तालिबान के खिलाफ बोलते ही कट्टरपंथियों के निशाने पर आए नसीरुद्दीन, सहिष्णुता का लाइसेंस रद्द
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

तालिबान के खिलाफ बोलते ही कट्टरपंथियों के निशाने पर आए नसीरुद्दीन, सहिष्णुता का लाइसेंस रद्द

by WEB DESK
Sep 9, 2021, 03:57 pm IST
in भारत, दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हिंदी फिल्मों के अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, जो बार—बार असहिष्णुता की बातें करके कट्टरपंथी इस्लामी पत्रकारों के प्रिय बने रहते थे, वह कल से उन्हीं लोगों के निशाने पर आ गए हैं। जो लोग उन्हें सिर—माथे बैठाए रहते थे, अब उनके खिलाफ बोल रहे हैं।


सोनाली मिश्रा
 

हिंदी फिल्मों के अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, जो बार—बार असहिष्णुता की बातें करके कट्टरपंथी इस्लामी पत्रकारों के प्रिय बने रहते थे, वह कल से उन्हीं लोगों के निशाने पर आ गए हैं। जो लोग उन्हें सिर—माथे बैठाए रहते थे, अब उनके खिलाफ बोल रहे हैं। पर ऐसा क्यों हुआ और किसलिए हुआ होगा ?

दरअसल, कल नसीरुद्दीन शाह ने अफगानिस्तान में तालिबानी शासन का जश्न मनाने वाले भारतीय मुसलमानों के एक धड़े को चेतावनी देते हुए एक वीडियो जारी किया। उस वीडियो में ऐसा कुछ भी नहीं था, जिससे कोई भी भड़क जाए। पर दिन—रात हिन्दुओं को ही कोसने वाले लोग और हिन्दूफोबिया में जीने वाले कट्टर इस्लामी पत्रकार भड़क गए और उन्होंने नसीरुद्दीन शाह को ही खारिज कर दिया।

पहले देखते हैं कि नसीरुद्दीन शाह ने कहा क्या था ? उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी को लेकर भारत में जश्न मना रहे मुसलमानों पर प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग तालिबान के आने का जश्न मना रहे हैं, उन्हें खुद से सवाल करना चाहिए कि आखिर वह अपना मजहब कैसा चाहते हैं ? क्या वह अपने मजहब में रिफार्म चाहते हैं या फिर वह बर्बरता के साथ ही रहना चाहते हैं।

फिर उन्होंने “हिन्दुस्तानी इस्लाम को पूरी दुनिया में सबसे अलग इस्लाम बताते हुए कहा कि मैं हिन्दुस्तानी मुसलमान हूं। जैसा कि मिर्जा गालिब कह गए हैं, मेरा रिश्ता अल्लाह मियां से बेहद बेतकल्लुफ है, मुझे सियासी मजहब की जरूरत नहीं। हिन्दुस्तान में इस्लाम हमेशा से दुनियाभर के इस्लाम से अलग रहा है। खुदा ऐसा वक्त ना लाए कि वह इतना बदल जाए कि उसे हम पहचान भी न सकें।”

जैसे ही उन्होंने यह वीडियो शेयर किया वैसे ही वह उन लोगों के निशाने पर आ गए, जो उनके प्रिय हुआ करते थे ?  नसीरुद्दीन शाह के यह कहते ही रिफत जावेद, सबा नकवी, आरफा खानम शेरवानी और कई अन्य कथित प्रगतिशील इस्लामी नसीरुद्दीन शाह के विरोध में आ गए।
आरफा खानम, जिन्होंने अभी कुछ दिन पहले ही अपनी रणनीति बदलते हुए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हिन्दुओं को शुभकामनाएं दी थीं। उन्होंने लिखा, “हम कोई नहीं होते हैं, यह बताने वाले कि कौन आदर्श, या परफेक्ट मुस्लिम है। केवल अल्लाह ही जानता है कि हममें से कौन सबसे ज्यादा पवित्र है। मैं नसीरुद्दीन शाह की कही गयी हर बात से सहमत नहीं होती हूँ, मगर यह सही है कि उन्होंने अपनी पहचान को बहुसंख्यकों के तुष्टीकरण के लिए प्रयोग किया है और वह एकदम वैसे ही है जैसे शाहरुख खान का ओलंपिक्स के दौरान लाइमलाइट चाहना।”
 
यह वही आरफा हैं, जिन्होंने सीएए के दौरान बहुसंख्यक समाज का समर्थन लेने के लिए रणनीति बदलने की बात की थी। उन्होंने कहा था कि हमारा उद्देश्य अभी भी वही है, पर हमें रणनीति बदलनी होगी। और जब नसीरुद्दीन शाह की छोटी सी सलाह भी वह बर्दाश्त नहीं कर सकीं, तो उनकी रणनीति क्या होगी, यह समझा जा सकता है।

हालांकि इंटरनेट पर नसीरुद्दीन शाह से कई लोग यह भी कहते हुए नज़र आए कि भारतीय इस्लाम भी किसी से अलग नहीं है, क्योंकि कट्टरता वही है, उनमें भी। मगर यह सभी उन्हीं लोगों द्वारा कहा गया था, जो उनकी विचारधारा का सदा से विरोध करते आए थे। उनका साथ देने वाले रिफत जावेद ने कहा कि “मैं नसीरुद्दीन शाह की एक्टिंग का बहुत बड़ा प्रशंसक हुआ करता था, मगर उन्हें अपनी फिल्मों तक ही सीमित रहना चाहिए और उन बातों पर नहीं बोलना चाहिए, जिसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। एक नॉन-प्रैक्टिसिंग मुस्लिम इस्लाम को सुधारना चाहते हैं। मैं चाहता हूँ कि वह ऐसे ऐसे किसी सुझाव से पहले, इस्लाम की प्रैक्टिस करें।”
 
जब रिफत जावेद यह कहते हैं कि नसीरुद्दीन शाह को प्रैक्टिसिंग इस्लाम की जानकारी होनी चाहिए, पर रिफत जावेद यह नहीं बता रहे हैं कि प्रैक्टिसिंग इस्लाम क्या होता है ? जो एक एयरलाइन द्वारा एक ऐसे व्यक्ति की तस्वीर साझा करना भी बर्दाश्त न कर पाए जिसने देश के लिए सेना में कार्य किया था। रिफत जावेद ने विस्तारा एयरलाइंस को विवश किया था कि वह जनरल जीडी बख्शी के साथ खींची गयी फोटो को डिलीट करें। और अमूल के खिलाफ भी रिफत जावेद ने अभियान चलाया था कि वह सुदर्शन चैनल को विज्ञापन क्यों दे रहा है।

दूसरे के विचारों को बर्दाश्त न करना ही क्या प्रैक्टिसिंग मुस्लिम है और इतना बर्दाश्त न करना कि आज अपने ही नसीरुद्दीन शाह की एक छोटी सी सलाह भी बर्दाश्त नहीं हो पा रही है ? जबकि उन्होंने ऐसी कुछ बात नहीं कही थी। रिफत जावेद ने तो दानिश सिद्दीकी की मौत के लिए भी तालिबानियों को जैसे क्लीन चिट देते हुए हिन्दुओं को बौद्धिक पिछड़ा, और बिना किसी प्रतिभा का बताया था और कहा था कि वह केवल नफरत कर सकते हैं।

दानिश सिद्दीकी की एक तरफा रिपोर्टिंग के कारण हिन्दुओं का दानिश से खफा होना स्वाभाविक है, परन्तु तालिबानियों का पक्ष लेते हुए अपने ही नसीरुद्दीन शाह के खिलाफ खड़े हो जाना, कहाँ तक स्वाभाविक है ?  ऐसे ही सबा नकवी ने भी इशारों इशारों में नसीरुद्दीन शाह पर प्रहार करते हुए कहा कि क्यों इतने सारे हिन्दुस्तानी मुसलमान अचानक से तालिबानियों की बुराई करने के लिए कह रहे हैं ? क्या उन्होंने तालिबान को चुना है या फिर इनवाईट किया है ? आखिर क्यों दुनिया के सिनेमा के प्रतिभाशाली व्यक्ति इस पर बोलने के जाल में फंस रहे हैं ? यह जाल है!
 
सबा नकवी भगवा का राजनीतिक पक्ष: वाजपेई से मोदी तक/Shades of Saffron लिख चुकी हैं और जहां तक प्रतीत होता है, उन्हें दाएं, बाएं और भगवा और हरे की राजनीति भी पता ही होगी। और यह भी पता है कि वह किस हद तक हिन्दुओं की विरोधी हैं। लव जिहाद जैसे मामलों को वह केवल हिंदुत्व की असुरक्षा का विषय बताती हैं। मगर वह एक बार भी उन लोगों के खिलाफ कुछ नहीं कहती हैं, जो मजहबी पहचान छिपाकर हिन्दू नाम रखकर हिन्दू लड़कियों से दोस्ती करते हैं, और मजहब परिवर्तन के लिए बाध्य करते हैं। इसके लिए वह हर दांव चलते हैं।

पिछले वर्ष जब सब्जियों में थूक लगाकर बेचते और थूक लगाकर रोटी बनाते हुए जिहादी पकड़े गए थे, तो सबा ने उनका बचाव करते हुए पूरे हिन्दू समाज को नफरत का ठेकेदार बता दिया था। मगर फिर भी जब उन्होंने मुस्लिमों में अच्छे मुस्लिम और बुरे मुस्लिम का बंटवारा किया तो यह स्वतंत्रता हिन्दुओं को क्यों नहीं दी ?

