संंताल परगना क्षेत्र में सात साल से सक्रिय 27 वर्षीय माओवादी गंगा प्रसाद राय ने आत्मसमर्पण कर दिया है। उसने अपनी रायफल के साथ पुलिस उपमहानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल व एसएसबी के डीआईजी टी सेरिंग डोरजाय के सामने सरेंडर कर दिया
गंगा कुख्यात नक्सली कमांडर ताला दा व उसके बाद विजय दा के दस्ते का सक्रिय सदस्य रहा है। डीआईजी ने बताया कि गंगा प्रसाद राय दुमका जिले के सरुवापानी गांव का रहने वाला है जिसने एक राइफल के साथ आत्मसमर्पण किया। पिछले आठ वर्षों से वह दुमका ज़िला के काठीकुंड, रामगढ़ और गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी में सक्रिय रहा। गंगा 2014 से नक्सली गतिविधियों में भाग ले रहा था।
डीआईजी ने बताया कि गंगा की सक्रियता शिकारीपाड़ा, सुंदरपहाड़ी, गोपीकांदर और काठीकुंड में रही है। 2016 के जून और जुलाई में इसके पास से हथियार बरामद हुए थे। दोनों मामले इस पर दर्ज हुए थे। एक साल से माओवादियों की गतिविधि कम हो गई है। तीन महीने से पुलिस इसकी टोह में थी। जब भी पुलिस और एसएसबी के जवान छापेमारी को जाते तो गांव के लोगों को माओवादियों के लिए बनी सरकार की पुनर्वास नीति के बारे में बताया जाता था। ग्रामीणों से जानकारी लेने के बाद गंगा ने पुनर्वास नीति पर भरोसा कर बुधवार को आत्मसमर्पण किया। एक लाख का चेक दे दिया है, बाद में सवा दो लाख रुपए के अलावा सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा।
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