ताओं द्वारा मीडिया में बयान देने, प्रेस विज्ञप्तियां जारी तक करने के मामले में मुक़दमे किया जाना, यहां सामान्य सी बात हो गयी है।

पिछले वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और रिपब्लिक भारत प्रमुख अर्नव गोस्वामी आदि पर एक साथ कांग्रेसियों द्वारा किये सैकड़ों मुकदमों ने तो राष्ट्रीय ख्याति हासिल की थी। अनेक मामले ऊपरी अदालतों तक गए और साफ़-साफ़ कोर्ट की टिप्पणियां भी आई कि मामले राजनीतिक प्रतिशोध वश दायर किये लगते हैं। अनेक एफआईआर कोर्ट द्वारा रद्द भी की गईं, लेकिन ऐसे हर मामले से अविचलित कांग्रेस का कारवां अभिव्यक्ति को कुचलते आगे बढ़ते जा रहा है। अभी तो पहली बार प्रेस से सीधे सरोकार रखने वाले शासन के जनसंपर्क विभाग का प्रमुख भी एक पुलिस अधिकारी को ही बनाया गया है। 

अब तो खैर इससे भी आगे जा कर कांग्रेस ने अधिकृत रूप से अपने जिलाध्यक्षों द्वारा पत्रकारों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करने का राजनीतिक अभियान चलाया है। शुरुआत पिछले दिनों संवेदनशील सरगुजा संभाग से हुई, जहां तस्करों ने दुर्गा पूजा की शोभायात्रा को कुचलकर दर्ज़नों लोगों को हताहत कर दिया था। वहां कांग्रेस की गुटीय लड़ाई सरेआम हो गयी थी। कांग्रेस के एक जिलाध्यक्ष रहे एक बड़े स्थानीय नेता की कांग्रेस के ही भूपेश गुट के इफ्तिखार हसन ने मंच पर ही पिटाई कर दी, उस समय पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता भी मंचस्थ थे। स्वाभाविक रूप से इस घटना का व्यापक प्रसार हुआ। सभी मीडिया संस्थानों ने इसके वीडियो जारी किये। इसके बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष द्वारा बाकायदा थानों में एफआईआर दर्ज करने के लिए अन्य कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचना शुरू हुआ। ऐसी ही कार्रवाई प्रदेश के अन्य जिलों में होनी शुरू हो गई। हाल में हर जिले में साइबर टीम कांग्रेस सरकार द्वारा बनायी गयी है, जो असहमति की हर खबरों को ‘निगरानी’ करेगी और कार्रवाई करेगी।

कांग्रेस की इन तमाम कार्रवाइयों के खिलाफ विपक्षी दल भाजपा यहां काफी मुखर है। वह हर स्तर पर इसका विरोध कर रही है। लेकिन बहुमत के अहंकार में कांग्रेस कुछ भी सुनने और पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रही। इसी हफ्ते फेसबुक पर एक सामान्य असहमति दर्ज करने पर पिछड़ी जाति के एक गरीब युवक पर कांग्रेस नेता द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया। उसे अन्य जिले में पुलिस द्वारा ले जाने की खबर आई, जिसे हालांकि उसी दिन ज़मानत मिल गयी। लेकिन फिर भी उसे जेल में रहना पड़ा। ऐसी दर्ज़नों घटनाएं यहां होती जा रही हैं।

बता दें कि कांग्रेस ने सत्ता में आते ही बस्तर के एक चर्चित पत्रकार को पुलिस थाने में पुलिस के सामने ही नृशंस पिटाई कर अपनी मंशा बता ही दी थी कि चाहे जो हो, वह असहमति के प्रति भयंकर असहिष्णु रहेगी ताकत भर। बात-बात पर मुकदमा दर्ज करने वाली सरकार ने ऐसी सभी घटनाओं पर खामोश रहना ही बेहतर समझा है। पिछले हफ्ते तो कांग्रेस के विधायक द्वारा आबकारी विभाग में घुसकर कर्मचारी की नृशंस पिटाई की, फिर भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। तो जब तक सत्ता में रहेगी कांग्रेस की यह संस्थागात तानाशाही जारी रहने वाली है। वह तो प्रकृति अनुसार ही काम करेगी, लेकिन असली सवाल ऐसे तमाम फैसलों पर आवाज़ नहीं उठाने वाले मुख्यधारा के समाचार माध्यमों पर है। छत्तीसगढ़ में इस ‘नव आपातकाल’ में अधिकांश पत्रकारों की वही भूमिका नज़र आ रही है जैसा कि पुराने ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ के समय श्री लालकृष्ण आडवाणी की टिप्पणी थी–‘सरकार ने झुकने को कहा तो मीडिया रेंगने लगी है।’ लोकतंत्र के लिए ऐसी स्थिति कहीं भी खतरनाक ही हो सकती है। छत्तीसगढ़ जैसे प्रदेश में तो खासकर ऐसे हालात गंभीर कहे जाने चाहिए जहां सरकार पर सीधा आरोप है कि उसने निर्दोष वनवासियों की पुलिस द्वारा हत्या करा दी है। जहां सिस्टम में भी अब नक्सली बैठे होने के आरोप लगातार लगते ही रहते हैं। जहां हज़ारों वनवासी सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर राजधानी पहुंच रहे, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही और सरकार नाइजीरिया आदि के वनवासियों के साथ नाचने में व्यस्त और मस्त है।

