डीयू के कई महाविद्यालयों के अनेक विभागों में केरल के छात्रों का 'कब्जा'
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम शिक्षा

डीयू के कई महाविद्यालयों के अनेक विभागों में केरल के छात्रों का ‘कब्जा’

by अरुण कुमार सिंह
Oct 18, 2021, 01:44 pm IST
in शिक्षा, दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज के बाहर जमा छात्र

दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज के बाहर जमा छात्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय के अनेक महाविद्यालयों के राजनीतिशास्त्र, इतिहास, दर्शनशास्त्र आदि विषयों में केवल केरल के छात्रों का नामांकन हुआ है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षाविदों का मानना है कि इसके पीछे कोई षड्यंत्र है और उसी के तहत केरल शिक्षा बोर्ड कुछ छात्रों को 100 प्रतिशत अंक देकर उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लेने में मदद कर रहा है। इसकी जांच के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक समिति का गठन किया है। इसकी महत्वपूर्ण बैठक 20 अक्तूबर को होने वाली है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ प्राध्यापकों ने केरल शिक्षा बोर्ड की परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठाया है। इनका कहना है कि केरल शिक्षा बोर्ड किसी राजनीतिक दबाव पर एक विशेष विचारधारा से जुड़े छात्रों को जानबूझकर 100 प्रतिशत अंक देता है, ताकि उनका दाखिला दिल्ली विश्वविद्यालय में कराया जा सके। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए केरल के 4,824 छात्रों ने आवेदन किया था। इनमें से 2,365 छात्रों को दाखिला मिल चुका है। कई महाविद्यालयों के राजनीतिशास्त्र, दर्शनशास्त्र आदि विभागों में केवल केरल के छात्रों को ही दाखिला मिला है। इसके पीछे मुख्य कारण है कि इन छात्रों को बारहवीं में 100 प्रतिशत अंक मिलना। इसलिए कुछ शिक्षाविदों ने केरल शिक्षा बोर्ड की परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठाया है। इस सवाल का ठोस कारण भी दिख रहा है।

आमतौर पर यह देखा जाता है कि गणित, अंग्रेजी जैसे विषयों में छ़़ात्रों को 100 प्रतिशत तक अंक मिल जाते हैं। इतिहास, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र जैसे विषयों में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आसान नहीं रहता है। लेकिन केरल शिक्षा बोर्ड के छात्रों को इन विषयों में भी 100 प्रतिशत अंक मिल रहे हैं। यही कारण है कि इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय के अनेक महाविद्यालयों में केरल के छात्रों ने अनेक विभागों पर एक तरह से कब्जा कर लिया है।

हिन्दू कॉलेज, रामजस कॉलेज, हंसराज कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, मिरांडा हाउस और श्रीराम कॉलेज आफ कामर्स इत्यादि के राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, वाणिज्य आदि विषयों में प्रवेश लेने वाले अधिकतर छात्र केरल के हैं। सबसे दिलचस्प मामला हिन्दू कॉलेज के राजनीतिशास्त्र विभाग में देखने को मिला है। इस विभाग में 150 छात्रों ने नामांकन कराया है। इनमें से 149 केरल बोर्ड के छात्र हैं। ऐसे ही इस कॉलेज में अनारक्षित श्रेणी के अंतर्गत कुल 20 सीटों पर प्रवेश होना था, लेकिन 26 छात्रों को प्रवेश देना पड़ा, क्योंकि सभी के 100 प्रतिशत अंक थे। ये सभी छात्र केरल बोर्ड से 100 प्रतिशत अंक लेकर आए हैं। रामजस कॉलेज में भी 29 छात्र केरल के हैं। मिरांडा हाउस में भी 43 छात्र केरल के हैं। ये सभी राजनीतिशास्त्र में हैं।

इसलिए इन दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय में यह चर्चा जोरों पर है कि दाल में कुछ काला है। इस तरह की बातें करने वालों में सबसे प्रमुख हैं किरोड़ीमल कॉलेज में भौतिकीशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. राकेश पांडे। उन्होंने बताया, ''2016 में दिल्ली विश्वविद्यालय में केरल के दो—तीन छात्र ही होते थे। 2019 में इनकी संख्या 200 के करीब हुई थी। 2020 में केरल के 300 छात्रों ने नामांकन कराया। अब 2021 में इनकी संख्या आश्चर्यजनक रूप से बढ़ी है।'' डॉ. पांडे का मानना है कि यह सब एक साजिश के तहत हो रहा है और इसके पीछे वामपंथी हैं। वे कहते हैं, ''अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में वामपंथियों की पकड़ ढीली हो रही है और शायद यही कारण है कि वामपंथी केरल शिक्षा बोर्ड के जरिए दिल्ली विश्वविद्यालय में अपनी विचारधारा के छात्रों को भर रहे हैं।'' डॉ. पांडे यह भी आशंका व्यक्त करते हैं कि केरल शिक्षा बोर्ड पर कोई राजनीतिक दबाव है और उसी के कारण छात्रों को 100 प्रतिशत अंक देकर दिल्ली विश्वविद्यालय भेजा जा रहा है।  

