इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने जानकारी देते हुए बताया है कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से अगवा किए गए भारतीय कारोबारी बंसरी लाल अरेंदह को रिहा कर दिया गया है
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से अगवा किए गए भारतीय कारोबारी को तालिबान लड़ाकों ने 29 सितम्बर को करीब 15 दिन कैद में रखने के बाद रिहा कर दिया। उल्लेखनीय है कि यह कारोबारी बंसरी लाल काबुल में दवा बेचने का काम करते हैं। उन्हें तालिबान लड़ाकों द्वारा गत 14 सितंबर को अगवा किया गया था।
इस संबंध में इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने जानकारी देते हुए बताया है कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से अगवा किए गए भारतीय कारोबारी बंसरी लाल अरेंदह को रिहा कर दिया गया है।
अफगान मूल के करीब 50 साल उम्र के बंसरी लाल की काबुल में दवाएं बनाने का काम है। उनकी वहां दवाओं की दुकान भी है। 14 सितम्बर को बंसरी लाल अपनी दुकान पर ही थे जब तालिबान लड़ाके आए और बंदूक दिखाकर धमकाते हुए उन्हें नोक पर अगवा कर लिया। इसके पीछे साफ तौर पर तालिबान लड़ाके ही थे।
अफगान मूल के करीब 50 साल उम्र के बंसरी लाल का पिछले 20 साल से काबुल में दवाएं बनाने का काम है। उनकी वहां दवाओं की दुकान भी है। 14 सितम्बर को बंसरी लाल अपनी दुकान पर ही थे जब तालिबान लड़ाके आए और बंदूक दिखाकर धमकाते हुए उन्हें नोक पर अगवा कर लिया। इसके पीछे साफ तौर पर तालिबान लड़ाके ही थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, काबुल में फार्मास्यूटिकल उत्पादों के सबसे बड़े कारोबारियों में से एक बंसरी लाल उस वक्त अपने साथी कर्मचारियों के साथ अपनी दुकान पर अपने रोजमर्रा कारोबार के कामों में लगे थे। तभी अपहरणकर्ता आए और बंदूक दिखाकर धमकाते हुए बंसरी लाल और उनके कर्मचारियों को दुकान से उठा ले गए। हालांकि अफरातफरी में उनके साथी कर्मचारी किसी तरह अपहर्ताओं के चंगुल से भाग निकलने में सफल हो गए। बताया जाता है कि कारोबारी बंसरी लाल को अपहरणकर्ताओं ने बेरहमी से पीटा और शारीरिक यातनाएं दी थीं। भारत सरकार की तत्परता के बाद वहां के तालिबान हुक्मरानों ने बंसरी लाल की 'तलाश' का आदेश जारी किया था। इंडियन वर्ल्ड फोरम की अपील पर भारतीय प्रशासन इस मामले पर तत्परता से नजर रखे हुए था। यह भी जानकारी मिली है कि बंसरी लाल के परिजन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहते हैं।
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