राज्य सरकार ने प्रदेश के दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिये महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. दिव्यांगजनों को समाज में सम्मान दिलाने के लिए उनकी शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए शिक्षा प्रणाली में बेहतर तकनीक का इस्तेमाल भी किया जा रहा है.
एक वर्ष के दौरान 3,15,806 दिव्यांग बच्चों को प्रभावी अनुश्रवण की मोबाइल आधारित ‘समर्थ’ तकनीकी की सुविधा मुहिया कराई गई है. समर्थ प्रणाली के माध्यम से 82,820 दिव्यांग बच्चों के लिये ऑनलाइन वैयक्तिक शैक्षिक योजना को तैयार किया गया. बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 3,908 गंभीर रूप से दिव्यांग बच्चों को होम बेस्ड एजुकेशन देने के लिए आवश्यक सामग्री और स्टेशनरी प्रदान की है.
प्रदेश सरकार ने दृष्टि दिव्यांग बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिये 3008 सेट ब्रेल पाठ्य पुस्तकों का वितरण किया है. पूर्ण दृष्टि दिव्यांग बच्चों को ब्रेल स्टेशनरी में इम्बोस्ड चार्ट्स, ब्रेल पेपर्स, स्टाइलस, टाइप्स, स्पर्शीय चित्र आदि उपलबध कराए गये हैं. अल्प दृष्टि दिव्यांग बच्चों के शिक्षण के लिये सेट इनलार्ज प्रिंट की पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं. 1263 बच्चों को लो-विजन किट में बोल्ड मार्कर, राइटिंग गाईड, शीट मैग्नीफायर उपलब्ध कराया गया है.
प्रदेश में दिव्यांग बच्चों को सहायक उपकरण और यंत्र उपलब्ध कराने के लिये एलिम्को कानपुर के सहयोग से 278 मापन एवं वितरण शिविर लगाए गये. इन शिविरों में 20,966 दिव्यांग बच्चों को ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, रोलेटर वॉकिंग स्टिक, सीपी चेयर, मल्टी सेन्सरी एजुकेशन किट, ब्रेल किट्स, मोबिलिटी केन, स्मार्ट केन, डेजीप्लेयर और हेयरिंग एड आदि उपलब्ध कराए गये.
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