चीन भले अपनी सुपरसोनिक मिसाइल प्रक्षेपण को लेकर कितना ही दंभ दिखाए, असल में वह कई संकटों में फंसा है। एक तरफ बाढ़ से आधा चीन परेशान है तो दूसरी तरफ उत्तरी चीन में जबरदस्त बिजली संकट है, कई इलाकों में फैक्ट्रियों में काम बंद करना पड़ा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि चीन के वैश्विक आपूर्ति चेन का महत्वपूर्ण हिस्सा होने की वजह से बिजली संकट का हल जल्दी खोजा जसाना जरूरी है नहीं तो चीनी अर्थव्यवस्था में जबरदस्त गिरावट आ जाएगी।
बाढ़ के पानी और बिजली के संकट से घिरे चीन की अर्थव्यवस्था फिलहाल कोई ठीक नहीं कही जा सकती है। वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में ड्रैगन को तगड़ा झटका लगा है। देश में रियल एस्टेट के डावांडोल होने से आर्थिक तरक्की में पेंच फंस गया है। बताते हैं, रीयल एस्टेट में यह गिरावट इस क्षेत्र में कंपनियों की कर्ज पर निर्भरता कम किए जाने के मकसद से जो नया कानून लागू किया, उस वजह से आई है।
उल्लेखनीय है कि जहां दुनिया के तमाम देश कोरोना वायरस महामारी की वजह से आर्थिक बदहाली से जूझ रहे थे, वहीं चीन के बाजारों में कई जगह पहले जैसी चहल-पहल दिख रही थी जिससे यह शक पक्का हुआ था कि यह महामारी चीन की सुनियोजित चाल के तहत फैलाई गई है, जिससे बचने के लिए ड्रैगन ने पहले ही अपनी तैयारी पूरी कर ली थी। लेकिन अब बीजिंग अर्थव्यवस्था के डावांडोल होने से जूझ रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया को इसकी पक्की खबर पहुंचने नहीं दे रहा है। पता चला है कि नई तिमाही में चीन की आर्थिक तरक्की पर पूरी तरह से रोक लग गई है। रियल एस्टेट में मंदी और बिजली की खपत कम करने के उपायों ने आज चीन की ऐसी स्थिति की है।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहीं जाने वाली इस चीनी अर्थव्यवस्था सितम्बर के अंत तक 4.9 प्रतिशत की दर से ही बढ़ पाई थी। पहले ये दर 7.9 प्रतिशत थी। सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उनसे पता चला है कि फैक्ट्रियों में काम ठप होने, खुदरा बिक्री में कमी और निर्माण कार्यों में पैसा लगाने के चलते चीन की आर्थिक हालत पतली हुई है।
रॉयटर्स के अनुसार, उम्मीद थी कि बढ़त का आंकड़ा 5.2 प्रतिशत तक रहेगा, लेकिन यह 4.9 तक जाकर ठहर गया।सितम्बर में औद्योगिक उत्पादन 3.1 प्रतिशत ही बढ़ पाया जबकि लगता था यह 4.5 प्रतिशत बढ़ेगा। चीन में निर्माण उद्योग में लाखों लोग नौकरी करते हैं। पिछले साल इस क्षेत्र में सरकार की तरफ से कई तरह की पाबंदियां लगाई गई थीं, जिसका आर्थिक सेहत बिगड़ने पर असर पड़ा है। हालत यह है कि देश की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनी 'एवरग्रैंड' दिवालिया होने जा रही है।
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग ने इस स्थिति पर एक बयान जारी किया है। सोमवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विभाग के प्रवक्ता फू लिंग हुई ने बताया है कि तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था के लिए घरेलू और बाहरी खतरे तथा चुनौतियां बहुत बढ़ गई हैं।
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