रफ्तार पकड़ रहा है यूके में टीकाकरण अभियान (फाइल चित्र)
एक ओर कोरोना वायरस नित नए स्वरूप बदल रहा है तो दूसरी ओर इस पर अनेक अध्ययन हो रहे हैं। ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन के अनुसार वैसीन के दोनों टीके लगवा चुके लोग अपने और दूसरों के लिए इस महामारी के सामने एक सुरक्षा कवच बना देते हैं
यूनाइटेड किंग्डम में हुई एक शोध का दावा है कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन के दोनों टीके लगावा लिए हैं उनके अंदर प्रतिरोध क्षमता इतनी बढ़ जाती है कि वे अन्यों के मुकाबले कोरोना वायरस के संक्रमण से तीन गुना ज्यादा सुरक्षित हो जाते हैं। यह शोध 98 हजार लोगों के बीच की गई है।
कोरोना वायरस पर ब्रिटेन के शीर्ष अनुसंधानों में से एक 'रियल टाइम असेसमेंट ऑफ कम्युनिटी ट्रांसमिशन' की हाल में सामने आई रपट की मानें तो इस साल 20 मई से 7 जून के मध्य ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण की दर चार गुना बढ़ गई थी। यह 0.13 प्रतिशत से 0.63 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। संक्रमण में गिरवट 12 जुलाई के बाद देखी गई थी।
इंपीरियल कॉलेज, लंदन तथा आईपीएसओएस मोरी के आंकड़ों को देखें तो ब्रिटेन की राजधानी लंदन में गत 24 जून से 12 जुलाई के बीच 98 हजार वालंटियर्स ने अध्ययन में हिस्सा लिया था। इस अध्ययन से पता चला है कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन के दोनों टीके लगवाए थे उनमें संक्रमण की दर अन्यों के मुकाबले तीन गुना तक कम पाई गई।
प्रतिरोधक है टीकाकरण
यूके के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद ने कहा है कि उनके देश में टीकाकरण अभियान कोरोना के विरुद्ध एक मजबूत दीवार की तरह काम कर रहा है। मतलब ये कि लोग पूरी सावधानियां अपनाते हुए फिर से पूर्व की भांति जीवन जी सकते हैं। जावेद ने बताया है कि रिपोर्ट से पता चलता है कि कोरोना से बचने की जिम्मेदारी हमें खुद उठानी होगी। हमें कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचने की कोशिश करनी होगी। रपट में अपील की गई है कि जिन लोगों में कोरोना वायरस के जरा भी लक्षण दिखते हैँ, वे अपने नाक और मुंह को अच्छे से ढक कर रखें। साथ ही सभी लोगों से दोनों खुराकों के टीके लगवाने की भी अपील की गई है।
अनुमान है कि ब्रिटेन में 2 करोड़ 20 लाख लोगों को टीका लग जाने की वजह से करीब 52,600 लोग अस्पताल में भर्ती होने से बच गए, जबकि इससे 35,200 से 60,000 तक असमय मौतों से बचा जा सका है। शोध के नतीजे बताते हैं कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवा ली हैं, उनमें संक्रमण की दर तीन गुना तक कम देखी गई है। इससे अन्यों के संक्रमित होने का खतरा भी बहुत हद तक कम हुआ है।
ब्रिटेन के जनस्वास्थ्य आंकड़े बताते हैं कि यूके में लोगों को लगाई जा रही वैक्सीन इस महामारी से बचने के लिए बेहद प्रभावी है। बता दें कि यूके में फाइजर व बायोटेक वैक्सीन लगाई जा रही हैं। वहां के आंकड़ों के अनुसार, ये कोरोना के खिलाफ 96 प्रतिशत तक प्रतिरोधक क्षमता देती हैं। जबकि ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीनें 92 प्रतिशत तक कामयाब पाई गई हैं। एक अनुमान है कि ब्रिटेन में 2 करोड़ 20 लाख लोगों को टीका लग जाने की वजह से करीब 52,600 लोग अस्पताल में भर्ती होने से बच गए, जबकि इससे 35,200 से 60,000 तक असमय मौतों से बचा जा सका है। यूके के टीकाकरण के प्रभारी मंत्री नादीम के अनुसार, अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि टीकाकरण के अच्छे प्रभाव देखने में आ रहे हैं। वे बताते हैं कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवा ली हैं, उनमें संक्रमण की दर तीन गुना तक कम देखी गई है। इससे अन्यों के संक्रमित होने का खतरा भी बहुत हद तक कम हुआ है।
ताजा जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस के अल्फा और डेल्टा स्वरूप कितने खतरनाक हैं, इस पर शोध जारी है। वैज्ञानिकों के कहने पर, अब यूके में टीकाकरण 16 या उससे अधिक उम्र वालों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। पहले टीकारण 18 या उससे अधिक उम्र वालों के लिए अनिवार्य था।
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