सुनील राय
विगत चार वर्षों में यूपी पुलिस में बड़े बदलाव हुए हैं. यूपी पुलिस अब अत्याधुनिक वाहनों एवं हथियारों से लैस है. अपराध नियंत्रण के लिए 18 जिलों में विधि विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित की गई. इंस्टीट्यूट ऑफ फॅारेंसिक साइंसेज का निर्माण लखनऊ में शुरू हो चुका है.
प्रदेश की महिलाओं के लिए अलग से पिंक बूथ बनवाया गया. पुलिस लाइन में खस्ताहाल भवनों का नवीनीकरण कर पुलिस कर्मियों को नए आवास उपलब्ध कराए गए. यूपी के कई शहरों में कमिश्नरेट सिस्टम लागू कर पुलिसिंग को नई दिशा दी गई. यूपी पुलिस आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण आयोग का गठन कर पुलिस रिफार्म के लिए बेहतर कदम उठाए गए.
पुलिस के आधुनिकीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार ने यूपी पुलिस आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण आयोग का गठन किया. आयोग ने दो चरणों में पुलिस बल की भर्ती, पदोन्नति, प्रशिक्षण, पुलिस आवासों का निर्माण व नवीनीकरण, स्वच्छ पेयजल व शौचालयों की व्यवस्था की. महिला पुलिस कर्मियों के लिए बेहतर वातावरण, ग्राम प्रहरी (चौकीदारों) का सुदृढ़ीकरण, कम्युनिटी पुलिस बढ़ाने और थाने में आने वाले लोगों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गईं. अपराध रोकने के लिए पुलिस का रिस्पांस टाइम भी कम हो गया है.
कानून एवं व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश में 155 नए थाने और 50 पुलिस चौकियों की स्थापना की गई. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के द्वारा 1.5 लाख से अधिक भर्ती की गई. महिलाओं के लिए प्रदेश के सभी 1,535 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई. केंद्र की तर्ज पर यूपीसीआईएसएफ का गठन किया गया. भूमफियाओं पर लगाम कसने के लिए एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन किया गया. चार वर्षों में माफियाओं की डेढ़ हजार करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई. जनसुवाई को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश के सभी जनपदों के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में एफआइआर काउंटर खोले गए.
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