टी-20 विश्वकप के मैच में भारत एक बार पाकिस्तान से हार क्या गया, पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद इस कदर खुश हो गए कि जैसे वह कोई जंग जीत गए हों। मैच में हार और जीत लगी रहती है। खेल को खेल की भावना से ही देखना चाहिए। लेकिन पाकिस्तान के गृहमंत्री की भावना कुछ और ही कहती है। वह जहर उगलने लगे। शेख रशीद ने रविवार को अपना एक वीडियो संदेश ट्वीट किया। इसमें वह कहते हैं कि यह इस्लाम की जीत है। इतना ही नहीं वह यहां तक कह देते हैं कि इस जीत में भारत के मुसलमानों के जज्बात पाकिस्तान की टीम के साथ थे। हालांकि भारत में उनके इस ट्वीट का विरोध हो रहा है। वह ट्रोल भी किए गए। यूजर्स ने यहां तक कहा कि यह इस्लाम की जंग नहीं, मैच था।
शेख रशीद ने वीडियो में यह कहा
शेख रशीद अहमद अपने वीडियो में कहते हैं, " मैं आज सारी पाकिस्तान की कौम को इस फतह अजीम पर मुबारकबद पेश करता हूं।… और जिस जुर्रत, वलवले, तनतने, दबदबे और बहादुरी से पाकिस्तान की टीम ने अपने रवायती हरीफ को शिकस्त दी है। उसको सलाम पेश करता हूं। और आज सारे आलमे इस्लाम में पाकिस्तान ने अपनी सलाहितों का लोहा मनवाया है। मुझे अफसोस है कि यह पहला हिंदुस्तान पाकिस्तान मैच है जो मैं कौमी जिम्मेदारियों की वजह से ग्राउंड पर नहीं खेल सका। लेकिन मैंने तमाम ट्रैफिक को इस्लामाबाद रावलपिंडी को हिदायत की है कि कंटेनर हटा दिए जाएं ताकि कौम अपने जश्न को तारीखी तरीके से मनाए। पाकिस्तान की टीम को पाकिस्तान की कौम को मुबारक हो, आज हमारा फाइनल था। हमारा फाइनल आज ही था। दुनिया के मुसलमान समेत हिंदुस्तान के मुसलमानों के जज्बात पाकिस्तानी टीम के साथ थे। सारी आलमे इस्लाम को फतेह मुबारक हो।
यह है पाकिस्तान की चाल
रक्षा विशेषज्ञ कर्नल जयबंस सिंह बताते हैं कि पाकिस्तान की हमेशा से ही यह पॉलिसी रही है कि भारत में साम्प्रदायिक विभाजन बढ़े। इसके लिए वह खासकर मुसलिम समुदाय में ऐसे लोगों को निशाना बनाता है, जिनको पैसे के बल पर खरीदा जा सकता है। उसको टारगेट करते हैं। इसके लिए वे भारत में इस तरह के मैसेज भेजते हैं, जिससे कि उनकी तरफ हमदर्दी आए। यहां के मुसलमान उन तक पहुंचें। वे सारा टाइम प्रोपेगेंडा जारी रखते हैं। यहां के मुसलमानों को भड़काने के साथ ही भारत को आंतरिक रूप से कमजोर कर सकते हैं। अपने साइकोलॉजिकलल ऑपरेशन के लिए कुछ तत्वों को एकत्र कर सकते हैं। इसके अलावा वह मुस्लिम देशों को भी यह दिखाना चाहता है कि उसके पास मुस्लिम समुदाय की लीडरशिप है और वह पूरे विश्व में मुस्लिम समाज को एकजुट करने की क्षमता रखता है। यह एक बहुत बड़ी सोची हुई मुहिम है, जिस पर पाकिस्तान बहुत दिनों से काम कर रहा है। हमारे लिए यह बहुत जरूरी है कि हम इस मुहिम को समझें और इसे काउंटर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पॉलिसी अपनाएं। यह बात पक्की है कि भारत में उसकी बात सुनने वाले कम हैं, लेकिन जो लोग उसके संपर्क में हैं उससे बातचीत आगे बढ़ाता है।
एक मंत्री ने कहा, भारत में मोदी से ज्यादा इमरान लोकप्रिय
पाकिस्तान के मंत्री अक्सर भारत के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं। पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी ने रविवार को भारत-पाकिस्तान के बीच मैच से पहले दुबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि भारत में इमरान खान की लोकप्रियता बहुत ज्यादा है। वह पीएम नरेंद्र मोदी से भी ज्यादा लोकप्रिय हैं। अगर वह आज दिल्ली में रैली करते हैं तो पीएम मोदी की रैली से भी ज्यादा भीड़ होगी। हाल ही में उत्तर प्रदेश के नोएडा और सोनभद्र में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए थे। पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था। पाकिस्तान के इन दोनों मंत्रियों के बयान क्या किसी साजिश की तरफ भी इशारा करते हैं, यह एक बड़ा सवाल है ?
पाकिस्तान की जीत पर भारत में फूटे पटाखे
पाकिस्तान की जीत पर भारत के कुछ इलाकों में पटाखे फोड़े जाने की खबरें आईं। सोशल मीडिया पर इस तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें लोग पाकिस्तान की जीत का जश्न मना रहे हैं। एक वीडियो दिल्ली के सीलमपुर इलाके का बताया जा रहा है। इस वीडियो की पुष्टि अभी नहीं हुई है। इस पर पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने भी कड़ी आपत्ति जताई है। सहवाग ने आज ट्वीट किया कि भारत में पटाखों पर प्रतिबंध है, लेकिन कल भारत के कुछ हिस्सों में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के लिए पटाखे फोड़े गए। अच्छा ये क्रिकेट की जीत का जश्न मना रहे होंगे। तो दीपावली पर पटाखे चलाने में क्या हर्ज है। इस तरह का पाखंड क्यों, सारा ज्ञान तब ही याद आता है। वहीं, भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने भी लिखा कि जो लोग पाकिस्तान की जीत पर पटाखे फोड़ रहे हैं वो भारतीय नहीं हो सकते। हमें अपनी टीम के साथ खड़े होना चाहिए।
करीब डेढ़ दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत। टीवी, अखबार, वेब, एप का अनुभव। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मामलों में दिलचस्पी। अमर उजाला से शुरुआत, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, जी न्यूज से लेकर पाञ्चजन्य तक की यात्रा। दक्षिण भारत की संस्कृति को भी करीब से समझने और अनुभव करने का अवसर मिला। दैनिक जागरण में रहते हुए शौर्य गाथा को समझा। मानस के मोती को खोजते हुए मानसरोवर तक पहुंचने का प्रयास।
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