प्रवीण सिन्हा
टोक्यो ओलंपिक में भारत ने आज हॉकी और कुश्ती में पदक जीत कर अपना अभियान जारी रखा। पुरुष हॉकी में जहां 41 वर्ष के पदक के सूखे को समाप्त करते हुए भारतीय टीम कांस्य जीतने में सफल रही, वहीं 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में रवि दहिया ने रजत पदक जीत दबदबा कायम किया। हालांकि कुश्ती में ही दीपक पूनिया अंतिम 15 सेंकेंड तक बढ़त बनाने के बावजूद कांस्य से चूक गए।
टोक्यो ओलंपिक में गुरुवार का दिन भारत के लिए मिश्रित सफलताओं वाला दिन रहा। भारतीय पुरुष हाकी टीम ने कांस्य पदक जीत जहां ओलंपिक खेलों में भारत के 41 साल के सूखे को समाप्त किया, वहीं रवि दहिया ने 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में रजत पदक जीत ओलंपिक में भारतीय कुश्ती के दबदबे को कायम रखा। रवि ओलंपिक खेलों में भारत की ओर से रजत पदक जीतने वाले दूसरे पहलवान बने। टोक्यो ओलंपिक में यह भारत का पांचवां पदक था। इस बीच, कुश्ती में ही एक निराशाजनक परिणाम दीपक पूनिया के 86 किग्रा वर्ग में आया जब अंतिम 15 सेकेंड तक बढ़त बरकरार रखने के बावजूद वह कांस्य पदक से वंचित रह गए।
टोक्यो में कुश्ती का मिला पहला पदक
रवि दहिया ने पहले ओलंपिक खेलों में धमाकेदार अंदाज में शुरुआत करते हुए दो मुकाबले टेक्नीकल सुपरियरिटी के आधार पर जीते। अपने प्रतिद्वंद्वियों पर हावी रहने का उनका सिलसिला सेमीफाइनल तक चला। लेकिन फाइनल में उनके सामने पिछले दो बार के विश्व चैंपियन रूसी ओलंपिक समिति के जावुर उगुएव थे जो रवि से कहीं बेहतर पहलवान साबित हुए। उगुएव ने अंदाज में शुरुआत करते हुए 7-2 की बढ़त हासिल कर ली। हालांकि रवि ने स्कोर 4-7 कर वापसी के संकेत दिए, लेकिन उनके प्रयास स्वर्ण जीतने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुए। रवि के लिए हालांकि खुशी की बात यह रही कि सुशील कुमार (2012 लंदन ओलंपिक) के बाद ओलंपिक खेलों में भारत की ओर से रजत पदक जीतने वाले वह दूसरे पहलवान हैं।
दीपक ने जगायी उम्मीदें
भारत के पास कुश्ती में ही आज दूसरा पदक जीतने का भी मौका था। 22 वर्षीय युवा पहलवान दीपक पूनिया ने कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में सैन मैरिनो के माइल्स एमिने के विरुद्ध 2-0 की बढ़त बना ली जो मुकाबले के अंतिम 15 सेकेंड तक कायम रही। ओलंपिक पदक एक तरह से दीपक की झोली में करीबन आ चुका था, लेकिन एमिने ने निर्णायक दांव लगाते हुए पहले मुकाबला 2-2 से बराबर किया और फिर 3-2 से मैच और कांस्य पदक हासिल कर लिया।
महिला हॉकी टीम कांस्य के लिए खेलेगी
सेमीफाइनल में भारतीय महिला हॉकी टीम के सामने विश्व की नंबर दो वरीय अर्जेंटीना की टीम थी। भारतीय टीम को गुरजीत कौर ने पहले ही क्वार्टर में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर 1-0 की बढ़त दिला दी। लेकिन अर्जेंटीना की कप्तान मारिया वैरियोनुएवो ने दूसरे व तीसरे क्वार्टर में एक–एक गोल दागकर अपनी टीम को बढ़त दिला दी जो अंत तक कायम रही। हालांकि भारतीय टीम ने मैच में वापसी की हरसंभव कोशिश की, लेकिन अर्जेंटीना ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की। हालांकि भारतीय टीम के पास अब भी इतिहास रचने का मौका है। अगर भारतीय टीम ग्रेट ब्रिटेन को हराने में सफल रहती है तो ओलंपिक इतिहास में उन्हें पहला पदक जीतने का मौका मिल जाएगा।
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