बता दें कि इस वर्ष केरल शिक्षा बोर्ड के 234 छात्रों ने 100 प्रतिशत अंक और 18,510 छात्रों ने उच्चतम 'ए ग्रेड' प्राप्त किया है, जबकि वहां सीबीएसई के केवल एक छात्र को 100 प्रतिशत अंक मिले हैं। इससे एक सवाल तो खड़ा होता है कि जो बोर्ड राज्य सरकार के अधीन है, वहां तो सैकड़ों छ़़ात्रों को 100 प्रतिशत अंक मिले हैं, वहीं केंद्रीय बोर्ड में केवल एक छात्र को 100 अंक मिले हैं। ऐसा कैसे हो सकता है!

जब लोगों ने सावल उठाया तो इस मामले की जांच के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने एक समिति बनाई है। इस समिति में विश्वविद्यालय के रजिस्टार, तीन महाविद्यालयों की प्राचार्य और कुछ प्राध्यापक शामिल हैं। यह समिति इस बात की जांच कर रही है कि कहीं इस मामले में कोई गड़बड़ी तो नहीं है।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में हर वर्ष लगभग 65,000 छात्र नामांकन कराते हैं। अधिकतर  छात्र बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के आसपास के राज्यों के होते हैं। शिक्षा सुविधाओं की दृष्टि से इन राज्यों को केरल की अपेक्षा बहुत पीछे माना जाता है। इसलिए कुछ लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि जो राज्य अपने यहां की शिक्षा सुविधाओं को लेकर ढोल पीटता है, उसके बच्चे 3,000 किलोमीटर दूर दिल्ली में नामांकन क्यों करा रहे हैं! यहां फिर डॉ. पांडे की शंका का ध्यान आता है। अब जब इस मामले की जांच के लिए समिति बन ही गई है तब सबको उम्मीद है कि इसकी सचाई बाहर आएगी।

 

 

अरुण कुमार सिंह
समाचार संपादक at पाञ्चजन्य | Website

समाचार संपादक, पाञ्चजन्य | अरुण कुमार सिंह लगभग 25 वर्ष से पत्रकारिता में हैं। वर्तमान में साप्ताहिक पाञ्चजन्य के समाचार संपादक हैं।

  • अरुण कुमार सिंह
    https://panchjanya.com/author/arun-kumar-singh/
    Mar 10, 2025, 07:59 pm IST
    अब भी छलक आती हैं आंखें
  • अरुण कुमार सिंह
    https://panchjanya.com/author/arun-kumar-singh/
    Feb 11, 2025, 03:32 pm IST
    साधना, समर्पण और शक्ति का संगम
  • अरुण कुमार सिंह
    https://panchjanya.com/author/arun-kumar-singh/
    Jan 28, 2025, 01:03 pm IST
    प्रयागराज के रक्षक वेणी माधव
  • अरुण कुमार सिंह
    https://panchjanya.com/author/arun-kumar-singh/
    Jan 13, 2025, 03:54 pm IST
    कांग्रेस का झूठ तार-तार
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

चित्र वर्तमान समय के अनुसार नहीं है. प्रतीकात्मक हैं.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान कर रहा भारी गोलीबारी : भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब, हमास के हथकंडे अपना रहा आतंकिस्तान

Tension on the border : जैसलमेर-बाड़मेर समेत 5 ज़िलों में हाई अलर्ट और ब्लैकआउट, शादी-धार्मिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदी

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

चित्र वर्तमान समय के अनुसार नहीं है. प्रतीकात्मक हैं.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान कर रहा भारी गोलीबारी : भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब, हमास के हथकंडे अपना रहा आतंकिस्तान

Tension on the border : जैसलमेर-बाड़मेर समेत 5 ज़िलों में हाई अलर्ट और ब्लैकआउट, शादी-धार्मिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदी

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

“पहाड़ों में पलायन नहीं, अब संभावना है” : रिवर्स पलायन से उत्तराखंड की मिलेगी नई उड़ान, सीएम धामी ने किए बड़े ऐलान

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ : बलरामपुर, श्रावस्ती, महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी में अवैध मदरसों पर हुई कार्रवाई

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies