फैजुल्लाह ने मंदिर के विरुद्ध 'शिकायत' की थी कि नए बने मंदिर पर 'समाधि' की जगह ‘मंदिर’ लिखा गया है। हिंदुओं ने इमारत को 'और आगे तक बढ़ा लिया' है। स्थानीय हिंदुओं का कहना है कि फैजुल्लाह यहां इस मंदिर को देखना ही नहीं चाहता है। पिछले साल भी इस मंदिर पर उन्मादियों ने इस पर हमला करके इसे तोड़ा था
इमरान खान के ‘नए पाकिस्तान’ में फिर हिंदुओं पर ‘सितम’! खैबर पख्तूनख्वा में पिछले दिनों विनायक मंदिर को मजहबी उन्मादियों द्वारा तोड़े जाने का मामला अभी पूरी तरह शांत नहीं हुआ है, लेकिन अब वहीं एक अन्य मंदिर पर कट्टर मुस्लिमों की नजर है। इस मंदिर के परिसर में न सिर्फ स्थानीय मुसलमानों ने प्रशासन की मदद से गैरकानूनी दीवार खड़ी कर ली है, बल्कि इस हेकड़ी का विरोध करने वाले हिन्दुओं को भी धमकाया जा रहा है।
खैबर पख्तूनख्वा लगातार कट्टरपंथी तत्वों की हिन्दू विरोधी हरकतों का गवाह बना हुआ है। इमरान खान के 'नए पाकिस्तान' में हिन्दुओं के जानोमाल की तेजी से की जा रही दुर्गति खुलकर सामने आ रही है।
घटनाक्रम के अनुसार, सूबे में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फाजी के एक स्थानीय कट्टर मौलाना हाफिज फैजुल्लाह कई दिनों से जिला करक में टेर्री नामक स्थान पर मौजूद इस मंदिर के पीछे पड़ा था। यह उसकी आंखों को चुभ रहा था। फैजुल्लाह उस मंदिर के पास ही एक मदरसा चलाता है। वह और उसके कुछ वहीं के साथियों ने मंदिर को तरह-तरह की बातें फैलाईं, आपत्तियां जताई। प्रशासन तो जैसे तैयार बैठाा था। उसने इन आपत्तियों का फौरन संज्ञान लेकर 'सुरक्षा' का हवाला देते हुए मंदिर के आंगन के अंदर ही एक दीवार बनवा दी।
पाकिस्तान के समाचार पत्र 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने इस घटना पर छापी अपनी रपट में एक स्थानीय हिंदू बुजुर्ग का बयान प्रकाशित किया है। उन बुजुर्ग का कहना है कि यहां के हिन्दुओं ने इस बात को लेकर आयुक्त और उपायुक्त से बात की, लेकिन उनकी बात पर कान ही नहीं दिया गया। उन्होंने जो कहा उसे अनसुना करते हुए खारिज कर दिया गया।
फैजुल्लाह उस मंदिर के पास ही एक मदरसा चलाता है। वह और उसके कुछ वहीं के साथियों ने मंदिर को तरह-तरह की बातें फैलाईं, आपत्तियां जताई। प्रशासन तो जैसे तैयार बैठा था। उसने इन आपत्तियों का फौरन संज्ञान लेते हुए 'सुरक्षा' का हवाला देते हुए मंदिर के आंगन के अंदर ही एक दीवार बनवा दी।
बताया गया है कि सूबे के मुख्यमंत्री के विशेष सहायक (अल्पसंख्यक मामले) वजीरजादा इस समस्या को सुनने तक को तैयार नहीं थे। उन्हें भय है कि कहीं इससे स्थानीय कट्टर मुसलमान नाराज न हो जाएं। फैजुल्लाह ने मंदिर के विरुद्ध यह 'शिकायत' की थी कि नए बने मंदिर पर 'समाधि' की जगह ‘मंदिर’ लिखा गया है। हिंदुओं ने इमारत को 'और आगे तक बढ़ा लिया' है। स्थानीय हिंदुओं का कहना है कि फैजुल्लाह को मंदिर की धर्मशाला के लिए बने कमरों को लेकर आपत्ति थी। उसने बेबुनियाद दावा किया कि इससे तो मंदिर की जगह बढ़ती जाएगी।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष दिसम्बर में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फाजी के ही एक मौलवी मौलाना शरीफुल्ला की अगुआई में स्थानीय कट्टरपंथियों की भीड़ ने मंदिर पर हमला बोला था। उन्होंने इसे पूरी तरह से तोड़ दिया था। घटना के बाद एक रपट दर्ज की गई थी और कई हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। लेकिन इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के यहां की विधानसभा के सदस्य जियाउल्लाह बंगश ने मामले में दखल देकर सरकार एवं हिंदू समुदाय को मंदिर पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए मुस्लिमों को माफी देने का मना लिया था। उस घटना में टूटे मंदिर को दोबारा से ठीक किया गया था।
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