छत्तीसगढ़ के जशपुर स्थित समर्थ दिव्यांग केंद्र में नशे में धुत चौकीदार और केयर टेकर द्वारा बच्चियों से मारपीट और अश्लील हरकतें करने का मामला सामने आया है। चौकीदार ने एक 15 वर्षीया बच्ची से दुष्कर्म किया और 5 बच्चियों का यौन उत्पीड़न किया। यही नहीं, आरोपियों ने बच्चियों के कपड़े फाड़ दिए। जान बचाने के लिए लड़कियां नग्न अवस्था में परिसर में भागती रहीं। पूरे प्रकरण में लीपापोती की बात भी सामने आई है। मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब कुछ बच्चों के परिजन उनसे मिलने पहुंचे। परिजनों ने केंद्र के संचालक से इसकी शिकायत की।
यह घटना 22 सितंबर की रात की है। इस दिव्यांग केंद्र का संचालन खनिज न्याय मद के तहत राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा किया जाता है। जिस समय यह घटना हुई हॉस्टल अधीक्षक वहां नहीं थे और बच्चों की जिम्मेदारी केंद्र के केयर टेकर राजेश राम और चौकीदार नरेंद्र भगत पर थी। छात्रावास में 24 बच्चे और 14 बच्चियां रहती हैं। इनमें से कोई भी बोल और सुन नहीं सकता है। शराब के नशे में धुत दोनों कर्मचारी रात करीब 11 बजे केंद्र में पहुंचे और बच्चों से मारपीट की और कुछ लड़कियों के कपड़े फाड़ दिए।
जो बच्चे बच कर भागने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें उठाकर परिसर में बहने वाले नाले में फेंक दिया। जब छात्रावास की सफाइकर्मी कुमारी बाई बच्चों को बचाने आई तो आरोपियों ने उसे बाथरूम में बंद कर दिया। किसी तरह वह बाहर निकली और छात्रावास अधीक्षक संजय राम को घटना की जानकारी दी। वे रात में ही केंद्र पहुंचे और आरोपी कर्मचारियों को परिसर से बाहर निकाल दिया। साथ ही, तत्काल मूक भाषा शिक्षकों को बुला कर बच्चों से पूछताछ कराई तो दोनों कर्मचारियों की करतूतों का खुलासा हुआ। आयुक्त ने केंद्र के अधीक्षक संजय राम को निलंबित करने के साथ राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला समन्वयक विनोद पैकरा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही, दोनों आरोपी कर्मचारियों को जेल भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि आरोपी कर्मचारी अक्सर शराब पीकर आते थे। अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की गई, लेकिन उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
दरअसल, इस दिव्यांग केंद्र में नियमों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है। इस दिव्यांग केंद्र में पहली से 8वीं कक्षा तक के दिव्यांग बच्चों को सांकेतिक भाषा में पढ़ाने और कौशल विकास की सुविधा दी गई है। लेकिन केंद्र में न तो ऐसे शिक्षक और कर्मचारी हैं, जो इन बच्चों की मूक भाषा को समझ सकें। छात्र-छात्राओं को एक ही परिसर में रखा जाता है। रात में बच्चियों के लिए सिर्फ एक सफाइकर्मी को रखा गया है। आयुक्त महादेव कावरे ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, अभी तक एक दिव्यांग बच्ची से दुष्कर्म और पांच छात्राओं से छेड़छाड़ की घटना की पुष्टि हुई है। राज्य महिला आयोग और केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लिया है और इस बाबत एक पत्र जारी किया है।
यह पहला मौका नहीं है, जब छात्रावास में बलात्कार की घटना घटी है। वर्ष 2011 में मनोरा विकासखंड के ग्राम गुतकिया में छात्रावास अधीक्षक के पति ने एक छात्रा के साथ कई दिनों तक अनाचार किया था। छात्रा के गर्भवती होने के बाद घटना का खुलासा हुआ था।
दिव्यांग केंद्र की घटना को लेकर भाजपा राज्य की कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जशपुर की घटना शर्मनाक बताते हुए कहा कि राज्य में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। लगता है कि छत्तीसगढ़ में न तो तंत्र और न ही प्रशासन काम कर रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि घटना को दबाने का प्रयास किया जा रहा था, जो शर्मनाक है। इस अमानवीय घटना की न्यायिक जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, दिव्यांग केंद्र का दौरा कर उन्होंने एक जांच समिति गठित करने की घोषणा की है। वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ‘घटना दु:खद है। मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इस प्रकार की घटना दोबारा न हो, हमारी यही कोशिश रहेगी।’
टिप्पणियाँ