दिनेश मानसेरा
सहारनपुर स्थित देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने फिर कहा है कि लड़के—लड़कियों को एक साथ स्कूली शिक्षा के खिलाफ वे बराबर बोलते रहेंगे। हालांकि इस बयान के बाद उनकी खूब मजम्मत हो रही है
सहारनपुर स्थित देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने फिर कहा है कि लड़के—लड़कियों को एक साथ स्कूली शिक्षा के खिलाफ वे बराबर बोलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने जो दिल्ली में बयान दिया, उसको न सिर्फ मुस्लिम समाज बल्कि हिन्दू समाज को भी समझना चाहिए। क्योंकि इससे समाज में फैल रही गंदगी को साफ करने में मदद मिलेगी।
मौलाना मदनी के इस बयान पर केंद्र सरकार में मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी कहते हैं कि देश संविधान से चलता है न कि शरीयत और फतवों से। ये हमेशा से लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ ही रहे हैं। मुस्लिम लड़कियां यदि शिक्षा ले कर आगे बढ़ती हैं तो सबसे ज्यादा तकलीफ़ इन्हें ही होती है। जमाना आगे बढ़ रहा है। ये जमाते वहीं खड़ी रहना चाहती हैं। लड़कियों की शिक्षा बाहर के कई मुस्लिम मुल्कों में भी लड़कों के साथ—साथ ही है।
उत्तर प्रदेश के मंत्री मोहसिन रजा कहते हैं कि ये वही जमाती लोग हैं, जो कि तीन तलाक में महिलाओं को जकड़े रहने देना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट की वकील फरहा फैज कहती हैं कि को एजुकेशन से लड़के—लड़कियां घुल मिलकर रहते हैं और इससे उनकी पढ़ाई, कैरियर बेहतर हुए हैं।
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