ShareTweetSendShareSend
Previous News

इस्लामी आतंकी गुट की ‘अच्छी बातें’ पर चला गूगल का डंडा, जैशे-मोहम्मद का एप हटाया प्ले स्टोर से

Next News

J&K: देश के लिए प्राण न्योछावर करने वालों के नाम पर होंगे स्कूल, सड़क और इमारतों के नाम

संबंधित समाचार

बढ़ता संकट, सजग सरकार

बढ़ता संकट, सजग सरकार

निर्माणाधीन टी-3 टनल का एक बड़ा हिस्सा धंसा, आठ से 10 श्रमिक फंसे, तीन की हालत गंभीर

निर्माणाधीन टी-3 टनल का एक बड़ा हिस्सा धंसा, आठ से 10 श्रमिक फंसे, तीन की हालत गंभीर

लालू यादव के खिलाफ नया केस दर्ज, 17 जगहों पर छापेमारी

लालू यादव के खिलाफ नया केस दर्ज, 17 जगहों पर छापेमारी

व्हीलचेयर पर पोप और दाएं वह बैनर, जिसमें चंगाई सभा की जानकारी दी गई है

कोई पोप को भी चंगाई सभा में ले जाओ, जहां दिव्यांग भी ‘चलने’ लगते हैं

अपने ही फंदे में फंसा ड्रैगन

अपने ही फंदे में फंसा ड्रैगन

सबकी राय से तैयार होगा बजट, जनता की जरूरतों को प्राथमिकता : सीएम धामी

सबकी राय से तैयार होगा बजट, जनता की जरूरतों को प्राथमिकता : सीएम धामी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बढ़ता संकट, सजग सरकार

बढ़ता संकट, सजग सरकार

निर्माणाधीन टी-3 टनल का एक बड़ा हिस्सा धंसा, आठ से 10 श्रमिक फंसे, तीन की हालत गंभीर

निर्माणाधीन टी-3 टनल का एक बड़ा हिस्सा धंसा, आठ से 10 श्रमिक फंसे, तीन की हालत गंभीर

लालू यादव के खिलाफ नया केस दर्ज, 17 जगहों पर छापेमारी

लालू यादव के खिलाफ नया केस दर्ज, 17 जगहों पर छापेमारी

व्हीलचेयर पर पोप और दाएं वह बैनर, जिसमें चंगाई सभा की जानकारी दी गई है

कोई पोप को भी चंगाई सभा में ले जाओ, जहां दिव्यांग भी ‘चलने’ लगते हैं

अपने ही फंदे में फंसा ड्रैगन

अपने ही फंदे में फंसा ड्रैगन

सबकी राय से तैयार होगा बजट, जनता की जरूरतों को प्राथमिकता : सीएम धामी

सबकी राय से तैयार होगा बजट, जनता की जरूरतों को प्राथमिकता : सीएम धामी

15 करोड़ लाभार्थियों को अब तक मिला 200 लाख मीट्रिक टन मुफ्त अनाज

15 करोड़ लाभार्थियों को अब तक मिला 200 लाख मीट्रिक टन मुफ्त अनाज

विश्व की बड़ी कंपनियां यूपी में रखेंगी अपना डेटा

विश्व की बड़ी कंपनियां यूपी में रखेंगी अपना डेटा

  • About Us
  • Contact Us
  • Advertise
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • Vocal4Local
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies