इस चीनी कंपनी को साफ आदेश दे दिया गया है कि वह 60 दिन के अंदर अमेरिका से अपना काम समेट ले। बताते हैं, अमेरिका ने यह कड़ा कदम इसलिए उठाया है क्योंकि उसे इसके जरिए जासूसी होने का खतरा था
ताजा समाचार के अनुसार, अमेरिका की सरकार ने चीन की दूरसंचार क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी 'चाइना टेलिकॉम' को प्रतिबंधित कर दिया है। इस चीनी कंपनी को साफ आदेश दे दिया गया है कि वह 60 दिन के अंदर अमेरिका से अपना काम समेट ले। बताते हैं, अमेरिका ने यह कड़ा कदम इसलिए उठाया है क्योंकि उसे इसके जरिए जासूसी होने का खतरा था। संभवत: इसके पुख्ता सुराग मिलने पर अमेरिका के नियामक ने चाइना टेलिकॉम का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब चाइना टेलिकॉम को अगले 60 दिन के अंदर अमेरिका से अपना कामकाज खत्म करना होगा। उल्लेखनीय है कि भारत पिछले साल ऐसा कदम उठा चुका है जब इसने लद्दाख सीमा पर चीनी सेना की घुसपैठ करने और बेवजह संघर्ष छेड़ने की कोशिश को नाकाम किया था। जून 2020 में सीमा पर चीन के साथ हुई उस हिंसक झड़प के बाद भारत में चीनी कंपनियों और चीन के दर्जनों एप प्रतिबंधित किए गए थे।
चाइना टेलिकॉम पर यह प्रतिबंध लगाया है अमेरिका के संघीय संचार आयोग ने । बता दें कि चाइना टेलिकॉम चीन की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी है। इसे आने वाले 20 साल तक अमेरिका में टेलिकॉम सेवाएं देने का अधिकार प्राप्त था। लेकिन अब इस खबर के बाद अमेरिका में चीन की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में तेजी से गिरावट आई है। इतना ही नहीं, उधर हांगकांग में भी चीन की कंपनियों के शेयर लुढ़क गए हैं।
अमेरिका के दूरसंचार नियामक आयोग ने पाया कि चाइना टेलिकॉम कंपनी चीन सरकार की तरफ बहुत ज्यादा झुकाव रखती है इसलिए खतरा है कि यह कंपनी चीन सरकार के कहने पर बिना कुछ संवेदनशील जानकारियां साझा कर सकती है। अमेरिकी नियामक का कहना है कि चीनी सरकार के स्वामित्व तथा नियंत्रण के कारण अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा तथा कानूनों के प्रवर्तन का बहुत ज्यादा खतरा पैदा हो गया था।
हेंग सेंग टेक इंडेक्स में भी 3 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट देखी गई है। सबसे ज्यादा शेयर गिरे हैं टेनसेंट, अलीबाबा, जेडी डॉट कॉम तथा एक्सडी जैसी चीनी कंपनियों के। अमेरिका के दूरसंचार नियामक आयोग ने पाया कि चाइना टेलिकॉम कंपनी चीन सरकार की तरफ बहुत ज्यादा झुकाव रखती है इसलिए खतरा है कि यह कंपनी चीन सरकार के कहने पर बिना कुछ संवेदनशील जानकारियां साझा कर सकती है। अमेरिकी नियामक का कहना है कि चीनी सरकार के स्वामित्व तथा नियंत्रण के कारण अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा तथा कानूनों के प्रवर्तन का बहुत ज्यादा खतरा पैदा हो गया था। चीन की कम्युनिस्ट सरकार अमेरिकी जानकारियों तक पहुंच सकती है। अमेरिका के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए चाइना टेलिकॉम ने इसे 'निराशाजनक' बताया है।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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