मंदिर को तोड़ते हुए मजहबी उन्मादी
प्रधानमंत्री इमरान खान ने मजहबी उन्मादियों के उपद्रव का शिकार बने गणेश मंदिर को फिर से वैसा ही बनवाने का वादा तो किया है, लेकिन उस देश में जिस तरह कट्टरपंथियों की तूती बोलती है उसे देखते हुए, संदेह है कि ऐसा हो पाएगा
पाकिस्तान में दो दिन पहले यानी 4 अगस्त को मंदिर को उन्मादियों द्वारा ध्वस्त करने के विरुद्ध भारत ने तीखी प्रतिक्रिया की। इसका और सोशल मीडिया में घटना पर उमड़े लोगों के आक्रोश का फौरन असर भी पड़ा। कल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस घटना पर दुख जताया, इसकी कड़ी निंदा की और ध्वस्त मंदिर का जीर्णोद्धार कराने का वादा भी किया। इमरान ने अपने ट्वीट में लिखा है— ‘मैं रहीमयार खान के भोंग में गणेश मंदिर पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैंने पहले ही आईजी, पंजाब को सभी अपराधियों का गिरफ्तार होना सुनिश्चित करने और लापरवाह पुलिसवालों के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा है। सरकार मंदिर का जीर्णोद्धार भी कराएगी।''
प्रधानमंत्री इमरान खान के इस ट्वीट को लेकर कयास ही लगाए जा रहे थे कि इस बीच वहां के सुप्रीम कोर्ट ने भी मंदिर पर मजहबी उन्मादियों के हमले का स्वत: संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण में पंजाब प्रांत के चीफ सेक्रेटरी और आईजी पुलिस को 24 घंटे में 6 अगस्त को अदालत पेश होने का फरमान जारी किया। चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने अदालत की तरफ से बयान जारी करके इस घटना पर गंभीर अफसोस जताया है।
इमरान की पार्टी, पीटीआई के नेता और युवा हिंदू पंचायत, पाकिस्तान के संरक्षक जय कुमार धीरानी ने कल ही इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की थी। उन्होंने ट्वीट में लिखा था, 'भोंग शरीफ में मंदिर पर हुए इस बर्बर हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं। यह हमला प्यारे पाकिस्तान के खिलाफ साजिश है। मैं प्रशासन के अफसरों से अपराधियों को जेल में डालने का अनुरोध करता हूं।'
प्रधानमंत्री इमरान खान के इस ट्वीट को लेकर कयास ही लगाए जा रहे थे कि इस बीच वहां के सुप्रीम कोर्ट ने भी मंदिर पर मजहबी उन्मादियों के हमले का स्वत: संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण में पंजाब प्रांत के चीफ सेक्रेटरी और आईजी पुलिस को 24 घंटे में 6 अगस्त को अदालत पेश होने का फरमान जारी किया।
मजहबी उन्मादियों को इस बार पर कथित गुस्सा था कि एक 9 साल के हिंदू बच्चे को जमानत दी गई थी। उस पर कथित आरोप था कि उसने एक स्थानीय मदरसे में पेशाब करके 'अपवित्र' किया था। उस बच्चे को जमानत मिलने से स्थानीय मजहबी तत्व भड़क गए थे और उन्होंने ही भोंग के गणेश मंदिर में जमकर उत्पात मचाया था। इतना ही नहीं, उन्होंने सड़कें भी जाम कर दी थीं। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, उस 9 साल के हिन्दू बच्चे के विरुद्ध 'ईशनिंदा' कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। नाबालिग होने की वजह से उसे जमानत दी गई थी।
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