अहमद मसूद का कहना है कि अफगानिस्तान में तालिबान का राज हुआ तो यहां इस्लामिक आतंकवाद का गढ़ बन जाएगा। उसने साफ कहा कि 'हम हथियार नहीं डालेंगे, हम युद्ध के लिए तैयार हैं'
कभी पंजशीर के ताकतवर लड़ाके रहे अहमद शाह मसूद का बेटा अहमद मसूद अफगानिस्तान में तालिबान के विरुद्ध लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए है। उसने एक बार फिर कहा है कि 'हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, हम युद्ध के लिए एकदम तैयार हैं। पंजशीर हथियार नहीं डालेगा।'
उल्लेखनीय है कि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के विरुद्ध अहमद ने कमर कस ली है और उसका दावा है कि उसके साथ पूरे अफगानिस्तान के तालिबान विरोधी लड़ाके एकजुट हैं। पंजशीर ऐसी जगह है, जो तालिबान के लिए टेढ़ी खीर साबित होती रही है। तालिबान के लिए वहां कब्जा करना हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहा है। आज एक बार फिर यहां लड़ाई की अगुआई कर रहा है अहमद मसूद। आज अमरुल्ला सालेह के साथ वही अफगानिस्तान में तालिबान विरोधी चेहरा बनकर उभरा है। राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चे के नेता अहमद मसूद ने 22 अगस्त को दो साक्षात्कार दिए जिसमें तालिबान के विरुद्ध अपने गुट की सोच का खाका सामने रखा। उसने एक साक्षात्कार दिया रॉयटर्स को और साथ ही दुबई के अल-अरबिया चैनल से बात की।
उम्मीदों और जोश से सराबोर तालिबान विरोधी लड़ाकाओं के नेता अहमद मसूद ने साफ शब्दों में कहा कि 'पंजशीर हथियार नहीं डालेगा। पंजशीर ने आज तक किसी के आगे घुटने नहीं टेके हैं। तालिबान के सामने भी वह ऐसा कभी नहीं करेगा।' अहमद ने यह बात भी जोड़ी कि तालिबान अगर बातचीत करने को तैयार नहीं होता, तो जंग टाली नहीं जा सकेगी।
रॉयटर्स से बात करते हुए मसूद ने कहा कि 'रेजिस्टेंस फोर्स' सिर्फ पंजशीर के लिए नहीं लड़ रही है। मसूद ने स्पष्ट कहा कि अफगानिस्तान के सभी प्रांतों से लड़ाके पंजशीर आ पहुंचे हैं। सभी मिलकर इस एक पंजशीर पूरे देश की रक्षा में जुटे हैं। मसूद की मानें तो उसकी फौज में विशेष बल के साथ ही, स्थानीय लड़ाके तक सम्मिलित हैं।
मसूद ने कहा कि 'रेजिस्टेंस फोर्स' सिर्फ पंजशीर के लिए नहीं लड़ रही है। मसूद ने स्पष्ट कहा कि अफगानिस्तान के सभी प्रांतों से लड़ाके पंजशीर आ पहुंचे हैं। सभी मिलकर इस एक पंजशीर पूरे देश की रक्षा में जुटे हैं।
दुबई के अल अरबिया न्यूज चैनल से बात करते हुए मसूद का कहना था कि तालिबान की सरकार बने तो कोई दिक्कत नहीं है, बशर्ते यह सरकार ऐसी हो जिसमें पूरे देश की नुमाइंदगी हो। उसके अनुसार, लड़ाई का मुद्दा बस यही है।
उल्लेखनीय है कि पहली बार मसूद ने सार्वजनिक तौर पर 'रेजिस्टेंस फोर्स' के आगे की कदमों को लेकर खुलासा किया है। यह वही मसूद है जिसने पिछले दिनों 18 अगस्त को अमेरिका के अखबार वॉशिंगटन पोस्ट में एक लेख में लिखा था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उनके साथ सहयोग करे। उसकी यह अपील अमेरिका सहित दुनिया भर के देशों से थी। उसने लिखा था कि अफगानिस्तान में तालिबान का राज हुआ तो वह सिर्फ अफगानिस्तान के लिए दिक्कत पैदा नहीं करेगा, बल्कि फिर यह देश में इस्लामिक आतंकवाद का गढ़ बन जाएगा।
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