सबा कितनी सहिष्णु हैं, यह तो अपने ही नसीरुद्दीन शाह की सही सलाह की आलोचना करके बता दिया है। यह सब तो वह चेहरे हैं, जो प्रगतिशीलता का मुखौटा लगाकर हिन्दुओं के प्रति घृणा से भरे हैं। वहीं कई अन्य मुस्लिम यूजर भी नसीरुद्दीन शाह की इस बात से खुश नहीं हैं।
 
उल्टे उनसे ही कई लोग प्रश्न करते हुए आए कि आधुनिक इस्लाम से आपका क्या मतलब है ? और क्या वह उन चीज़ों को नहीं करते हैं जो हराम हैं ?

दरअसल, यह जो लोग उदारवाद की छवि के नीचे अपना कट्टर इस्लामी चेहरा छिपाए हुए हैं, वह एक लक्ष्य लेकर ही चल रहे हैं। इस्लाम और केवल कट्टर इस्लाम! और वह अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए रणनीति कभी—कभी बदल लेते हैं। जैसा आरफा खानम ने एक बार कहा भी था, और कथित उदारवादी जब तक उनकी इस कट्टर इस्लाम की प्रशंसा वाली लाइन पर चलेंगे, तब तक वह उनके मित्र रहेंगे। जरा सी एक चूक हुई नहीं वैसे ही वह उन्हें कचरे के डिब्बे में डालना पसंद करते हैं।

सोचिये कि इन लोगों ने अभी तक अपने प्रिय दानिश सिद्दीकी की जघन्य हत्या के लिए तालिबानियों को दोषी नहीं ठहराया है। शेष तो छोटी बातें हैं और तालिबानियों द्वारा लड़कियों की हत्याओं और उनकी आज़ादी छीनने पर भी मुंह नहीं खोला है। इससे ही उनकी कट्टरपंथ वाली सोच का पता चलता है!

ऐसा नहीं है कि नसीरुद्दीन शाह का ही सेकुलर होने का लाइसेंस कैंसल हुआ है, वामपंथी पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने आज जैसे ही नसीरुद्दीन शाह का पक्ष लेते हुए लिखा कि नसीरुद्दीन शाह के पास इस्लाम में सुधार की बात करने का अधिकार है, आपको सुधारों की बात करने के लिए किसी मजहब का अनुयायी होने की जरूरत नहीं है। हिंदुत्ववादियों को गाली देना सही और तालिबान की आलोचना गलत कैसे हो गया ?”

ऐसा कहते ही उन पर भी इस्लाम को समझने का लोग कमेन्ट करने लगे।

आज नसीरुद्दीन शाह और स्वाति चतुर्वेदी का लिबरल का लाइसेंस कैंसल हुआ है, उससे पहले स्वरा भास्कर का लाइसेंस केवल इसलिए कैंसल हो गया था क्योंकि उन्होंने अपने घर की गृह प्रवेश की पूजा में स्वयं विधि विधान का पालन किया था।

इन तीनों के मामले से यह बात समझ में आती है कि वाम हो या कट्टर इस्लाम, दोनों का लक्ष्य एक ही है और वह है कट्टर इस्लाम की स्थापना। इसके लिए वह हर सीमा तक जाते हैं। मुगलों को महिमामंडित करते हैं। उनके द्वारा की गयी हत्याओं को इतिहास से व्हाईटवाश करने का कुप्रयास करते हैं और हिन्दुओं को ही हर घटना के लिए दोषी ठहराते हैं।

भारत में उदारवाद और कुछ नहीं बल्कि कट्टर इस्लाम के लिए एक ढाल का नाम है। जो भी इससे इतर जाएगा, उसका लाइसेंस कैंसल हो जाएगा, जो उसने लिब्रल्स के कंधे पर रखकर बनाया है।

 

A message for the Talibani cheerleader in India. pic.twitter.com/J0pVWZmwQI

— Tejinder Singh Sodhi ?? (@TejinderSsodhi) September 1, 2021

One of the reasons why Hindutva brigade is celebrating #DanishSiddiqui’s tragic death is because they know they can never attain his global success. Hindutva fanatics are often intellectually challenged, bereft of any talent. They only excel in hatred! Hence, this bitterness!

— Rifat Jawaid (@RifatJawaid) July 16, 2021

 

Follow Us on Telegram
 

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies