बांग्लादेश में हिंदुओं पर कट्टर मुस्लिमों के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। हिन्दुओं के कई गांव, प्रतिष्ठान, मकान और दुकानों को मजहबी उन्मादियों ने आग के हवाले कर दिया है। बड़ी तादाद में हिन्दू हताहत हैं। कहीं-कहीं प्रशासन दिखता तो है लेकिन उसकी उपस्थिति से मजहबी दंगाइयों के हिंसक तेवर कम होते नहीं दिख रहे हैं। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर काफी वक्त बाद इस तरह की लगातार हो रहीं हिंसक घटनाओं ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। फेसबुक पर एक शरारती पोस्ट डालने के बाद से दुर्गा पूजा पंडालों को जलाने, देवी की प्रतिमाओं को तोड़ने और मंदिरों को ध्वस्त करने के साथ ही वहां मौजूद श्रद्धालुओं की हत्याओं से जो सिलसिला शुरू हुआ है वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं, इन घटनाओं को अंजाम दे रहे कट्टरवादियों की हिमाकत ऐसी है कि वे ढाका की मस्जिद के सामने बड़ी तादाद में प्रदर्शन करके उलटे हिन्दुओं को ही दोषी ठहरा रहे हैं और शेख हसीना सरकार पर हिन्दुओं को ही सजा देने की मांग कर रहे हैं। 17 अक्तूबर को बांग्लादेश की सबसे बड़ी मस्जिद के बाहर हजारों की तादाद में इकट्ठे होकर मजहबी उन्मादियों ने 'कुरान का अपमान करने वाले को सजाए मौत' देने की मांग की।
हिन्दू एकता परिषद ने भी एक बयान जारी करके सरकार से मजहबी कट्टरवादी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है और ऐसा न होने पर भूख हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। कोमिला, नोआखाली, रंगपुर आदि स्थानों पर हिन्दुओं के विरुद्ध जबरदस्त जिहाद जैसा छेड़ दिया गया है। जगह-जगह आग की लपटें उठती देखी जा सकती हैं। उनके घर धू-धूकर जल रहे हैं, घर के पुरुष महिलाओं और बच्चों के साथ सड़कों पर आ गए हैं।
हालांकि सरकार की तरह से कड़ी कार्रवाई का भरोसा तो दिया गया है लेकिन व्यावहारिक तौर पर ऐसा कोई खास प्रयास होता नहीं दिख रहा है। बांग्लादेश में हिन्दुओं के विरुद्ध एकाएक उठ खड़े हुए इस हिंसक उपद्रव के पीछे जानकार किसी बड़ी साजिश को देख रहे हैं।
इन सब घटनाओं पर बांग्लादेश की सुप्रसिद्ध लेखिका तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया के जरिए अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए शेख हसीना सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। तसलीमा नसरीन ने पिछले दिनों एक के बाद एक ट्वीट कर अल्पसंख्यकों विशेषकर हिन्दुओं पर होने वाले हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है और शेख हसीना सरकार को हिन्दुओं के दर्द के प्रति लापरवाह बताया है।
अपने एक ट्वीट में तसलीमा ने लिखा है, ''आज हसीना अपने भाई शेख रस्सल की जन्म जयंती मना रही हैं जबकि हजारों हिंदू बेघर हो गए हैं, क्योंकि उनके घर तोड़ दिये गये या जला दिये गये हैं।''
एक अन्य ट्वीट में वे लिखती हैं, "जिहादियों ने दो हिन्दू गांव जला दिये जबकि उधर हसीना चैन की बंसी बजा रही हैं।" तसलीमा बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। एक और ट्वीट में अपने सुप्रसिद्ध उपन्यास 'लज्जा' का जिक्र करते हुए हिन्दुओं के जले घरों, टूटी प्रतिमाओं के चित्रों के साथ वे लिखती हैं, ''लज्जा' आज भी प्रासंगिक है।''
बांग्लादेश में हिंदुओं पर ये हमले नवरात्र में दुर्गा पूजा के दौरान 13 अक्तूबर को शुरू हुए थे। पहले अलग-अलग जगहों पर दुर्गा पंडालों को निशाना बनाया गया था और हिंदुओं पर हमला किया गया था। इसमें चार हिंदुओं की मौत हुई थी, जबकि 60 से ज्यादा घायल हुए थे। इसके बाद नोआखली के इस्कॉन मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। 17 अक्तूबर को उन्मादी मुस्लिमों के हिंसक हमलों में हिंदुओं के 20 घरों को आग के हवाले कर दिया गया, 66 घरों को भी तोड़ डाला गया।मीडिया रपट के अनुसार, 17 अक्तूबर को राजधानी ढाका से 255 किलोमीटर दूर, रंगपुर जिले में पीरगंज के एक गांव में सौ से ज्यादा मजहबी उन्मादियों ने रात को आगजनी की। स्थानीय पुलिस अधिकारी के अनुसार, इस घटना के बाद करीब 52 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जबकि अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए ‘सघन अभियान’ चलाया जा रहा है।
अमेरिका में हिन्दू संगठन का विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेश में मजहबी उन्मादियों के हिन्दू विरोधी इन हिंसक हमलों पर आक्रोश व्यक्त करते हुए अमेरिका में बसे बांग्लादेशी हिन्दू प्रवासियों ने 17 अक्तूबर को वाशिंग्टन में बांग्लादेश के दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया। बांग्लादेशी हिंदुओं ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समूहों, विशेषकर हिन्दुओं को निशाना बनाकर मचाए जा रहे हिंसक उपद्रव के प्रति तीव्र विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से उनके अस्तित्व को खतरा पैदा हो रहा है। उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में आज सिर्फ 9 प्रतिशत हिन्दू शेष रह गए हैं।
बांग्लादेश के प्रवासी हिंदुओं के प्रतिनिधि प्रणेश हलदर का कहना है कि बांग्लादेश के मुसीबत में फंसे हिंदुओं को अब कोई क्षति न पहुंचे, यह पक्का करने के लिए अमेरिका के विदेश विभाग को एक पत्र सौंपा गया है। उन्होंने अमेरिका स्थित निगरानी समूहों और मीडिया घरानों से बांग्लादेश में जारी हिन्दू विरोधी हिंसा को पूरी गंभीरता से सामने लाने का अनुरोध किया है।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
टिप्पणियाँ