जम्मू-कश्मीर में 'टारगेट किलिंग' की वारदातों और प्रवासी मजदूरों की हत्या से बिगड़े हालात और तनाव के बीच पूरी घाटी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। खबरों के मुताबिक सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित ठिकानों पर ले जाया गया है। इसके अलावा आतंकी हमलों से डरे हुए सैकड़ों मजदूरों लगातार पलायन करने को मजबूर हुए हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीआरपीएफ महानिदेशक कुलदीप सिंह और एडीजी जम्मू-कश्मीर सर्किल जुल्फिकार हसन को सोमवार को घाटी भेजा है। बता दें कि इस महीने आतंकी अब तक 11 निर्दोष नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर चुके हैं।
चौकस रहने के निर्देश
घाटी के सुरक्षा हालत को लेकर राजभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक की गई है। जानकारी के मुताबिक बैठक में पूरी स्थिति पर नजर रखने और सुरक्षा स्थिति को लेकर रणनीति बनाई गई। इसके अलावा टारगेट किलिंग रोकने के साथ ही सभी एजेंसियों को समन्वय के साथ काम करने और चौकस रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। बैठक में सीआरपीएफ के डीजी, एडीजी के अलावा डीजीपी दिलबाग सिंह समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार आतंकियों द्वारा आम नागरिकों की हत्या के बाद से प्रवासी मजदूर डरे हुए हैं। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों की कोशिश है कि उनमें सुरक्षा का भाव पैदा किया जा सके। इस सबको देखते हुए जवानों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन इलाकों में प्रवासी मजदूर रह रहे हैं, वहां शाम के समय पेट्रोलिंग बढ़ानी है। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों द्वारा प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा भी तैयार किया जा रहा है, ताकि काउंटर स्ट्रेटजी में उससे मदद मिल सके।
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