अफवाह की आड़ मेंं हिंदुओं पर आफत
Saturday, May 21, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम विश्व

अफवाह की आड़ मेंं हिंदुओं पर आफत

WEB DESK by WEB DESK
Oct 24, 2021, 06:23 pm IST
in विश्व, दिल्ली
नवंबर, 2017 में बांग्लादेश में रंगपुर में हिंदुओं पर हुए हमले का एक दृश्य (ढाका टाइम्स से साभार)

नवंबर, 2017 में बांग्लादेश में रंगपुर में हिंदुओं पर हुए हमले का एक दृश्य (ढाका टाइम्स से साभार)

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

प्रिया साहा

अफवाह फैलाकर हिंदू त्योहारों की पवित्रता को नष्ट करना। फिर हिंदुओं पर हमले और उनके पूजा स्थलों का विध्वंस,  बांग्लादेशी मुसलमानों की पुरानी चाल है। अक्तूबर 1905 में बंगभंग के बाद जब अखिल भारतीय मुस्लिम लीग बनी, तबसे बांग्लादेश लगातार हिंदू नरसंहारों का मंजर देखता आ रहा है

जब पूरा भारतीय उपमहाद्वीप उत्सवों के मौसम की भव्य शुरुआत में सराबोर हो जश्न मनाने में डूबा हुआ था, विशेष रूप से बंगाली समुदाय दुनिया भर में दुर्गा पूजा के उल्लास में डूबा था, जिसके लिए वे साल भर बेसब्री से इंतजार करता है, उस  वक्त बांग्लादेश में एक बिल्कुल विपरीत तस्वीर उभर रही थी। अल्पसंख्यक बंगाली यानी हिंदू समुदाय पर अत्याचार और दमन का कहर टूट पड़ा था। राज्य प्रायोजित इस्लामिक आतंकवादियों के फैलाए आतंक में हिंदू समुदाय की सांसें घुट रही थी।

यह 13 अक्तूबर, 2021 को बांग्लादेश के कोमिला शहर के नानुआ दिघिर में शुरू हुआ। एक अफवाह फैली कि पूजा पंडाल में हनुमान जी की मूर्ति के पैरों के पास जानबूझ कर कुरान रखकर उसका अनादर किया गया है। इससे स्थानीय मुस्लिम समुदाय में क्रोध की लहर दौड़ गई और उन्होंने आवेश में अगले कुछ दिनों तक शहर और आसपास के स्थानों में सजे पंडालों और मंदिरों में स्थापित सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ना शुरू कर दिया। चटगांव, गाजीपुर, मौलवी बाजार, कुलौरा, लक्ष्मीपुर, कुडीग्राम, नोआखली इस्कॉन, चौमुहानी, चांदपुर, सिलहट में अल्पसंख्यकों के लिए स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई और इस भयावह माहौल ने उत्सव के सारे उत्साह पर ग्रहण लगा दिया। यह उग्र लहर जल्द ही देश के अन्य हिस्सों में उत्सव और पूजा स्थलों को झुलसाते हुए हिंदू घरों को भी निशाना बनाने लगी। हमलों का प्रमुख लक्ष्य बने गांव। कॉक्सबाजार में देवी दुर्गा की पूजा के लिए एकत्रित 200 हिंदू परिवारों पर हमला किया गया जिससे उन्हें अनुष्ठानों को अधूरा छोड़ अपने घरों को छोड़कर भागना पड़ा। रंगपुर में हिंदू गांवों में मुस्लिम आबादी वाले पड़ोसी गांवों के लोगों ने धावा बोला और जमकर तोड़फोड़ की और 20 हिंदू घरों को आग में झोंक दिया।

हिंसा के इस लंबे दौर में कुल 1,500 हिंदू घरों को आग लगाई गई, 315 हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई, करीब 10 हिंदुओं की बेरहमी से हत्या कर दी गई, 23 हिंदू महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया, सैकड़ों गंभीर रूप से घायल हो गए और सैकड़ों हिंदू कारोबारियों और दुकानों को आग के हवाले करके तबाह कर दिया गया।

दुर्गा पूजा समारोहों के दौरान मंदिरों पर हुए हमलों की खबरें सामने आने के एक दिन बाद बांग्लादेश के सुरक्षा अधिकारियों ने खुलना जिले के एक हिंदू मंदिर के दरवाजे पर 18 देसी बम बरामद किए। यह घटना रूपसा महाशसन के मुख्यद्वार पर हुई, जिसके अंदर एक काली मंदिर भी है।

