अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत के लिए एक नई चुनौती उभरकर सामने आई है। जानकारों की मानें तो अफगानिस्तान में आतंकी संगठन खुलेआम पैर पसार सकते हैं और आतंकी कैंपों में आतंकी गतिविधियां बिना किसी डर के जारी रख सकते हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत के लिए एक नई चुनौती उभरकर सामने आई है। जानकारों की मानें तो अफगानिस्तान में आतंकी संगठन खुलेआम पैर पसार सकते हैं और आतंकी कैंपों में आतंकी गतिविधियां बिना किसी डर के जारी रख सकते हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य की मानें तो अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का असर पूरे साउथ एशिया पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कुछ पाकिस्तानी जश्न मना रहे हैं कि उनकी योजना सफल हुई है। लेकिन पाकिस्तान के लोग ये नहीं समझ रहे हैं कि इसका असर वहां पर भी पड़ेगा, क्योंकि अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू होने के बाद पाकिस्तान के लोग भी शरिया कानून लागू करवाने की बात कहेंगे। उन्होंने कहा कि तालिबान के शासन के बाद ड्रग्स की तस्करी पूरे दुनिया में बढ़ेगी, क्योंकि तालिबान की आय का मुख्य जरिया अफीम की खेती है।
उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में मौजूद लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद संगठन के आतंकी भी तालिबान के साथ काम कर रहे हैं। पाकिस्तानी आईएसआई ने इन आतंकी संगठनों के 10 हजार आतंकियों को तालिबान की मदद के लिए भेजा था। उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान के पास आतंकी कैंप चलाने के लिए अफगानिस्तान एक सुरक्षित जगह होगा। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय दबाव और एफएटीएफ की ग्रे सूची से निकलने के लिए पाकिस्तान को पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) और पाकिस्तान में आतंकी कैंप चलाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब तालिबान के आने के बाद अफगानिस्तान में पाकिस्तानी आतंकी संगठन बिना किसी डर के सक्रिय रूप से काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अलकायदा और आईएसआई दोनों को तालिबान के शासन में एक सुरक्षित जगह मिलेगी।
उन्होंने कहा यूएस, यूरोपीय देश अगर ये समझते हैं कि इसका असर उनके देश में नहीं होगा, तो वह बड़ी भूल है। क्योंकि अब तालिबान के शासन में 9/11 जैसे दूसरे हमले प्लान किए जा सकते हैं। तालिबान का शासन पूरे दुनिया के लिए परेशानी की बात है। पूरी दुनिया ने देखा है कि चीन के विदेश मंत्री ने कैसे तालिबान के नेता का रेड कारपेट पर स्वागत किया है। ये दिखाता है कि चीन तालिबान के साथ नजदीक हो रहा है। उन्होंने कहा कि शायद भारत ही एक ऐसा देश है जिसके दो पड़ोसी न्यूक्लियर पॉवर कंट्री है। उनमें से एक देश आतंकवाद फैलाता है, दूसरा विस्तारवाद फैला रहा है। हालांकि भारत की सुरक्षा एजेंसी और सुरक्षाबल इतना सामर्थ्य रखते हैं कि आने वाले चुनौतीपूर्ण समय में वह हर मुसीबत से निपट सकते हैं।
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