इस्लामाबाद के एक मदरसे की छत पर तालिबानी झंडे टांग दिये गये। कठमुल्लों की इस हरकत से हड़कम्प मच गया। लोग वीडियो बनाने लगे जो खूब वायरल हुई। खबर पुलिस तक पहुंची और वह तालिबान के उन झंडों को उतारने पहुंच गई, लेकिन विरोध के कारण उतार नहीं पाई
पाकिस्तान लाख कोशिश करे कि अफगानिस्तान में तालिबान के बंदूक के दम पर किए गए कब्जे में पाकिस्तान ने कोई मदद नहीं कि है, लेकिन उस देश के अपरिपक्व मंत्री और कठमुल्ले अपनी हरकतों और बयानों से साफ जता देते हैं कि मजहबी तालिबान आतंकियों को उनका पूरा समर्थन है। कल ही इस्लामाबाद में भी कुछ ऐसा हुआ कि इस संदर्भ में झूठे पाकिस्तान का नकाब एक बार फिर उतर गया। राजधानी इस्लामाबाद के एक मदरसे की छत पर तालिबानी झंडे टांग दिये गये। कठमुल्लों की इस हरकत से हड़कम्प मच गया। लोग वीडियो बनाने लगे जो खूब वायरल हुई। खबर पुलिस तक पहुंची और वह तालिबान के उन झंडों को उतारने पहुंच गई। लेकिन क्या मजाल कि वहां का मौलाना और उसके भड़काए लोग पुलिस को आसानी से ऐसा करने देते, वे पुलिस से ही भिड़ गये।
इस्लामाबाद का वह मदरसा है जामिया हफ्सा। इसी की छत पर मौलवी की कथित शह पर तालिबानी झंडे लगे दिये गये थे। इन झंडों को जब पुलिस उतारने गई तो गुस्साए मौलवी और भड़काए छात्र न सिर्फ दीवार बनकर खड़े हो गए, बल्कि पुलिस से ही टकरा गए। मदरसे का मौलाना अब्दुल अजीज और छात्रों से पुलिसकर्मियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। बताते हैं, मदरसे में कुछ लोगों के पास एके 47 भी थीं। जामिया हफ्सा इस्लामामबाद का बड़ा मशहूर मदरसा है। इसी से तालिबानी झंडे उतराने पहुंची पुलिस को मौलाना अब्दुल अजीज और छात्र झंडा उतारने देने को किसी तरह राजी न हुए। फिर हुआ यह कि पुलिस झंडे उतारे बिना ही वापस लौट गई।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे मौलवी अब्दुल अजीज पुलिस वालों का धमका रहा है। वह मौलाना पुलिस वालों को जमकर लताड़ लगाता दिख रहा है। वह लगभग ताल ठोकता हुआ कह रहा है कि उसके इस्लामाबाद में शरिया कानून लागू करने की मांग की थी जिसे सरकार ने मान लिया है। वह धमकी के अंदाज में यह भी कहता सुनाई देता है कि मान जाओ, नहीं तो पाकिस्तानी तालिबान उन सबको सबक सिखाएगा
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे मौलवी अब्दुल अजीज पुलिस वालों का धमका रहा है। वह मौलाना पुलिस वालों को जमकर लताड़ लगाता दिख रहा है। वह लगभग ताल ठोकता हुआ कह रहा है कि उसके इस्लामाबाद में शरिया कानून लागू करने की मांग की थी जिसे सरकार ने मान लिया है। वह मौलाना तो पुलिस वालों तक को 'हिदायत' देता दिख रहा है कि वे पुलिस की नौकरी छोड़ दें। वह धमकी के अंदाज में यह भी कहता सुनाई देता है कि मान जाओ, नहीं तो पाकिस्तानी तालिबान उन सबको सबक सिखाएगा। बताते हैं, उसी के इशारे पर मदरसे की बुर्का पहने छात्राएं बड़ी तादाद में छत पर जा पहुंची थीं और पुलिस के सामने दीवार बनकर खड़ी हो गई थीं।
खबरों से पता चलता है कि मदरसे पर वे तालिबानी झंडे जुमे के दिन यानी गत शुक्रवार को लगाए गए थे। पुलिस शनिवार को पुलिस उन्हें हटवाने पहुंची थी। लेकिन उसे ऐसी कड़ी टक्कर मिली कि बैरंग लौटना पड़ा।
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