अजातशत्रु अटल !
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम सम्पादकीय

अजातशत्रु अटल !

एक लंबा संघर्षमय, समाज-हितमय जीवन। भारतीय राजनीति के फलक पर संसदीय मर्यादा के उच्चतम प्रतिमानों को जीने वाले चंद राजनेताओं में से एक अटल जी को सिर्फ एक राजनीतिक व्यक्तित्व के रूप में नहीं देखा जा सकता।

by हितेश शंकर
Aug 16, 2021, 11:54 am IST
in सम्पादकीय, दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अजातशत्रु। जननायक। शिखर-पुरुष…कितने ही विशेषणों से संबोधित कर सकते हैं हम भारतीय राजनीतिक-साहित्यिक-सामाजिक जगत की महाविभूति मुदितमना अटल बिहारी वाजपेयी को


हितेश शंकर

एक लंबा संघर्षमय, समाज-हितमय जीवन। भारतीय राजनीति के फलक पर संसदीय मर्यादा के उच्चतम प्रतिमानों को जीने वाले चंद राजनेताओं में से एक अटल जी को सिर्फ एक राजनीतिक व्यक्तित्व के रूप में नहीं देखा जा सकता। कई आयाम समेटे हुए थे वे अपने भीतर। छुटपन से ही मेधा की झलक दिखाने वाले बालक अटल की शिक्षा एक संस्कारित शिक्षक परिवार से शुरू हुई थी। स्वतंत्रता-पूर्व के उस कालखंड में देश को आजाद कराने के आंदोलन में यथाशक्ति आहुति डालने वाले अटल अपनी ओजपूर्ण वाणी के कारण जल्दी ही साथियों में प्रसिद्ध हो गए, आर्य समाज से प्रभावित हो, उसके सक्रिय सदस्य बने और फिर रा. स्व. संघ के वरिष्ठ प्रचारक बाबासाहेब आप्टे के मार्गदर्शन में संघ के स्वयंसेवक ही नहीं बने बल्कि संघ शिक्षा वर्ग में तृतीय वर्ष शिक्षण पूरा करके उत्तर प्रदेश में विस्तारक हुए। कौन जानता था कि इसी उत्तर प्रदेश में उनके भावी विशद जीवन की लीक पड़ने वाली थी। पारखी थे भाऊराव देवरस, जिन्होंने अटल की प्रतिभा को परख कर उन्हें प्रचारक के दायित्व के साथ ही  ’राष्ट्रधर्म’ और फिर ‘पाञ्चजन्य’ के संपादन का काम सौंपा। पं. दीनदयाल उपाध्याय जैसे युगद्रष्टा का साथ पाकर एक साहित्यकार, पत्रकार के नाते अटल बिहारी अपनी लेखनी से देश को दिशा दिखाने में जुट गए। भारत की नेहरू राज में दुरावस्था, भ्रष्ट राजनीतियों, विदेश संबंधों पर जहां उनके तीखे आलेखों ने सत्ता को झकझोरा तो वहीं उनके छंदों, कवित्तों, कविताओं ने ओजपूर्ण भाव के साथ युवा पीढ़ी में जोश का संचार किया।

पं. दीनदयाल और डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के सान्निध्य में युवा अटल ने राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा और लोकसभा सांसद के रूप में ’62 की लड़ाई में चीन से हारने के बाद लोकसभा में सरकार को श्वेत पत्र रखने को बाध्य कर दिया। भाषण की उनकी शैली और विषय पर पकड़ देखकर नेहरू जी भी यह कहने से अपने को रोक न सके कि वाजपेयी आने वाले कल में प्रधानमंत्री हो सकते हैं।

…और ’77 में इंदिरा राज के ढहने के बाद जनता पार्टी का शासन आने पर वाजपेयी भारत के विदेश मंत्री बनकर सत्ता का हिस्सा तो बने पर वह प्रयोग सफल नहीं रहा, जनता पार्टी से इस्तीफा देकर जनसंघ के सभी नेताओं ने लंबे विचार-विमर्श के बाद राष्ट्रनिष्ठ राजनीति का अभियान जारी रखने का फैसला किया। 1980 में मुम्बई के आजाद मैदान में भारतीय जनता पार्टी के नाम से नए बने दल के संस्थापन में अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने मुख्य भूमिका निभाई। जनता पार्टी के कड़वे अनुभव से कार्यकर्ताओं में उपजी निराशा को दूर करने के लिए उस वक्त अटल जी ने जो कविता लिखी, उससे निश्चित जोश का संचार हुआ था-

गीत नया गाता हूं…
टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर , पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर, झरे सब पीले पात, कोयल की कूक रात, प्राची में अरुणिमा की रेख देख पाता हूं।
गीत नया गाता हूं…
…टूटे हुए सपनों की सुने कौन सिसकी?
अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी।
हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा,
काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं।
गीत नया गाता हूं।

वाजपेयी जी ने इस नए दल को सबल बनाया और ऐसी ऊंचाइयों तक पहुंचाया कि सत्ता के केन्द्र में आ पहुंचे। पहले 13 दिन, फिर 13 महीने और उसके बाद 1999 से 2004 तक पहली बार देश के एक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री के नाते कार्यकाल पूरा कर उन्होंने संसदीय राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ा। उन्होंने न केवल बड़ा दिल दिखाते हुए पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर बल दिया बल्कि विकास और विश्वास का एक सिलसिला भी कायम किया। पोखरण विस्फोट से भारत को आण्विक शक्ति संपन्न देश बनाया, अमेरिका के साथ रिश्तों में नए आयाम जोड़े और संयुक्त राष्ट्र में भारत का कद बढ़ाया।

उधर उम्र अपनी रफ्तार से बढ़ते हुए कुछ शारीरिक व्याधियां साथ ले आई और 2006 में उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया। पर देशवासियों के दिल में उनके प्रति प्यार पहले जैसा ही बरकरार रहा और…16 अगस्त, 2018 को उनके शरीर त्यागने के बाद राजधानी दिल्ली की सड़कों पर उन्हें श्रद्धाञ्जलि देने उमड़ा जन-सागर मानो तटबंध तोड़कर निरलस बहने को उतावला था!

क्योंकि…अटल बिहारी वाजपेयी सिर्फ एक राजनेता का नाम नहीं है, सिर्फ किसी कवि-हृदय जनसेवक का नाम नहीं है, सिर्फ एक कुशल प्रशासक का नाम नहीं है, सिर्फ संघ के एक तपोनिष्ठ कार्यकर्ता का नाम नहीं है, सिर्फ ग्वालियर के साहित्य परिकर के किसी सदस्य का नाम नहीं है…यह नाम अपने जीवनकाल में ही एक संस्थान बन गई उस विभूति का है…जो अपनी मंद मुस्कराहट से मिलने वाले का दिल जीत लेती थी.

@HiteshShankar

Follow Us on Telegram

Topics: पूर्व पीएम अटल जीअटल बिहारी वाजपेयीअटल जीअजातशत्रु अटल जीअटल जी पर लेख
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Unknown facts about indus water treaty

सिंधु जल समझौते का अनजाना पक्ष

भाजपा कार्यकर्ता (फाइल फोटो)

भाजपा स्थापना दिवस: लोकमंगल के संकल्प की यात्रा

छत्तीसगढ़ में लाभार्थी से बात करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार अपनी सभी गारंटियों को कर रही पूरा, हमारा संकल्प है- हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे : पीएम मोदी

दीप प्रज्ज्वलित कर ‘अष्टायाम’ का शुभारम्भ करते हुए (बाएं से) श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, श्री अरुण गोयल, श्री भारत भूषण, श्री हितेश शंकर और श्री बृज बिहारी गुप्ता

पाञ्चजन्य 78वां स्थापना वर्ष : संघर्ष की डगर, विमर्श की गाथा

1996 में पोखरण में दूसरे परमाणु बम परीक्षण के बाद निरीक्षण करते तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी,रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस, मिसाइल मैन अब्दुल कलाम व अन्य।

सामर्थ्य से शांति और विकास

दीप प्रज्ज्वलित कर सागर मंथन का उद्घाटन करते डॉ. प्रमोद सावंत। साथ में हैं (बाएं से) श्री गोपाल आर्य, श्री राम माधव,श्री अरुण कुमार गोयल, श्री हितेश शंकर, श्रीमती रिवाबा जडेजा और गोवा के कुछ अन्य गणमान्यजन

कल, आज और कल अटल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies