कथित किसान आंदोलन की ताकत बनने वाले निहंग अब इसकी सबसे बड़ी कमजोरी बने
December 3, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • वेब स्टोरी
  • My States
  • Vocal4Local
होम भारत

कथित किसान आंदोलन की ताकत बनने वाले निहंग अब इसकी सबसे बड़ी कमजोरी बने

by मनोज ठाकुर
Oct 20, 2021, 03:23 pm IST
in भारत, दिल्ली
कथित किसान आंदोलन में बने रहने या वापस जाने पर 27 अक्‍तूबर को निर्णय लेंगे निहंग

कथित किसान आंदोलन में बने रहने या वापस जाने पर 27 अक्‍तूबर को निर्णय लेंगे निहंग

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
कथित किसान नेताओं ने आंदोलन को मजबूत करने के लिए निहंगों को बुलाया। लेकिन आंदोलन स्‍थल पर एक के बाद एक होने वाले अपराधों ने इस आंदोलन और इसके रहनुमाओं की कलई खोल कर रख दी। लेकिन लखबीर की जघन्‍य हत्‍या के बाद सिरदर्द बन चुके निहंगों से अब यह किसान नेता पीछा छुड़ाने की कवायद में जुटे हैं।

 

सिंघु बॉर्डर पर अब निहंग निशाने पर हैं। उन पर क‍थित किसान आंदोलन स्‍थल सिंघु बॉर्डर छोड़ने का दबाव है। जल्दबाजी में निहंगों को बॉर्डर छोड़ने की मांग करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा अब बैकफुट पर नजर आ रहा है। आंदोलन में किसानों की बजाय निहंगों की संख्या ज्यादा है। यदि निहंग यहां से चले जाते हैं तो निश्चित ही आंदोलन काफी कमजोर हो जाएगा। किसान के नाम पर राजनीति कर रहे लोगों को यही डर सता रहा है। इसलिए एक बार फिर से किसानों को भड़काने की कोशिश हो रही है।

निहंगों की धमकी- सबकी पोल खोल देंगे

निहंगों की नाराजगी से डरे तथाकथित किसान नेता एक बार फिर हरियाणा पंजाब के भोले-भाले किसानों से सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर आने की अपील कर रहे हैं। इस तरह के वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हैं, जिससे एक बार फिर से किसानों को बहकाया और भरमाया जा सके। लेकिन किसान अब इनकी असलियत को समझ गए हैं। इसलिए अब ज्यादातर किसान इनसे कन्नी काटने लगे हैं। निहंगों की कोशिश है कि उन्‍हें धरनास्‍थल से जाना नहीं पड़े। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चे पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। उनका दावा है कि यदि उन्हें ज्यादा परेशान किया तो वे इनकी पोल खोल देंगे। वे बार-बार धमकी भरी जुबान में बातचीत कर रहे हैं। इस तरह, एक समय निहंग जहां इस तथाकथित आंदोलन की ताकत बने हुए थे, इस वक्त इसकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गए हैं। अब इनके आपसी हित टकराने लगे हैं। 

आंदोलन की आड़ में समाज को बांटने की कोशिश

जानकारों का मानना है कि यह किसानों का आंदोलन है ही नहीं। बस इसे किसानों के कंधे पर रख कर चलाया जा रहा है। हकीकत तो यह है कि यह एक एजेंडा है, जिसकी आड़ में समाज को बांटने का काम हो रहा है। देश और विदेश में बैठी विदेशी ताकतों के एजेंडे पर यहां के लोग काम कर रहे हैं। ये बात तो किसानों की करते हैं, लेकिन भीतरखाने अलग ही खिचड़ी पका रहे हैं। दरअसल, आंदोलन की आड़ समाज को बांटने और पंजाब में अशांति फैलाने के लिए कट्टरवादी ताकत एकजुट हैं।  इसलिए 15 अक्‍तूबर को दशहरे वाली सुबह सिंघु बॉर्डर पर तरनतारन के लखबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी। तालिबानी क्रूरता की इस वारदात का वीडियो बना कर उसे वायरल किया गया। 

हर बार मामले को दबाने का प्रयास

इस मामले में फिलहाल निहंग इस बात पर अड़े हुए हैं कि उनकी ओर से कोई गलती नहीं की गई। लखबीर सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की, इसलिए उसकी हत्या की गई। निहंग बाबा राजाराम सिंह का कहना है कि हम भागने वालों में से नहीं हैं। हमने जो किया, उसे अदालत में हमारे साथियों ने स्वीकार किया है। निहंग यह चेतावनी भी दे रहे हैं कि अब यदि पुलिस ने उनके किसी साथी को गिरफ्तार किया तो वह सर्मपण कर चुके चारों साथियों को भी छुड़ा ले जाएंगे। लेकिन इस नृशंस वारदात के बाद इन लोगों की पोल खुलना शुरू हो गई है। वैसे तो 26 जनवरी को लाल किले पर जो हुआ था, उसी के बाद देश इस आंदोलने के पीछे छिपे मंसूबों को समझ गया था। लेकिन रही सही कसर लखबीर हत्‍याकांड ने पूरी कर दी।

किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली सीमा पर चल रहे इस आंदोलन में संगीन वारदात की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले 30 अप्रैल को बंगाल की एक युवती की मौत हो गई थी। बाद में पता चला कि इस युवती का बलात्‍कार किया गया था, जो उसकी मौत की वजह बना। किसान नेताओं ने इस घटना को भी दबा ही दिया था, लेकिन किसी तरह लड़की का पिता पुलिस के पास पहुंच गया। इसी तरही, टिकरी बॉर्डर पर एक किसान को जला कर मार डाला गया। प्रदर्शन स्‍थल पर हवाई फायरिंग की घटना सामने आ रही है।

स्थानीय लोगों की शिकायत है कि आंदोलन की आड़ में शरारती तत्व बॉर्डर के आसपास का माहौल खराब कर रहे हैं। धरनास्‍थल पर भिंडरावाला के पोस्टर लगाए गए हैं। इन घटनाओं से अपना चेहरा बेनकाब होता देख कथित किसान नेता लगातार निहंगों से सिंघु बॉर्डर छोड़ने को कह रहे हैं। खुद को पाक साफ दिखाने की कोशिश में उन्‍होंने निहंगों की आलोचना भी की। अब निहंग इससे खुद को काफी अपमानित महसूस कर रहे हैं।

27 अक्‍तूबर को निहंग लेंगे फैसला

उन्होंने इस मामले में विचार करने के लिए 27 अक्‍तूबर को जत्थेबंदियों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में यह निर्णय होगा कि निहंगों को सिंघु बॉर्डर पर ही रहेंगे या वापस चले जाएंगे। सिंघु बॉर्डर पर बैठी निहंग जत्थेबंदियों के प्रमुखों में शामिल निहंग राजा राम सिंह ने कहा कि 27 अक्‍तूबर को सिंघु बॉर्डर पर होने वाली पांथिक महापंचायत में संत समाज के सभी लोग, बुद्धिजीवी और संगत हाजिर रहेगी। उस दौरान संयुक्त रूप से जो भी फैसला लिया जाएगा, निहंग जत्थेबंदियां उसे मान लेंगी।

बहरहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या 27 अक्‍तूबर को निहंग यहां से वापस चले जाएंगे या डटे रहेंगे। यदि वे चले जाते हैं तो तथाकथित किसान आंदोलन खुद व खुद समाप्ति की ओर चल देगा। यदि निहंग नहीं जाते तो निश्चित ही अब उनका तथाकथित किसान नेताओं के साथ टकराव होगा। यानी कुल मिला कर कह सकते हैं कि आंदोलनकारी अब यह अपने ही जाल में फंसते नजर आ रहे हैं, जिससे निकलने का रास्ता फिलहाल इनके पास नजर नहीं आ रहा है।

ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

Ashok Gehlot will resign

BREAKING: रिजल्ट घोषित होने से पहले ही कांग्रेस ने मानी हार! अशोक गहलोत सीएम पद से देंगे इस्तीफा

BREAKING: मध्य प्रदेश विधानसभा इलेक्शन रिजल्ट, प्रदेश में पहली जीत बीजेपी की

BREAKING: मध्य प्रदेश विधानसभा इलेक्शन रिजल्ट, प्रदेश में पहली जीत बीजेपी की

Rajasthan Assembly election result BJP rising

BREAKING: राजस्थान में नहीं चला जादूगर का ‘जादू’, चला ‘मोदी मैजिक’, वसुंधरा राजे जीतीं

मध्‍यप्रदेश में बहनाएं करेंगी राज, लाडली बहनों की प्रतिक्रिया, शिवराज इस बार बनाएंगे अपनी सभी बहनाओं को लखपति

मध्‍यप्रदेश में बहनाएं करेंगी राज, लाडली बहनों की प्रतिक्रिया, शिवराज इस बार बनाएंगे अपनी सभी बहनाओं को लखपति

Assembly Election Lord Ram is yet to come

अभी तो राम आने को हैं…

Acharya Pramod Krishnam target congress

BREAKING: कांग्रेस को सनातन का श्राप ले डूबा: आचार्य प्रमोद कृष्णन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Ashok Gehlot will resign

BREAKING: रिजल्ट घोषित होने से पहले ही कांग्रेस ने मानी हार! अशोक गहलोत सीएम पद से देंगे इस्तीफा

BREAKING: मध्य प्रदेश विधानसभा इलेक्शन रिजल्ट, प्रदेश में पहली जीत बीजेपी की

BREAKING: मध्य प्रदेश विधानसभा इलेक्शन रिजल्ट, प्रदेश में पहली जीत बीजेपी की

Rajasthan Assembly election result BJP rising

BREAKING: राजस्थान में नहीं चला जादूगर का ‘जादू’, चला ‘मोदी मैजिक’, वसुंधरा राजे जीतीं

मध्‍यप्रदेश में बहनाएं करेंगी राज, लाडली बहनों की प्रतिक्रिया, शिवराज इस बार बनाएंगे अपनी सभी बहनाओं को लखपति

मध्‍यप्रदेश में बहनाएं करेंगी राज, लाडली बहनों की प्रतिक्रिया, शिवराज इस बार बनाएंगे अपनी सभी बहनाओं को लखपति

Assembly Election Lord Ram is yet to come

अभी तो राम आने को हैं…

Acharya Pramod Krishnam target congress

BREAKING: कांग्रेस को सनातन का श्राप ले डूबा: आचार्य प्रमोद कृष्णन

पहली बार “राम” के भरोसे कांग्रेस, मुख्यालय पर ठंडा दिख रहा कांग्रेसियों का उत्साह

पहली बार “राम” के भरोसे कांग्रेस, मुख्यालय पर ठंडा दिख रहा कांग्रेसियों का उत्साह

assembly electio result of Madhya pradesh

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा बोले- प्रचंड बहुमत से आ रही भाजपा

Rajasthan Assembly election result BJP rising

BREAKING: जनादेश: BJP ने तेलंगाना में किया बड़ा उलटफेर, AIMIM को पछाड़ 11 सीटों पर आगे निकली

विधानसभा चुनावः मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह आगे, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल शुरुआती रुझान में पीछे

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव : ‘भारत माता की जय, जनता जनार्दन की जय’ लिखकर शिवराज ने दिखाया एक्‍स पर उत्‍साह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Web Stories
  • पॉडकास्ट
  • Vocal4Local
  • पत्रिका
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies