ब्रिटेन ने कहा है कि इस आतंकवादी संगठन के संजाल को बर्बाद करने के लिए वह हमला बोलने को तैयार है। इस्लामिक स्टेट के अफगानिस्तान में सहयोगी का ही नाम है इस्लामिक स्टेट खुरासान
वेब डेस्क
अफगानिस्तान में आईएस खुरासान की आतंकी गतिविधियों और उसे तालिबान की कथित शह से ब्रिटेन बौखलाया हुआ है। ब्रिटेन के वायुसेना प्रमुख की मानें तो ब्रिटेन हमला बोलने को तैयार दिखता है।
पेंटागन के इस बयान के बाद कि, अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट-खुरासान के 2000 से ज्यादा लड़ाके मौजूद हैं, ब्रिटेन की तरफ से एक बड़ा बयान आया है। ब्रिटेन ने कहा है कि उस आतंकवादी संगठन के संजाल को बर्बाद करने के लिए वह हमला बोलने को तैयार है। इस्लामिक स्टेट के अफगानिस्तान में सहयोगी का ही नाम है इस्लामिक स्टेट खुरासान। यही वह आतंकी गुट है जिसने काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पिछले दिनों फिदायीन हमला करके 169 अफगानी और 13 अमेरिकी सैनिकों की जान ली थी।
ब्रिटेन की तरफ से यह बयान दिया है उसके वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल सर माइक विगस्टन ने। ब्रिटेन के दैनिक द डेली टेलीग्राफ से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि इस्लामिक स्टेट-खुरासान के विरुद्ध हमले में शामिल होने के लिए ब्रिटेन तैयार है। माइक अफगानिस्तान पर तालिबान के हथियारबंद कब्जे के बाद ब्रिटेन और अमेरिका के सैनिकों की पूरी तरह वापसी होने के बाद दैनिक से बात कर रहे थे। माइक का कहना है कि ब्रिटेन दाइश (इस्लामिक स्टेट) के काबुल हवाई अड्डे पर हुए हमले में लोगों के मरने पर अपने शोकमग्न साझीदारों के साथ है। वह दाइश का किसी भी जगह मिलकर मुकाबला करने को तैयार है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर हमारी मदद की जरूरत होती है इसमें कोई शक नहीं है कि हम उसके लिए तैयार हैं। हिंसक चरमपंथ जहां भी सिर उठाकर ब्रिटेन तथा उसके सहयोगी देशों पर सामने या पीछे से खतरा पैदा करता है तो हम उसका मुकाबला करेंगे।
टेलीग्राफ की मानें तो ब्रिटिश सरकार के अफसर हवाई हमले के लिए आवश्यक रणनीतिक मदद की संभावनाओं के बारे में सोच रहे हैं। उससे जुड़े विभिन्न आयामों पर गहरा मंथन चल रहा है। वायुसेना के सामरिक संचालन से जुड़ी बारीकियों पर विचार किया जा रहा है।
अफगानिस्तान पर कोई हमला न करे
उधर अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने 31 अगस्त को ही बयान जारी करके कहा है कि कोई भी देश अफगानिस्तान पर हमला करने की गलती न करे। अगर किसी देश ने ऐसी कोई कोशिश की तो वह संभल जाए। अफगानिस्तान से अमेरिका की सेना की वापसी के जश्न में काबुल में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय से जुड़े अनामुल्ला समांगानी ने अफगानों से देश न छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि वे देश के पुनर्निर्माण में उनका साथ देें।
ब्रिटिश सरकार के अफसर हवाई हमले के लिए आवश्यक रणनीतिक मदद की संभावनाओं के बारे में सोच रहे हैं। उससे जुड़े विभिन्न आयामों पर गहरा मंथन चल रहा है। वायुसेना के सामरिक संचालन से जुड़ी बारीकियों पर विचार किया जा रहा है। टोलो न्यूज के अनुसार, समागानी ने कहा कि देश में असुरक्षा की समस्या खत्म हो गई है। अब लोग अर्थव्यवस्था की चिंता कर रहे हैं।
इस्लामिक अमीरात की अगुआई में अफगानिस्तान की अगली सरकार इलाके के आर्थिक विकास में विशेष भूमिका निभाएगी।
खबर है कि तालिबान ने काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को अपने नियंत्रण में ले लिया है। अमेरिकी सैनिकों को ले जाने वाला आखिरी विमान तय वक्त से एक दिन पहले ही 30 अगस्त की आधी रात काबुल से रवाना हुआ था।
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