गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू—कश्मीर के अपने तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन तुलमुल स्थित खीर भवानी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान उनके साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी थे। आज श्रीनगर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी वह करने वाले हैं।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार केंद्र शासित प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। गृह मंत्री ने गत रविवार को उपराज्यपाल के साथ जम्मू-कश्मीर में मकवाल सीमा पर अग्रिम इलाकों का दौरा किया और जवानों एवं स्थानीय निवासियों से बातचीत की। उन्होंने जम्मू में कश्मीरी पंडितों, गुर्जर-बकरवाल समुदाय, पहाड़ी समुदाय और जम्मू-कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधिमंडलों से भी मुलाकात की।
जम्मू के साथ अब कोई भेदभाव नहीं कर सकता
जम्मू में एक सभा को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अब जम्मूवासियों के साथ कोई भेदभाव नहीं कर सकता। दोनों का समान रूप से विकास होगा। उन्होंने कहा कि भारत में सभी युवाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्ट-अप और कई अन्य कार्यक्रम युवाओं के लिए शुरू किए हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि नरेन्द्र मोदी जब देश के प्रधानमंत्री बने थे, उस वक्त देश में करीब 20 हज़ार गांव ऐसे थे, जहां बिजली का खंभा तक नहीं था, लेकिन अब नरेंद्र मोदी ने लक्ष्य तय किया है कि 2022 से पहले देश के हर गांव ही नहीं बल्कि हर घर में बिजली पहुंचाई जाएगी। उन्होंने 5 अगस्त, 2019 की तारीख़ का जिक्र करते हुए कहा कि उस दिन को कश्मीर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखी जाने वाली तारीख़ है।
उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि एक दिन ऐसा ज़रूर आएगा, जब कश्मीर भारत के विकास में योगदान देना वाला प्रदेश बनेगा। लेकिन इसकी ज़िम्मेदारी जम्मू-कश्मीर के युवाओं की है। उन्होंने कहा कि क्या 5 अगस्त, 2019 से पहले कश्मीर का युवा इस देश का मंत्री,उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति बनने के बारे में सोच सकता था। गृह मंत्री ने कहा कि 70 साल की जम्हूरियत ने क्या दिया था ? सिर्फ 87 विधायक, छह सांसद और तीन परिवार थे। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने बहुत कम समय में 30 हज़ार चुने हुए प्रतिनिधि देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था शुरू होने से सबसे बड़ा अवसर जम्मू कश्मीर के युवाओं को मिला है। गाँव के युवा ही पंच, सरपंच,ज़िला पंचायत सदस्य, विधायक और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री बन सकते हैं और देश की संसद में भी जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह अवसर पहले कुछ परिवारों तक ही सीमित था, लेकिन नरेंद्र मोदी ने एक नई शुरुआत की है और युवाओं को इस प्रक्रिया से जुड़ना चाहिए।
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