देहरादून
राज्य में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार वर्षा से जनजीवन प्रभावित है। गंगा, यमुना, टोंस, शारदा, कोसी, सरयू समेत अन्य नदियां खतरे के निशान पर बह रही हैं। नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है।
चार धाम यात्रा रोकी गई
उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद से चार धाम यात्रा रोक दी गई है। रास्ते में जहां-जहां यात्री थे, उन्हें वहीं रोका गया है। सड़कों को पुलिस ने बैरियर लगा कर बंद कर दिया है। पहाड़ों से पत्थर-मलबा गिरने के बाद से 155 सड़कें बंद हैं, जिन्हें खोलने के लिए मशीनें लगायी गयी हैं।
गंगा खतरे के निशान पर
ऋषिकेश हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान पर बह रही हैं। पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश से गंगा और उसकी सहायक नदियां, यमुना, टोंस, कालसी रौद्र रूप में बह रही हैं। नदियों के किनारे कस्बों और गांवों की आबादी को दूर जाने के लिए पुलिस ने मुनादी करवायी है। राज्य के कुमाऊं मंडल में शारदा नदी बनबसा बैराज से 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से यूपी के पीलीभीत, गोंडा, लखीमपुर खीरी सहित 14 जिलो में बाढ़ की चेतावनी जारी करते हए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।
नदियां उफान पर
सरयू, गौला, कोसी नदियां भी उफान पर हैं। रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से कालागढ़ डैम से पानी छोड़ा गया है, जिसके बाद से उत्तर प्रदेश के बिजनौर, मुरादाबाद जिले में चेतावनी जारी कर दी गयी है।
नैनीताल और भीमताल झील का पानी सड़कों तक आने के बाद जल निकासी गेट खोल दिए गए जिसके बाद से हल्द्वानी के गौला नदी में बाढ़ के हालात पैदा हो गए। नदी पर बने पुल का एक बड़ा हिस्सा भी बह गया। नैनीताल और पहाड़ों पर जाने वाली सड़कें बंद हैं। रामगढ़ ब्लॉक में बादल फटने से नौ लोगों के मलबे में दबे होने की खबर के बाद एसडीआरएफ को मौके पर भेजा गया है।
रामनगर का है यह हाल
रामनगर में कोसी का जलस्तर दिल दहला देने वाला है। गर्जिया मंदिर के टापू की सीढ़ियों से कोसी का पानी टकरा रहा है। कॉर्बेट पार्क के पास कोसी किनारे बने रिसॉर्ट्स भी रेड अलर्ट किया गया है। पार्क सफारी बंद कर दिया गया है। रामनगर मोहान के बीच बरसाती नालों में तेज बहाव की वजह से दो लग्जरी कारें बह गईं, इनमें सवार लोगो को स्थानीय लोगो की मदद से निकाला गया।
नैनीताल में रिकॉर्ड टूटा
नैनीताल जिले में पिछले 24 घंटे में 100 से 150 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।पिछले दस सालों में अक्तूबर में इतनी बारिश एक दिन में नहीं हुई। मौसम अभी भी खराब है और अगले 24 घंटे पहाड़ों पर लोगों को घरों से बाहर न निकलने को कहा गया है। उधमसिंह नगर जिले में भारी बारिश की वजह से धान, सरसों, उडद की खड़ी फसलों में पानी पड़ गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में भी फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
गृहमंत्री भी हालात पर रखे हुए हैं नजर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हर तीन घंटे में हालात की सूचनाएं आपदा प्रबंधन केंद्र से ले रहे हैं। दो बार वो खुद भी वहां पहुंच कर जिलों के अधिकारियों से बात करते नजर आए। मौसम के बिगड़ने के पूर्वानुमान के चलते मुख्यमंत्री धामी ने बैठक करके अधिकारियों को जो दिशा-निर्देश दिए उसके बाद से सभी जिलों में स्कूल बंद किए गए। सड़कों पर यातायात रुक जाने से हालात काफी हद तक काबू में रहे हैं। अभी राज्य आपदा प्रबंधन की 27 टीमें राहत और बचाव के कार्यों में लगी हुई हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से बात करके हालात की जानकारी ली है और जरूरत पड़ने पर केंद्र से मदद भेजने की बात कही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धामी से की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उत्तराखंड में अतिवृष्टि से हुए नुकसान और बचाव व राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने प्रदेश को हर आवश्यक सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी को वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ स्थानों पर नुकसान हुआ है। शासन प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।
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