एक साजिश के तहत जम्मू-कश्मीर से छात्र वीजा पर पाकिस्तान जाने वाले कई युवक आतंकी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने इस बात की पुष्टि की
एक साजिश के तहत जम्मू-कश्मीर से छात्र वीजा पर पाकिस्तान जाने वाले कई युवक आतंकी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मंगलवार को टूरिस्ट और छात्र वीजा पर कश्मीरी युवकों के पाकिस्तान में जाकर आतंकी ट्रेनिंग लेने की पुष्टि करते हुए कहा कि इस साल चार बार एलओसी पर आतंकियों की घुसपैठ हुई है। घुसपैठ करने वाले अधिकांश आतंकी मारे गए हैं।
जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का पूरी तरह खात्मा ही हमारा लक्ष्य है और इसे हम जल्द ही हासिल करेंगे। जिला पुलिस लाइन राजौरी में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि एलओसी पार करना अब मुश्किल हो चुका है। ऐसे में आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से युवकों को मजहब के नाम पर गुमराह कर उन्हें आतंकी बनाने में जुटे हुए हैं। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इन तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि कई ओवर ग्राउंड आतंकी वर्करों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं अधिकांश आतंकी सरगना मारे जा चुके हैं। इसके अलावा घाटी में बचे हुए आतंकियों को मनोबल पूरी तरह से टूट चुका है।
कश्मीरी लड़कों के पाकिस्तान जाने के मामले में उन्होंने कहा कि आतंकी सरगनाओं ने स्थानीय लड़कों को ट्रेनिंग देने का यह नया तरीका निकाला है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के दौरान कश्मीर से करीब 57 लड़के पढ़ाई और टूरिस्ट वीजा लेकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर गए थे। लेकिन बाद में ये लड़के वहां मौजूद आतंकी शिविरों तक पहुंच गए थे। इनमें से 30 लड़के वापस आतंकी बनकर लौटे थे, जो 17 विभिन्न मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं।
इस समय भी जम्मू कश्मीर में 13 ऐसे आतंकी सक्रिय हैं, जो पासपोर्ट लेकर पढ़ाई के लिए पाकिस्तान गए थे और आतंकी बनकर लौटे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर से पाकिस्तान गए युवकों पर निगरानी रखी जा रही है। जम्मू कश्मीर से अब कोई और नौजवान आतंकी बनने के लिए पाकिस्तान नहीं जा सके, इसलिए पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया में सीआईडी जांच की प्रकिया में संशोधन किया गया है। इस प्रकिया के तहत कोई भी शरारती तत्व पासपोर्ट हासिल नहीं कर पाएंगे।
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