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अररिया में अफगानी, बांग्लादेशी और उज्बेकिस्तानी

Sanjiv Kumar by Sanjiv Kumar
Oct 30, 2021, 10:36 am IST
in भारत, बिहार
उज्बेकिस्तान की लड़कियों के साथ अररिया के मोहम्मद इस्माइल और सरोज कुमार साह

उज्बेकिस्तान की लड़कियों के साथ अररिया के मोहम्मद इस्माइल और सरोज कुमार साह

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बिहार के अररिया जिले में कभी अफगानी नागरिक पकड़े जा रहे हैं, तो कभी उज्बेकिस्तान की लड़कियां। बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण यह जिला बहुत ही संवेदनशील बन चुका है। इस हालत में अनेक देशों के नागरिकों का यहां अवैध रूप से रहना किसी षड्यंत्र का हिस्सा हो सकता है। 

बिहार में घुसपैठ की समस्या विकराल होती जा रही है। हाल ही में अररिया में उज्बेकिस्तान की तीन लड़कियां पकड़ी गई हैं। इससे पहले बिहार के रास्ते नेपाल में प्रवेश करने वाले 11 अफगानी नागरिक पकड़े गए थे। हालाांकि ये नेपाल में पकड़े गए थे, लेकिन यह पता चला है कि ये अफगानी भारत में लंबे समय से रह रहे थे। इनमें से कइयों के पास भारतीय पासपोर्ट मिले हैं।  इसलिए अररिसा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज आ​दि के लोग कहने लगे हैं कि अगर बिहार में घुसपैठ को लेकर जल्दी ही कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई, तो आने वाला समय न तो बिहार के लोगों को माफ करेगा और न ही बिहार का वर्तमान स्वरूप बचेगा। इन लोगों का कहना है कि एक साजिश के तहत इस इलाके में घुसपैठ कराई जाती है। यदि घुसपैठ नहीं रुकी तो यह भारत के लिए बहुत ही बुरा होगा।  
अब नेपाल की सीमा में स्थित अररिया जिले से उज्बेकिस्तान की तीन लड़कियों के पकड़े जाने से सीमावर्ती इलाके में रहने वाले लोगों को अज्ञात भय और चिंता सता रही है। उनकी यह चिंता है कि इस तरह यदि किसी भी देश के नागरिक बिहार के सीमावर्ती इलाकों में रहने लगें तो यह संकेत ठीक नहीं है। इसके पीछे कोई साजिश है और इसमें भारत—विरोधी तत्व शामिल हैं।    
उल्लेखनीय है कि सीमा सुरक्षा बल की 56वीं वाहिनी के पथरदेवा बॉर्डर ओपी के जवानों ने 27 अक्तूबर की रात को नेपाल के रास्ते भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर रहे पांच संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा था। इनमें से तीन युवतियां एवं दो युवक थे। युवतियों के पास से बरामद पासपोर्ट के अनुसार वे लोग उज्बेकिस्तान के काशकाडारिया क्षेत्र की रहने वाली हैं, जबकि दोनों युवक अररिया के नरपतगंज प्रखंड के अन्तर्गत बसमतिया के रहने वाले हैं। जोगबनी सीमा के समीप भारतीय क्षेत्र में इन्हें तब हिरासत में लिया गया जब वे ऑटो से भारतीय क्षेत्र में कहीं जा रहे थे। हिरासत में ली गई इनोबाट राजबोवा, पिता सुनाटुल्ला किजी, आयु 20 वर्ष, इसमिगुल राजाबोवा, पिता सुन्नाटूल्ला कीजि आयु 22 वर्ष तथा तीसरे का नाम डायना युसुपोवा, पिता रावशान कीजि आयु 18 वर्ष है। इनमें से इनोबाट और इसमिगुल सगी बहनें हैं। इनोबाट का पासपोर्ट नंबर एफए 3974871 तथा इसमिगुल का पासपोर्ट नंबर एफए 3910126 है, जबकि डायना का पासपोर्ट संख्या नंबर 3877890 है। इनका पासपोर्ट सितंबर, 2021 में ही जारी हुआ है। इनके पास से नेपाल का एक टूरिस्ट वीजा मिला है, जो 21 अक्तूबर का है। इनमें से किसी के पास भारत का वीजा नहीं है।  
दोनों युवकों में से एक का नाम मो. इस्माइल, पिता राजुल अंसारी है तथा दूसरे का नाम सरोज कुमार साह, पिता उमेश साह है। कहा जा रहा है कि उन लड़कियों से इन दोनों की दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी। अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये लड़कियां यहां किस उद्देश्य से घूम रही थीं। पुलिस जांच से ही उनकी सचाई बाहर आएगी, लेकिन एक बात लोगों को सता रही है कि आखिर इस सीमावर्ती क्षेत्र में ही इतने विदेशी नागरिक क्यों रह रहे हैं या आ रहे हैं! एक और बात बहुत चौंकाने वाली है। मोहम्मद इस्माइल जिस गांव का रहने वाला है, उस गांव के अनेक लड़के भी पहले फेसबुक के जरिए विदेशी युवतियों से दोस्ती कर चुके हैं। जानकारों का कहना है कि इसके पीछे कोई न कोई रहस्य है। इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए। 
 उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले कटिहार में भी तीन अफगानी नागरिक पकड़े गए थे। ये तीनों बरसों से यहां रह रहे थे और अनेक तरह के गलत कामों में लगे थे। उनकी पोल तब खुली जब उनमें कुछ दिन पहले आपस में ही किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और मामला पुलिस तक पहुंच गया। इन तीनों ने भारत का पासपोर्ट भी बनवा लिया था। इसे पता चलता है कि इन लोगों को किसी भारतीय ने ही पूरी मदद की थी। ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच होनी चाहिए, अन्यथा देश की सुरक्षा ही खतरे में पड़ जाएगी।  

 

 

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