अब तक यह साफ हो चला है कि कुरान के अपमान की बात बहाना मात्र थी। उसके पीछे दरअसल बंगाली हिंदू समुदाय को पूरी तरह से खत्म करने और उसकी संपत्ति को हड़पने की  साजिश थी। यह एक तरह का नरसंहार ही है।
इतिहास गवाह है कि बांग्लादेश में ऐसा पहली बार नहीं हुआ।

बांग्लादेश के इस्लामी उग्रपंथी लंबे समय से हिंदू अल्पसंख्यकों को उनकी जमीन से उखाड़ फेंकने की अफवाह फैलाते रहे हैं, उनके त्योहारों में विघ्न डालते रहे हैं। अगर हम पीछे मुड़कर 1946 के 10 अक्तूबर को हुई घटना की तह में जाकर देखें तो पाएंगे कि उस दिन नोआखली में पूर्णिमा की रात होने वाली कोजागरी लक्ष्मी पूजा बंगालियों के लिए तबाही का मंजर साबित हुई थी। मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं ने माहौल की  स्निग्धता को स्याह कर दिया था।

1964 में कश्मीर में हजरतबल मस्जिद से पैगंबर मुहम्मद के संरक्षित बाल को कथित तौर पर 'काफिरों' द्वारा चुराने की अफवाह ने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में आक्रोश की ऐसी आंधी पैदा की जो वहां हिंदुओं के नरसंहार में परिवर्तित हो गई थी। सड़कों पर शरीर के कटे अंग, हवा में जले हुए मांस की गंध और रोती-बिलखती महिलाओं के साथ बलात्कार- ऐसे भयावह दृश्य 1946 से बदस्तूर 1950, 1964, 1971, 1980, 1987, 1992, 2001 तक कालखंडों की यात्रा करते रहे, पर इतना समय बीत जाने के बाद भी जमीनी हकीकत नहीं बदली।

अगर हम बांग्लादेश में सरकार या राजनेताओं के शासन को अलग रखते हुए सिर्फ अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के संगठित रूप से हो रहे उल्लंघन की जड़ को खंगालने का प्रयास करें तो हमें दिखाई देता है वर्ष 1906,  जब ढाका में शहर के नवाबों ने अपने मजहबी ग्रन्थ के उपदेश, जिसमें काफिरों को नापाक बताया गया है, को ध्यान में रखते हुए अपना एक अलग संगठन तैयार किया- अखिल भारतीय मुस्लिम लीग। जाने-माने इतिहासकार दिवंगत रमेश चंद्र मजूमदार ने अपनी मशहूर पुस्तक 'बांग्लादेशेर इतिहास' (बांग्लादेश का इतिहास) के चौथे खंड में लिखा है कि कैसे मुस्लिम लीग ने स्थानीय लोगों को 'लाल इश्तेहार' नाम से प्रकाशित पुस्तिका के माध्यम से अल्पसंख्यक हिंदू आबादी के खिलाफ अपराध करने और उनके अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए उकसाया। (लाल घोषणापत्र)। 1907-1912 का समय तत्कालीन पूर्वी बंगाल के हिंदू समुदाय के लिए भयावह दौर था। इस दौरान उन्हें बड़ी संख्या में पलायन करना पड़ा।

उन्होंने हिंदू बहुल पश्चिम बंगाल में पनाह ली। और तब से बंगलाभाषी मुसलमानों की कुत्सित चाल समय-समय पर नकाब से बाहर आकर अपना शतरंजी पासा खेल जाती है। प्रसिद्ध चेक लेखक मिलॉन कुंडेरा ने अपनी पुस्तक 'द बुक आॅफ लाफ्टर एंड फॉरगेटिंग' में कहा है,  ‘बांग्लादेश में खूनी नरसंहार ने अलेंदे को भुलाने योग्य बना दिया, सिनाई रेगिस्तान में हुए युद्ध के शोर में बांग्लादेश की कराहें डूब गर्इं, … और ऐसे ही सब चलता
रहा और आगे भी चलता रहेगा, जब तक कि सभी सब कुछ भूल न जाए।’
(लेखिका बांग्लादेश मूल की  हिन्दू  हैं। वर्तमान में अमेरिका में रहती हैं। )

ShareTweetSendShareSend
Previous News

ऐसी दीवाली! कैसी दीवाली!!

