दो भाई में कुर्सी की लड़ाई (बाएं से) तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव
अरुण कुमार सिंह
इन दिनों लालू यादव के दोनों बेटे विधायक तेजप्रताप यादव और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच घमासान चल रहा है। दोनों एक—दूसरे को सुहा नहीं रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में दोनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई और बढ़ने वाली है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और चारा घोटाले के दोषी लालू यादव भले ही इन दिनों विपक्षी दलों के नेताओं को एकजुट करने के उद्देश्य से उनसे भेंट कर रहे हैं, पर उनके घर और उनकी पार्टी में ही जबर्दस्त लड़ाई चल रही है। उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव और छोटे बेटे तेजस्वी यादव में इतना मनमुटाव हो गया है कि दोनों एक—दूसरे को सुहा तक नहीं रहे हैं। हालांकि प्रत्यक्ष रूप से दोनों एक—दूसरे के विरुद्ध कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं, पर अप्रत्यक्ष रूप से दोनों में 'हम बड़े कि तुम बड़े' जैसी स्थिति है। तेजप्रताप तो कई बार ऐसे बयान दे चुके हैं, जिनसे साफ पता चलता है कि वे तेजस्वी को अपना नेता भी नहीं मानते हैं।
इन दोनों के बीच मतभेद का ताजा मामला छ़ात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव से जुड़ा है। उल्लेखनीय है कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने गत दिनों आकाश यादव को उनके पद से हटा दिया है। यह सर्वविदित है कि जगदानंद सिंह को राजद के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तेजस्वी के 'आशीर्वाद' से ही मिली है। इसलिए हर कोई यह मानता है कि जगदानंद सिंह का कोई भी निर्णय तेजस्वी के इशारे के बिना नहीं हो सकता है। यानी आकाश यादव को पद से हटाने का निर्णय तेजस्वी का है। यह सब जानते हुए भी तेजप्रताप खुलकर जगदानंद सिंह के विरुद्ध बोल रहे हैं। तेजप्रताप ने तो यहां तक कहा है कि पार्टी जगदानंद के विरुद्ध कार्रवाई करे, नहीं तो वे इस मामले को अदालत तक ले जाएंगे। तेजप्रताप का कहना है कि छह साल पहले ही लालू यादव ने मुझे छात्र राजद का संरक्षक नियुक्त किया है। इसलिए राजद के प्रदेश अध्यक्ष किसी भी छात्र नेता को उसके पद से हटा नहीं सकते हैं।
दरअसल, जगदानंद के बहाने वे तेजस्वी यादव पर वार कर रहे हैं। तेजप्रतान ने तेजस्वी यादव के सलाहकार हरियाणा निवासी संजय यादव को भी नहीं बख्शा है। तेजप्रताप ने कहा है कि संजय यादव उनके परिवार को तोड़ने का काम कर रहे हैं।
इससे पहले भी तेजप्रताप कई बार तेजस्वी के विरुद्ध मोर्चा खोल चुके हैं। चारा घोटाले के कारण लालू यादव के जेल जाने के बाद तो दोनों भाइयों के मतभेद कई बार खुलकर सामने आए हैं। इन दिनों लालू भले ही जमानत पर जेल से बाहर हों, लेकिन पिछले तीन—चार वर्ष के अंदर जब भी तेजप्रताप और तेजस्वी की कलह बाहर आई तब लालू यादव ने दोनों को बारी—बारी से जेल में ही बुलाया और कलह समाप्त करने की कोशिश की। इसके बावजूद दोनों भाई जब—तब आमने—सामने आ जाते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेजप्रताप ने मन से कभी तेजस्वी को अपना नेता नहीं माना है। उन्हें अपने परिवार का भी समर्थन नहीं है। वहीं दूसरी ओर तेजस्वी को पिता लालू यादव, मां राबड़ी देवी और बहन तथा राज्यसभा सांसद मीसा भारती का समर्थन प्राप्त है। इन कारणों से तेजप्रताप का धैर्य कभी—कभी जवाब दे दिया जाता है और वे अपने बयानों से सबको नाराज कर देते हैं। इस बार भी यही हो रहा है।
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