उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव निकट है. ऐसे में सभी राजनीतिक दल चुनाव के लिए कमर कस रहे हैं. भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में बगैर किसी का नाम लिए राहुल गांधी, अखिलेश
ट्वीट में लिखा गया है कि " वर्ष 2017 में ‘दो युवा’ आए, आजकल दोनों में बातचीत बंद है. वर्ष 2019 में ‘बुआ-बबुआ’ आए. अब ‘बुआ’ से बात करने को बोल भी दो तो ‘बबुआ’ गुस्सा जाते हैं. ‘दो युवा’ भी देख लिए, ‘बुआ-बबुआ’ भी देख लिए, मगर कुछ हुआ नहीं. अब 2022 में क्या करें, इसी चिंता में ‘युवा’, ‘बुआ’, ‘बबुआ’ तीनों डूबे हैं.’
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में ‘यूपी के लड़के’ आये थे. उस चुनाव में अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने खुद को ‘यूपी के लड़के’ कह कर प्रचारित किया था. सपा ने कांग्रेस से समझौता करके उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा. पराजय के बाद यूपी के दोनों ‘लड़कों’ की राहें जुदा हो गईं.
वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव अखिलेश यादव ने मायावती से समझौता करके लड़ा. हार के बाद अभी अखिलेश यादव कुछ समझ पाते तब तक मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस करके आरोप लगाया और गठबंधन खत्म कर दिया. अब एक बार फिर उत्तर प्रदेश में चुनावी हलचल शुरू होने वाली है. राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती की नजरें उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं.
मगर ये तीनों नेता जनता के बीच से नदारद हैं. कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद राहुल गांधी और अखिलेश यादव केवल ट्वीट कर रहे थे. मायावती भी अपनी मांग को ट्वीट करती हैं. जबकि कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे प्रदेश का दौरा किया. उस महामारी के दौर में अखिलेश यादव, राहुल गांधी और मायावती कोई भी जनता के बीच नजर नहीं आये.
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