दरअसल, विजयादशमी के दिन कतारी गांव में रावण दहन किया गया था। हालांकि प्रशासन ने इस पर प्रतिबंध लगाया हुआ था, लेकिन गांव वालाों का कहना है कि प्रशासन केवल हिंदू त्योहारों पर ही प्रतिबंध लगाता है, उसका विरोध करने के लिए गांव में रावण का दहन किया गया था। जब रावण दहन हो रहा था तभी वहां पुलिस पहुंची और इसके बाद दोनों तरफ से कहा—सुनी हो गई। इसी बीच किसी ने पुलिस पर पत्थर चला दिया। अगले दिन इसी मामले में पुलिस ने 26 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया, वहीं 71 नामजद लोगों को अभियुक्त बनाते हुए लगभग 200 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने कुछ ग्रामीणों को पकड़कर जेल भेज दिया। बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए 20 अक्तूबर को पुलिस उस गांव में पहुंची थी। इसी दौरान पुलिस ने उमानो देवी के घर के दरवाजे को तोड़ दिया और उनकी मौत हो गई।
इस मामले में राज्य सरकसर में शामिल कांग्रेस की विधायक ममता देवी ने भी रामगढ़ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि रावण दहन मामले में पुलिस ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल पैदा कर रही है। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को एकपक्षीय कार्रवाई बताया। महिला की मौत की खबर मिलते ही हजारीबाग के पूर्व सांसद यदुनाथ पांडे और रांची के सामाजिक कार्यकर्ता भैरव सिंह मृतक के परिजनों से मिलने पहुंचे। वहां उन लोगों ने पुलिस की बर्बरता पर आक्रोश व्यक्त किया। लोगों ने कहा कि पुलिस जानबूझकर हिंदुओं को निशाना बनाने का काम कर रही है। जहां तक रावण दहन का मामला है वहां भी राज्य सरकार की ओर से एकतरफा कार्रवाई की जाती है। मामला अगर मुसलमानों और ईसाईयों से जुड़ा हो तो सरकार या पुलिस कभी कार्रवाई नहीं करती। वहीं अगर हिंदुओं की बात हो तो पुलिस अपनी बर्बरता दिखाने से पीछे भी नहीं हटती।
पूरे मामले पर रामगढ़ के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि 16 अक्तूबर को रावण दहन मामले में पुलिस और उस गांव के लोगों के बीच झड़प हुई थी। इस मामले में कई लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और कई लोगों को जेल भेजा गया है। और भी कई लोगों की तलाश जारी है। उन्हीं लोगों को पुलिस पकड़ने के लिए उस गांव में गई थी। उन्होंने बताया जिस महिला की मौत हुई है उनके घर में पुलिस गई ही नहीं थी, क्योंकि उस घर से कोई भी नामजद आरोपी नहीं था। इन सब के बाद भी अगर पुलिस पर आरोप लग रहा है तो इसकी निष्पक्षता से जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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