इस नए कानून के पारित होने के बाद नई दिल्ली की ओर से एलएसी पर वर्तमान स्थितियों को लेकर आपत्ति जताई गई थी। इसी के जवाब में चीन के विदेश मंत्रालय ने सफाई दी
वेब डेस्क
पिछले दिनों ड्रैगन द्वारा पारित नए भूमि सीमा कानून पर भारत की कड़ी आपत्ति दर्ज कराने के तुरंत बाद चीन ने सफाई देते हुए कहा है कि इस कानून से'वर्तमान संधियों पर कोई असर नहीं' पड़ेगा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ किया है कि चीन के 'घरेलू कानूनों' को लेकर कोई अटकलें न लगाएं। उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली ने चीन के नए लैण्ड बार्डर लॉ से भारत से सटी उसकी सीमाओं पर वर्तमान स्थितियों में बदलाव की साजिश का अंदेशा जताया था। इसी के बाद चीन ने अपने इस नए कानून को लेकर कुछ धुंध छांटने की कोशिश की है। लेकिन अब भी विशेषज्ञ उसकी मंशा पर शक कर रहे हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय ने 28 अक्तूबर को एक प्रेस वार्ता में कहा कि उसका नया भूमि सीमा कानून वर्तमान में जारी सीमा संधियों पर असर नहीं डालेगा। यह कानून सीमा संबंधी मुद्दों पर चीन के मत में कोई बदलाव नहीं लाएगा। उल्लेखनीय है कि चीनी संसद ने अपने आखिरी सत्र में यह नया भूमि सीमा कानून पारित किया था। इसके अंतर्गत कहा गया है कि उसके सैन्य और स्थानीय अधिकारी भारत सहित विभिन्न 14 देशों के साथ सटी चीन की 22,000 किमी भूमि सीमा का प्रबंधन कैसे करेंगे, उसकी रक्षा कैसे करेंगे। बताया गया है कि यह नया कानून चीन आगामी एक जनवरी से अमल में लाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह कानून भारत तथा चीन के मध्य एलएसी पर पिछले करीब डेढ़ साल से जारी सैन्य गतिरोध के दौरान लाया गया है। इस कानून में चीन ने संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता पर खास जोर दिया है। नए भूमि सीमा कानून में कहा गया है कि सीमा सुरक्षा को पुख्ता करने, आर्थिक तथा सामाजिक विकास में मदद करने, सीमांत क्षेत्रों को खोलने, वहां लोक सेवा तथा बुनियादी ढांचे को सुधारने तथा वहां के लोगों के जीवन और कामों में मदद के लिए चीन कदम उठा सकता है। खास बात यह भी है कि यह कानून चीन की भूमि सीमाओं को फौजी सुरक्षा के साथ जोड़ता है।
इस कानून में चीन ने संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता पर खास जोर दिया है। नए भूमि सीमा कानून में कहा गया है कि सीमा सुरक्षा को पुख्ता करने, आर्थिक तथा सामाजिक विकास में मदद करने, सीमांत क्षेत्रों को खोलने, वहां लोक सेवा तथा बुनियादी ढांचे को सुधारने तथा वहां के लोगों के जीवन और कामों में मदद के लिए चीन कदम उठा सकता है।
इस कानून के पारित होने के बाद नई दिल्ली की ओर से एलएसी पर वर्तमान स्थितियों को लेकर आपत्ति जताई गई थी। इसी के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि 'इस कानून में अपने पड़ोस के देशों के साथ चीन के सहयोग तथा भूमि सीमा से जुड़े मुद्दों से निपटने को लेकर स्पष्ट शर्तें हैं। ये कानून चीन की वर्तमान सीमा संधियों पर असर नहीं डालेगा। ये पड़ोस के देशों के साथ हमारे सहयोग को भी प्रभावित नहीं करेगा।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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