लोगों के पास न रोजगार है, न घर चलाने को पैसे। ऐसे में लाखों लोग लगातार अफगानिस्तान को छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर हैं
वेब डेस्क
अफगानिस्तान में परिस्थितियां आएदिन विकट होती जा रही हैं। बड़ी संख्या में लोगों के पास न रोजगार है, न घर चलाने को पैसे। ऐसे में लाखों लोग लगातार अफगानिस्तान को छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर हैं। यही वजह है कि अफगानिस्तान से सटी दूसरे देशों की सीमाओं पर स्थितियां काबू से बाहर हो रही हैं। पाकिस्तान जाने वाले रास्तों पर हजारों लोगों की ठेलमठेल मची हुई है। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी मामलों की एजेंसी यूएनएचसीआर के अनुसार, युद्ध से जर्जर हुए अफगानिस्तान से करीब 35 लाख लोगों ने पलायन किया है। अफगानिस्तान में इस अफरातफरी की वजह से भी आर्थिक हालात खराब होते जा रहे हैं। एक खबर के अनुसार, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से पाकिस्तान की चमन-स्पिन बोल्दाक सरहद पर अब भी सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। बताते हैं, पाकिस्तान ने इन लोगों की सहूलियत के लिए कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन ये पर्याप्त नहीं हैं।
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी मामलों की एजेंसी यूएनएचसीआर के अनुसार, युद्ध से जर्जर हुए अफगानिस्तान से करीब 35 लाख लोगों ने पलायन किया है। अफगानिस्तान में इस अफरातफरी की वजह से भी आर्थिक हालात खराब होते जा रहे हैं। एक खबर के अनुसार, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से पाकिस्तान की चमन-स्पिन बोल्दाक सरहद पर अब भी सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं।
यूएनएचसीआर ने आगे कहा है कि वैसे तो पिछले साल और उससे पहले भी यहां के लाखों लोग विस्थापित जीवन जी रहे थे। लेकिन इस बीच बड़ी संख्या में लोग वापस भी लौटे हैं। उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान के शरणार्थियों में से 90 प्रतिशत ईरान और पाकिस्तान की तरफ जाते हैं।
एक आंकड़े के अनुसार, पाकिस्तान में लाखों अफगान शरणार्थी पंजीकृत हैं। साथ ही, करीब आठ लाख अफगान शरणार्थी ईरान में रह रहे हैं। हजारों अफगान शरणार्थी ऐसे भी हैं जिनका अभी तक पंजीकरण नहीं हुआ है। अफगानिस्तान से पाकिस्तान की तरफ जाने वाले ज्यादातर अफगानी अपनी सुरक्षा को देखते हुए उस तरफ जा रहे हैं। लेकिन ये सीमाओं पर फंस जाते हैं, जिनमें बच्चों और महिलाओं की तादाद काफी ज्यादा है। आशंका यह है कि ये कहीं मानव तस्करों के हाथ में न पड़ जाएं।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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