पाकिस्तान सरकार ने कैबिनेट बैठक में इस गुट को 'आतंकी गुट' घोषित करके किसी भी तरह इससे निपटने की कसमें तो खाई हैं, पर उसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है
वेब डेस्क
पाकिस्तान में प्रतिबंधित 'आतंकी गुट' तहरीके-लब्बैक पाकिस्तान यानी टीएलपी अपने हिंसक तेवरों में ढील नहीं दे रहा है। ताजा समाचार हैं कि इसके मजहबी उन्मादी समर्थकों का हजारों का रेला पाकिस्तानी पंजाब से होता हुआ इस्लामाबाद की तरफ बढ़ रहा है। इसे लेकर इमरान सरकार की चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं। उसने कैबिनेट बैठक में इस गुट को 'आतंकी गुट' घोषित करके किसी भी तरह इससे निपटने की कसमें तो खाई हैं, लेकिन मजहबी उन्मादियों का आक्रोश किसी तरह कम होता नहीं दिख रहा है। वे अपनी तीन मांगों पर कायम हैं-एक, सरकार टीएलपी को आतंकी गुट न माने; दो, गुट के संस्थापक खादिम रिजवी के बेटे साद रिजवी को रिहा किया जाए, और तीन, फ्रांस की पत्रिका में पैगंबर मुहम्मद का विवादित चित्र छपने की वजह से फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से बाहर किया जाए। दूसरी तरफ, सरकार साफ कह चुकी है कि वह टीएलपी की मांगें नहीं मानेगी।
इस्लामाबाद के राजनीतिक गलियारे इस नए घटनाक्रम से हैरान हैं। नेता इसका रास्ता निकलाने में उलझे हैं। ऐसे में गृह मंत्री शेख रशीद ने एक बार फिर से इस 'आतंकी गुट' को कदम वापस खींचने को कहा है, 'नहीं तो मामला गड़बड़ा सकता है'।
इमरान सरकार की तरफ से फिर से जताया गया है कि वह इस गुट के खात्मे को लेकर कसम खाए हुए है। उधर समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, पाकिस्तान में इलेक्ट्रानिक मीडिया नियामक अथॉरिटी ने ऐसे सभी चैनलों पर पाबंदी लगाने की बात की है जो टीएलपी की हरकतों पर खबरें दिखाएंगे। जियो न्यूज का कहना है कि अथॉरिटी की तरफ से इस आदेश की सूचना भी जारी की गई है।
एक कार्यक्रम में रशीद ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों को किसी भी सूरत में इस्लामाबाद में नहीं आने दिया जाएगा। ये आंदोलनकारी वापस लौट जाएं, नहीं तो सरकार के पास इनसे सख्ती से पेश आने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होगा। रशीद ने यह भी कहा था कि इन टीएलपी वालों के पास एके47 रायफलें भी हैं।
समाचार एजेंसी एएफपी की खबर है कि गृह मंत्री रशीद को चिंता है कि अगर टीएलपी की उन्मादी भीड़ इस्लामाबाद में आ पहुंची तब क्या होगा। इस सदर्भ में जियो न्यूज के एक कार्यक्रम में रशीद ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों को किसी भी सूरत में इस्लामाबाद में नहीं आने दिया जाएगा। ये आंदोलनकारी वापस लौट जाएं, नहीं तो सरकार के पास इनसे सख्ती से पेश आने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होगा। रशीद ने यह भी कहा था कि इन टीएलपी वालों के पास एके47 रायफलें भी हैं। बता दें कि 27 अक्तूबर को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़पों में चार पुलिसकर्मियों के मारे जाने की खबर है।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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