Next News

लगातार बनाया जा रहा है निशाना

संबंधित समाचार

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स पर बुलाई आपात बैठक, यूरोप में 100 से अधिक मामले

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स पर बुलाई आपात बैठक, यूरोप में 100 से अधिक मामले

ज्ञानवापी : शिवलिंग पर आपत्तिजनक पोस्ट, डीयू प्रोफेसर रतनलाल गिरफ्तार

ज्ञानवापी : शिवलिंग पर आपत्तिजनक पोस्ट, डीयू प्रोफेसर रतनलाल गिरफ्तार

हरिद्वार अर्धकुंभ को निशाना बनाने के मामले में पांच जिहादी दोषी करार

हरिद्वार अर्धकुंभ को निशाना बनाने के मामले में पांच जिहादी दोषी करार

विश्व मुक्केबाजी में स्वर्ण जीतने के बाद निकहत ज़रीन ने कहा-देश के लिए चैम्पियनशिप जीतकर बेहद खुश हूं

विश्व मुक्केबाजी में स्वर्ण जीतने के बाद निकहत ज़रीन ने कहा-देश के लिए चैम्पियनशिप जीतकर बेहद खुश हूं

कानपुर :  पंक्चर बनाने वाले मुख्तार ने मंदिर की एक-एक ईंट निकाल कर खोल ली बिरयानी की दुकान

कानपुर : पंक्चर बनाने वाले मुख्तार ने मंदिर की एक-एक ईंट निकाल कर खोल ली बिरयानी की दुकान

पंजाब के बठिंडा में हनुमान चालीसा की बेअदबी, पन्ने फाड़कर में लगाई आग, हिंदू संगठनों में आक्रोश

पंजाब के बठिंडा में हनुमान चालीसा की बेअदबी, पन्ने फाड़कर में लगाई आग, हिंदू संगठनों में आक्रोश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स पर बुलाई आपात बैठक, यूरोप में 100 से अधिक मामले

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स पर बुलाई आपात बैठक, यूरोप में 100 से अधिक मामले

ज्ञानवापी : शिवलिंग पर आपत्तिजनक पोस्ट, डीयू प्रोफेसर रतनलाल गिरफ्तार

ज्ञानवापी : शिवलिंग पर आपत्तिजनक पोस्ट, डीयू प्रोफेसर रतनलाल गिरफ्तार

हरिद्वार अर्धकुंभ को निशाना बनाने के मामले में पांच जिहादी दोषी करार

हरिद्वार अर्धकुंभ को निशाना बनाने के मामले में पांच जिहादी दोषी करार

विश्व मुक्केबाजी में स्वर्ण जीतने के बाद निकहत ज़रीन ने कहा-देश के लिए चैम्पियनशिप जीतकर बेहद खुश हूं

विश्व मुक्केबाजी में स्वर्ण जीतने के बाद निकहत ज़रीन ने कहा-देश के लिए चैम्पियनशिप जीतकर बेहद खुश हूं

कानपुर :  पंक्चर बनाने वाले मुख्तार ने मंदिर की एक-एक ईंट निकाल कर खोल ली बिरयानी की दुकान

कानपुर : पंक्चर बनाने वाले मुख्तार ने मंदिर की एक-एक ईंट निकाल कर खोल ली बिरयानी की दुकान

पंजाब के बठिंडा में हनुमान चालीसा की बेअदबी, पन्ने फाड़कर में लगाई आग, हिंदू संगठनों में आक्रोश

पंजाब के बठिंडा में हनुमान चालीसा की बेअदबी, पन्ने फाड़कर में लगाई आग, हिंदू संगठनों में आक्रोश

गौशाला का केयरटेकर ही निकला गोकसी का मास्टर माइंड, पुलिस ने भेजा जेल

गौशाला का केयरटेकर ही निकला गोकसी का मास्टर माइंड, पुलिस ने भेजा जेल

यूपी में हाईकोर्ट ने ओबीसी की 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर लगी रोक बढ़ाई

यूपी में हाईकोर्ट ने ओबीसी की 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर लगी रोक बढ़ाई

  • About Us
  • Contact Us
  • Advertise
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • Vocal4Local
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies